इधर पिछले 4-5 वर्षों में जब भी मैं दुबई आता था तो जनरल परवेज़ मुशर्रफ से यहां मेरी लंबी मुलाकातें हुआ करती थीं। जब पिछले महिने विश्व हिंदी दिवस के सिलसिले में मैं दुबई आया था तो उनकी पत्नी सहबाजी से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने बताया कि उनकी हालत ऐसी नहीं है कि वे किसी से बात कर सकें। वे लगभग बेहोश ही रहते हैं। इस बार मैं आया तो तीन दिन पहले मैंने फोन किया तो किसी ने भी नहीं … [Read more...] about जनरल मुशर्रफः कुछ यादें
दुबई में नए इस्लाम की पुकार !
दुबई में कल विश्व बंधुत्व-दिवस मनाया गया। इस मुस्लिम राष्ट्र में पिछले 10-15 साल से मुझे किसी न किसी समारोह में भाग लेने कई बार आना पड़ता है। सात देशों का यह महासंघ ‘संयुक्त अरब अमारात’ कहलाता है। यह सिर्फ सात देशों का महासंघ ही नहीं है, यह कम से कम 100 देशों का मिलन-स्थल है। जैसे हम न्यूयार्क स्थित संयुक्तराष्ट्र संघ के भवन में दर्जनों राष्ट्रों के लोगों से एक साथ मिलते हैं, … [Read more...] about दुबई में नए इस्लाम की पुकार !
अमेरिका की हिंसामुक्ति कैसे हो?
अमेरिका दुनिया का सबसे संपन्न और शक्तिशाली देश है लेकिन यह भी सच है कि वह सबसे बड़ा हिंसक देश भी है। जितनी हिंसा अमेरिका में होती है, दुनिया के किसी देश में नहीं होती। वैसे तो अमेरिका में ईसाई धर्म को माननेवालों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन क्या वजह है कि ईसा की अहिंसा का वहां कोई खास प्रभाव दिखाई नहीं पड़ता। अभी-अभी लाॅस एंजिलिस के एक कस्बे में एक बंदूकची ने कहर ढा दिया। 60 … [Read more...] about अमेरिका की हिंसामुक्ति कैसे हो?
क्या प्रधानमंत्री ऐसे भी होते हैं?
भारत और पाकिस्तान के लोग ऐसे कई प्रधानमंत्रियों को जानते हैं, जो अपनी कुर्सी पर बने रहने के लिए क्या-क्या जुगाड़ नहीं करते हैं। लेकिन यदि न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री जसिंदा आर्डर्न का आचरण देखें तो आप बोल पड़ेंगे कि क्या प्रधानमंत्री ऐसे भी होते हैं। जसिंदा ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया है। उनके खिलाफ न तो न्यूजीलैंड के न्यायालय ने कोई फैसला दिया है, न संसद में कोई … [Read more...] about क्या प्रधानमंत्री ऐसे भी होते हैं?
शरीफः प्रधानमंत्री या प्रधानभिक्षु?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ आजकल प्रधानमंत्री कम, प्रधानभिक्षु बनकर देश-विदेश के चक्कर लगा रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्हें सउदी अरब जाकर अपना भिक्षा-पात्र फैलाना पड़ा। तीन-चार दिन पहले वे अबू धाबी और दुबई आए हुए थे। संयोग की बात है कि दो-तीन दिन के लिए मैं भी दुबई और अबू धाबी में हूं। यहां के कई अरबी नेताओं से मेरी बात हुई। पाकिस्तान की दुर्दशा से वे बहुत दुखी हैं लेकिन … [Read more...] about शरीफः प्रधानमंत्री या प्रधानभिक्षु?
अदालत और सरकार की मुठभेड़
हमारे सर्वोच्च न्यायालय और केंद्र सरकार के बीच जजों की नियुक्ति पर जो खींचातानी चल रही थी, वह खुले-आम बाजार में आ गई है। सर्वोच्च न्यायालय के चयन-मंडल ने सरकार को जो नाम भेजे थे, उनमें से कुछ पर सरकार ने कई आपत्तियाँ की थीं। इन आपत्तियों को प्रायः गोपनीय माना जाता है लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जग-जाहिर कर दिया है। इस कदम से यह भी पता चलता है कि भारत में किसी भी उच्च पद … [Read more...] about अदालत और सरकार की मुठभेड़
सीमांतः भाजपा का चुनावी डंका
2023 में भारत के जिन नौ राज्यों में चुनाव होने हैं, उनका डंका बज गया है। उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में अगले माह चुनाव होनेवाले हैं। इन तीनों राज्यों में भाजपा स्वयं अपने दम पर सत्तारूढ़ नहीं है लेकिन तीनों में वह सत्तारूढ़ गठबंधन की सदस्य है। तीनों राज्यों की 60-60 विधानसभा सीटों पर फरवरी में चुनाव होने हैं। इन 60 सीटों में से 59 सीटें नगालैंड में, … [Read more...] about सीमांतः भाजपा का चुनावी डंका
भाजपा की एतिहासिक भूमिका
इस बार भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की जो बैठक हुई है, उसकी भूमिका एतिहासिक हो सकती है, बशर्ते कि उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, उस पर अमल किया जाए। मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत के मंत्र को अमली जामा पहनाने की बात कही है। मोहनजी बार-बार कह चुके हैं कि हिंदू-मुसलमानों का डीएनए एक ही है। मोदी ने इसी मंत्र को व्यावहारिक रूप देते हुए कहा है … [Read more...] about भाजपा की एतिहासिक भूमिका
भारत में गरीबी-अमीरी की खाई
आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। आॅक्सफाॅम के … [Read more...] about भारत में गरीबी-अमीरी की खाई
नफरती बयानों पर तुरंत रोक लगे
सर्वोच्च न्यायालय का सरकार से यह आग्रह बिल्कुल उचित है कि नफरती बयानों पर रोक लगाने के लिए वह तुरंत कानून बनाए। यह कानून कैसा हो और उसे कैसे लागू किया जाए, इन मुद्दों पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि संसद, सारे जज और न्यायविद् और देश के सारे बुद्धिजीवी मिलकर विचार करें। यह मामला इतना पेचीदा है कि इस पर आनन-फानन कोई कानून नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि देश के बड़े से बड़े नेता, … [Read more...] about नफरती बयानों पर तुरंत रोक लगे