• Skip to content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

डाॅ. वेदप्रताप वैदिक

पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति

Header Right


प्रख्यात पत्रकार, विचारक, राजनितिक विश्लेषक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं वक्ता
An eminent journalist, ideologue, political thinker, social activist & orator
  • Home
  • About Dr. Vaidik
  • Articles
  • News
  • Publication
  • Photos
  • Videos
  • Join Samvad
You are here: Home / Articles / विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी?

विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी?

February 13, 2023 By Dr. Vaidik Leave a Comment

फिजी में 15 फरवरी से 12 वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1975 में नागपुर से शुरु हुआ था। उसके बाद यह दुनिया के कई देशों में आयोजित होता रहा है। जैसे मोरिशस, त्रिनिदाद, सूरिनाम, अमेरिका, ब्रिटेन, भारत आदि! पिछले दो सम्मेलनों को छोड़कर बाकी सभी सम्मेलनों के निमंत्रण मुझे मिलते रहे हैं। मुझे 1975 के पहले सम्मेलन से ही लग रहा था कि यह सम्मेलन हिंदी के नाम पर करोड़ों रु. फिजूल बहा देने की कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं है। नागपुर सम्मेलन के दौरान मैंने ‘नवभारत टाइम्स’ में एक संपादकीय लिखा था, जिसका शीर्षक था, ‘‘हिंदी मेलाः आगे क्या?’’ 38 साल बीत गए लेकिन जो सवाल मैंने उस समय उठाए थे, वे आज भी ज्यों के त्यों जीवित हैं। तत्कालीन दो प्रधानमंत्रियों के आग्रह पर मैंने मोरिशस और सूरिनाम के सम्मेलनों में भाग लिया। वहां दो-तीन सत्रों की अध्यक्षता भी की और दो-टूक भाषण भी दिए। कुछ ठोस प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित भी करवाए लेकिन सारे विश्व हिंदी सम्मेलन सैर-सपाटा सम्मेलन बनकर रह गए हैं। अब अच्छा है कि मोदी-राज में मेरे-जैसे स्पष्टवक्ताओं को इन सैर-सपाटा सम्मेलनों से दूर ही रखा जाता है। यह खुशी की बात है कि यह 12 वाॅं सम्मेलन उस फिजी में हो रहा है, जहां प्रवासी भारतीयों के अन्य देशों की बजाय हिंदी का चलन ज़रा ज्यादा है लेकिन हिंदी की जो दुर्दशा भारत में हैं, वही हाल हिंदी का उन प्रवासी देशों में भी है।

इन देशों में तो हिंदी की बजाय आम लोग अपनी बोलियों में ही बातचीत करते हैं। यदि इन देशों में महर्षि दयानंद का आर्यसमाज सक्रिय न होता तो वहां हिंदी का नामो-निशान ही मिट जाता। इन देशों में भी संसदीय कार्रवाई, अदालती बहस और फैसले तथा सारी ऊँची पढ़ाई अंग्रेजी या फ्रांसीसी में ही होती है। ऐसा वहां क्यों न हो? जब दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र भारत अंग्रेजी की गुलामी में डूबा हुआ है तो इन छोटे-मोटे देशों को हम दोष क्यों दे? 1975 में ही ‘साप्ताहिक हिंदुस्तान’ में मेरे वरिष्ठ मित्र गोविंदप्रसादजी केजरीवाल ने विश्व हिंदी सम्मेलन पर लिखते हुए कहा था कि ‘घर में नहीं दाने! अम्मा चली भुनाने!!’ आजकल हम आजादी का 75 वां वर्ष मना रहे हैं लेकिन हमारे कानून, हमारे सरकारी आदेश, हमारे ऊँचे अदालती फैसले, हमारी ऊँची पढ़ाई और शोध-कार्य सभी काम-काज अंग्रेजी में चल रहे हैं और हम हिंदी को विश्व भाषा बनाने पर तुले हुए हैं। यह ठीक है कि अन्तरराष्ट्रीय व्यापार, कूटनीति और शोधकार्य के लिए हमें कई विदेशी भाषाओं को अवश्य सीखना चाहिए लेकिन हम अकेली अंग्रेजी की गुलामी में डूबे हुए हैं। हिंदी को संयुक्तराष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनवाने का प्रस्ताव मैंने सूरिनाम में पारित करवाया था लेकिन यदि वह बन भी जाए तो भी क्या होगा? क्या हमारे नेताओं को कुछ शर्म आएगी? क्या वे नौकरशाहों की नौकरी करना बंद कर पाएंगे? यदि वे वे ऐसा कर सकें तो अंग्रेजी की गुलामी से हिंदी अपने आप मुक्त हो जाएगी।
13.02.2023

Filed Under: Articles

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

PHOTOS

Photos

VIDEOS

https://www.youtube.com/watch?v=QfEMmGaadao

Samvad

  • Join Dr. Vaidik's Community
  • Facebook
  • Twitter

RECENT

अडानी-श्रीलंकाः मोदी की चुप्पी?

अडानी-श्रीलंकाः मोदी की चुप्पी?

March 7, 2023 By Dr. Vaidik Leave a Comment

गौतम अडानी और हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले पर नए रहस्योद्घाटन लगभग रोज़ ही हो रहे हैं। इस बार का संसद … [Read More...] about अडानी-श्रीलंकाः मोदी की चुप्पी?

मिलावटखोरों को सजा ऐसी हो

मिलावटखोरों को सजा ऐसी हो

March 6, 2023 By Dr. Vaidik Leave a Comment

हमारी दो दवा-निर्माता कंपनियों के कारनामों से सारी दुनिया में भारत की बदनामी हो रही है। इस बदनामी से … [Read More...] about मिलावटखोरों को सजा ऐसी हो

क्यों डरें महर्षि वेलेंटाइन से ?

क्यों डरें महर्षि वेलेंटाइन से ?

February 15, 2023 By Dr. Vaidik Leave a Comment

(भारत सरकार के पशु-कल्याण बोर्ड ने पहले घोषणा की कि ‘वेलेंटाइन डे’ को ‘गाय को गले लगाओ दिवस’ के तौर … [Read More...] about क्यों डरें महर्षि वेलेंटाइन से ?

मदनीः इस्लाम जन्मा भारत में?

मदनीः इस्लाम जन्मा भारत में?

February 12, 2023 By Dr. Vaidik Leave a Comment

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुखिया महमूद मदनी के बयान पर इधर हंगामा मचा हुआ है। हमारे टीवी चैनलों पर आजकल … [Read More...] about मदनीः इस्लाम जन्मा भारत में?

अमेरिका : शादी जरूरी नहीं

अमेरिका : शादी जरूरी नहीं

February 11, 2023 By Dr. Vaidik Leave a Comment

भारत की जीवन पद्धति और पश्चिमी देशों की जीवन पद्धति में कितना अंतर है। भारत में हालांकि वर्णाश्रण … [Read More...] about अमेरिका : शादी जरूरी नहीं

Footer

डाॅ. वेदप्रताप वैदिक

पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, हिंदी के लिए अपूर्व संघर्ष, विश्व यायावरी, प्रभावशाली वक्तृत्व, संगठन-कौशल आदि अनेक क्षेत्रों में एक साथ मूर्धन्यता प्रदर्षित करने वाले अद्वितीय व्यक्त्तिव के धनी डाॅ. वेदप्रताप वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को पौष की पूर्णिमा पर इंदौर में हुआ।

READ MORE ABOUT DR. VAIDIK

RECENT POSTS

  • अडानी-श्रीलंकाः मोदी की चुप्पी? March 7, 2023
  • मिलावटखोरों को सजा ऐसी हो March 6, 2023
  • क्यों डरें महर्षि वेलेंटाइन से ? February 15, 2023
  • विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी? February 13, 2023
  • मदनीः इस्लाम जन्मा भारत में? February 12, 2023

SEARCH

Address: 242, Sector 55, Gurgaon, Haryana - 122011

Phone: (0091) 0124-405-7295 / (0091) 9891711947

dr.vaidik@gmail.com

Copyright © 2017: drvaidik.in · Design + Code by Websolvant - Delhi Web Company · Powered by 4to40.com