• Skip to content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

डाॅ. वेदप्रताप वैदिक

पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति

Header Right


प्रख्यात पत्रकार, विचारक, राजनितिक विश्लेषक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं वक्ता
An eminent journalist, ideologue, political thinker, social activist & orator
  • Home
  • About Dr. Vaidik
  • Articles
  • News
  • Publication
  • Photos
  • Videos
  • Join Samvad
You are here: Home / Articles / विदेशी पैसा और हमारी संस्थाएं

विदेशी पैसा और हमारी संस्थाएं

January 3, 2022 By Dr. Vaidik Leave a Comment

भारत की हजारों संस्थाओं को मिलने वाले विदेशी पैसे पर कड़ी निगरानी अब शुरु हो गई है। विदेशों की मोटी मदद के दम पर चलने वाली संस्थाओं की संख्या भारत में 22,762 है। ये संस्थाएं समाज-सेवा का दावा करती हैं। विदेशी पैसे से चलने वाली इन संस्थाओं में कई शिक्षा-संस्थाओं, अस्पतालों, अनाथालयों, विधवा आश्रमों आदि के अलावा ऐसे संगठन भी चलते हैं, जो या तो कुछ नहीं करते या सेवा के नाम पर धर्म-परिवर्तन और छद्म राजनीति करते हैं। पिछले कई वर्षों से यह आवाज उठ रही थी कि इन सब संस्थाओं की जांच की जाए।

इन संस्थाओं का सरकार के साथ पंजीकरण अनिवार्य बना दिया गया था और इन्हें विदेशी पैसा लेने के पहले सरकार से अनुमति लेना जरुरी था। गृहमंत्रालय से इन्हें लायसेंस लेना अनिवार्य है लेकिन इस साल लगभग 6 हजार संस्थाओं का पंजीकरण स्थगित कर दिया गया है। 18 हजार से ज्यादा संस्थाएं अभी पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाली है। ऐसी 179 संस्थाओं का पंजीकरण रद्द हो गया है, जिनके हिसाब में गड़बड़ी पाई गई है या जो निष्क्रिय हैं या जिनकी गतिविधियां आपत्तिजनक मानी गई हैं।

मदर टेरेसा की संस्था भी इनमें है। कई संस्थाओं के बैंक खाते भी बंद कर दिए गए हैं। इस पर सरकार के विरुद्ध कई नेता और संगठन काफी शोर मचा रहे हैं। यह स्वाभाविक है। विपक्षी नेताओं को तो हर उस मुद्दे की तलाश रहती है, जिस पर वे कुछ शोर मचा सकें लेकिन समाजसेवी संगठनों की तो सचमुच मुसीबत हो गई है। उनके कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। अस्पतालों में इलाज बंद हो गया है। अनाथ बच्चों को खाने-पीने की समस्या हो गई है।

जिन संस्थाओं के विदेशी पैसे पर रोक लगी है और जिनका पंजीकरण रोका गया है, वे सिर्फ गैर-सरकारी संस्थाएं ही नहीं हैं। उनमें नेहरु स्मृति संग्रहालय, इंदिरा गांधी कला केंद्र, लालबहादुर शास्त्री स्मृति प्रतिष्ठान और जामिया मिलिया जैसी संस्थाएं भी हैं, जो देश के बड़े-बड़े नामों से जुड़ी हुई हैं और जिन्हें सरकारी मदद भी मिलती रही है। इन संस्थाओं पर लगी रोक को शुद्ध राजनीतिक और सांप्रदायिक कदम भी बताया जा सकता है। मदर टेरेसा की संस्थाओं पर रोक को भी इसी श्रेणी में रखा जा रहा है लेकिन जब यह मामला संसद में उठेगा तो सरकार को यह बताना पड़ेगा कि इन संस्थाओं पर रोक लगाने के ठोस कारण क्या हैं? ये संस्थाएं सिर्फ इस कारण विदेशी पैसे का दुरुपयोग नहीं कर सकतीं कि इनके साथ देश के बड़े-बड़े लोगों के नाम जुड़े हुए हैं।

सरकार ने विदेशी पैसे से चलने वाली इन संस्थाओं के काम-काज पर कड़ी निगरानी शुरु कर दी है, यह तो ठीक है लेकिन यह देखना भी उसका कर्तव्य है कि मरीजों, अनाथों, छात्रों और गरीबों का जीना दूभर न हो जाए। उनकी वैकल्पिक व्यवस्था भी जरुरी है। इन संस्थाओं पर निगरानी इसलिए भी रखनी जरुरी है कि कोई राष्ट्र या उसके नागरिक किसी पराए देश के लिए अपनी तिजोरियां प्रायः तभी खोलते हैं, जब उन्हें अपना कोई स्थूल या सूक्ष्म स्वार्थ सिद्ध करना होता है। क्या वह दिन भी कभी आएगा, जब हमारी सरकार की तरह हमारी सामाजिक संस्थाएं विदेशी पैसा लेना बंद कर देंगी?

Filed Under: Articles

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

PHOTOS

Photos

VIDEOS

https://www.youtube.com/watch?v=QfEMmGaadao

Samvad

  • Join Dr. Vaidik's Community
  • Facebook
  • Twitter

RECENT

सत्ता ही सत्य, ईश्वर मिथ्या है

सत्ता ही सत्य, ईश्वर मिथ्या है

May 21, 2022 By Dr. Vaidik Leave a Comment

ज्ञानवापी की मस्जिद की हर गुंबद के नीचे कुछ न कुछ ऐसे प्रमाण मिल रहे हैं, जिनसे यह सिद्ध होता है कि … [Read More...] about सत्ता ही सत्य, ईश्वर मिथ्या है

राजीव के हत्यारे की रिहाई

राजीव के हत्यारे की रिहाई

May 20, 2022 By Dr. Vaidik Leave a Comment

राजीव गांधी के हत्यारे ए.जी. पेरारिवालन को सर्वोच्च न्यायालय ने रिहा कर दिया। इस पर तमिलनाडु में … [Read More...] about राजीव के हत्यारे की रिहाई

नाक में दम करती मंहगाई

नाक में दम करती मंहगाई

May 19, 2022 By Dr. Vaidik Leave a Comment

मंहगाई यदि इसी तरह बढ़ती रही तो देश में अराजकता भी फैल सकती है। ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस समय … [Read More...] about नाक में दम करती मंहगाई

जो मंदिर में है, वही मस्जिद में भी है

जो मंदिर में है, वही मस्जिद में भी है

May 18, 2022 By Dr. Vaidik Leave a Comment

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में अदालतें क्या फैसला करेंगी, अभी कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन … [Read More...] about जो मंदिर में है, वही मस्जिद में भी है

कांग्रेसः न नेता और न नीति

कांग्रेसः न नेता और न नीति

May 17, 2022 By Dr. Vaidik Leave a Comment

कांग्रेस का चिंतन-शिविर समाप्त हो गया लेकिन क्या वह उसकी चिंता समाप्त कर पाया? कांग्रेस की चिंता तो … [Read More...] about कांग्रेसः न नेता और न नीति

Footer

डाॅ. वेदप्रताप वैदिक

पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, हिंदी के लिए अपूर्व संघर्ष, विश्व यायावरी, प्रभावशाली वक्तृत्व, संगठन-कौशल आदि अनेक क्षेत्रों में एक साथ मूर्धन्यता प्रदर्षित करने वाले अद्वितीय व्यक्त्तिव के धनी डाॅ. वेदप्रताप वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को पौष की पूर्णिमा पर इंदौर में हुआ।

READ MORE ABOUT DR. VAIDIK

RECENT POSTS

  • सत्ता ही सत्य, ईश्वर मिथ्या है May 21, 2022
  • राजीव के हत्यारे की रिहाई May 20, 2022
  • नाक में दम करती मंहगाई May 19, 2022
  • जो मंदिर में है, वही मस्जिद में भी है May 18, 2022
  • कांग्रेसः न नेता और न नीति May 17, 2022

SEARCH

Address: 242, Sector 55, Gurgaon, Haryana - 122011

Phone: (0091) 0124-405-7295 / (0091) 9891711947

dr.vaidik@gmail.com

Copyright © 2017: drvaidik.in · Design + Code by Websolvant - Delhi Web Company · Powered by 4to40.com