सुश्री स्वाति मालीवाल को अनशन करते हुए एक सप्ताह हो रहा है लेकिन अभी तक न तो कोई केंद्रीय मंत्री राजघाट गया है और न ही भाजपा का कोई पदाधिकारी ! अच्छा हुआ कि कांग्रेस का कोई नेता वहां नहीं गया। अगर वह जाता तो भाजपा और कांग्रेस में आपसी दंगल छिड़ जाता। लेकिन अब ‘सबल भारत’ की ओर से शनिवार, 21 अप्रैल को हम सब वहां दिन के 1 बजे इकट्ठे होंगे। देश में आए दिन हो रहे बलात्कारों के विरुद्ध स्वाति ने मोर्चा खोला है। इस नवयुवती की मांगें काफी हद तक सही मालूम पड़ती हैं। वह मांग कर रही है कि बलात्कारियों को कठोरतम दंड दिया जाए और उनके मुकदमे छह माह में ही निपटाएं जाएं, पुलिसवालों की संख्या बढ़ाई जाए। इनमें कौनसी मांग ऐसी है, जो गलत है या जिसे लागू करना असंभव है ?
स्वाति मालीवाल ‘आप’ पार्टी में सक्रिय रही हैं लेकिन उनका यह अनशन कोई राजनीतिक पैंतरा नहीं मालूम पड़ता और न ही गैर-राजनीतिक नेताओं की तरह अपनी प्रसिद्धि को बनाए रखने का बहाना है। यह भारत मां की एक बेटी के दिल की आवाज है। यह भारत की करोड़ों बेटियों की इज्जत और जान की रक्षा का सवाल है। बलात्कार और हत्या की खबरों के कारण इस धर्मप्राण देश की बदनामी सारी दुनिया में हो रही है। न्यूयार्क और लंदन के अखबारों ने अपने संपादकीयों में हमारी निंदा की है। इंटरनेशनल मानीटरी फंड के अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्द ने कहा है कि भारत में औरतों पर जो अत्याचार हो रहे हैं, वे भयंकर है। उन्हें रोकने पर प्र.मं. नरेंद्र मोदी को विशेष ध्यान देना चाहिए। बाम्बे उच्च न्यायालय ने अपने एक ताजे फैसले में कहा है कि आज भारत की छवि एक अपराधी और बलात्कारी देश की हो गई है। ऐसे समय में स्वाति मालीवाल का अनशन देश और सरकार की भलाई के लिए ही है। इस समय नरेंद्र मोदी बाहर हैं और उनके लौटने तक यदि स्वाति को कुछ हो गया तो देश में कोहराम मच जाएगा।
मैं गृहमंत्री राजनाथसिंहजी और बहन सुषमा स्वराजजी से निवदेन करता हूं कि वे भी (शनिवार को एक बजे) राजघाट आएं और स्वाति का अनशन तुड़वाएं। मैं अपने सभी पत्रकारों बंधुओं, कलाकारों, बौद्धिकों, समाजसेवियों और राजनेताओं से सविनय अनुरोध करता हूं कि वे राजघाट पधारें और बलात्कार के विरुद्ध उठी इस आवाज को बुलंद करें।
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