राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागव ने ‘पांचजन्य’ साप्ताहिक को दी गई एक भेंट वार्ता में ऐसी कई बातें कही हैं, जिन पर देश के लोगों और खास तौर से संघ के स्वयंसेवकों का विशेष ध्यान जाना चाहिए। उन्होंने पहली बात यह कही है कि भारत के मुसलमानों को किसी से डरने की जरुरत नहीं है। उन्हें वैसे ही निर्भय रहना चाहिए, जैसे अन्य भारतीय रहते हैं। आजकल देश और विदेशों के कई बुद्धिजीवी … [Read more...] about मुसलमानों पर मोहन भागवत
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हिंदी कैसे बने विश्वभाषा?
आज 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मैं अपने विचार व्यक्त करूं, इससे बेहतर यह होगा कि हमारे भारतीय और विदेशी महापुरूषों और विद्वानों द्वारा हिंदी के बारे में जो कुछ कहा गया है, उसे संक्षेप में आपके लिए प्रस्तुत कर दूं। हिन्दी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। मेरी आँखें उस दिन को देखने के लिए तरस रही हैं जब कश्मीर से … [Read more...] about हिंदी कैसे बने विश्वभाषा?
बिहार में जात जोड़ो और भारत तोड़ो
1857 के स्वातंत्र्य-संग्राम से घबराए अंग्रेजों ने भारत की एकता को भंग करने के लिए दो बड़े षड़यंत्र किए। एक तो उन्होंने जातीय जन-गणना का जाल फैलाया और दूसरा, हिंदू-मुसलमान का भेद फैलाया। कांग्रेस और गांधीजी के भयंकर विरोध के कारण 1931 में यह जातीय-जनगणना तो बंद हो गई लेकिन हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिकता ने 1947 में देश के दो टुकड़े कर दिए। पिछली मनमोहनसिंह सरकार ने जातीय-जनगणना फिर … [Read more...] about बिहार में जात जोड़ो और भारत तोड़ो
शिक्षा में विदेशी दखल: इसके खतरे भी हैं ?
विश्व विद्यालय अनुदान आयोग ने एक जबर्दस्त नई पहल की है। उसने दुनिया के 500 श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के लिए भारत के दरवाजे खोल दिए हैं। वे अब भारत में अपने परिसर स्थापित कर सकेंगे। इस साल भारत के लगभग 5 लाख विद्यार्थी विदेशों में पढ़ने के लिए पहुंच चुके हैं। विदेशी पढ़ाई भारत के मुकाबले कई गुनी मंहगी है। भारत के लोग अपनी कड़ी मेहनत की करोड़ों डाॅलरों की कमाई भी अपने बच्चों की इस पढ़ाई … [Read more...] about शिक्षा में विदेशी दखल: इसके खतरे भी हैं ?
अंग्रेजी गुड़क रही अब नीचे
भारत से अंग्रेजों को विदा हुए तो 75 वर्ष हो गए लेकिन भारत के भद्रलोक पर आज भी अंग्रेजी सवार है। देश का राज-काज, संसद का कानून, अदालतों के फैसलों और ऊँची नौकरियों में अंग्रेजी का वर्चस्व बना हुआ है। ज्यों ही इंटरनेट, मोबाइल फोन और वेबसाइट का दौर चला, लोगों को लगा कि अब हिंदी और भारतीय भाषाओं की कब्र खुद कर ही रहेगी। ये सब आधुनिक तकनीकें अमेरिका और यूरोप में से उपजी हैं। वहाँ … [Read more...] about अंग्रेजी गुड़क रही अब नीचे
नेताओं की बदजुबानी कैसे रूके?
सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया है कि कोई मंत्री यदि आपत्तिजनक बयान दे दे तो क्या उसके लिए उसकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है? यह मुद्दा इसलिए उठा था कि आजम खान नामक उ.प्र. के मंत्री ने 2016 में एक बलात्कार के मामले में काफी आपत्तिजनक बयान दे दिया था। सर्वोच्च न्यायालय के पांच जजों में से चार की राय थी कि हर मंत्री अपने बयान के लिए खुद जिम्मेदार है। … [Read more...] about नेताओं की बदजुबानी कैसे रूके?
नोटबंदीः मोदी को माफी क्यों मिली?
नोटबंदी 2016 के नवंबर माह में लागू हुई थी। उसके खिलाफ जो याचिकाएँ सर्वोच्च न्यायालय में लगी थीं, वे सब रद्द हो गई हैं, क्योंकि पाँच जजों में से चार ने फैसला दिया है कि नोटबंदी घोषित करने में मोदी सरकार ने किसी नियम या कानून का उल्लंघन नहीं किया था। महिला जज बी.वी. नागरत्न ने अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार को या तो नोटबंदी की घोषणा संसद से पास करवानी थी या उसके पहले … [Read more...] about नोटबंदीः मोदी को माफी क्यों मिली?
भारत जोड़ोः खाली झुनझुना
परसों मैंने लिखा था कि राहुल गांधी के पास यदि भाजपा का कोई वैकल्पिक राजनीतिक दर्शन होता तो देश के समस्त विरोधी दलों को एक सूत्र में बांधा जा सकता था। मुझे खुशी है कि आज राहुल गांधी ने इसी बात को दोहराया है। उन्होंने अपनी भारत-यात्रा के दौरान अपनी नौंवी पत्रकार परिषद में कहा है कि भाजपा को हराने के लिए विरोधी दलों के पास कोई अपनी दृष्टि होनी चाहिए। राहुल को शायद पता नहीं है कि … [Read more...] about भारत जोड़ोः खाली झुनझुना
हीरा बा को ममता की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ हीरा बा के निधन पर कई देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों ने शोक व्यक्त किया लेकिन यह देखकर आश्चर्य हुआ कि कांग्रेस से सोनिया गांधी और राहुल ने कोई एक शब्द तक नहीं कहा। यह भी हो सकता है कि उन्होंने कहा हो और अखबारों ने उसे छापा न हो। लेकिन ज़रा हम सोचें कि भारतीय राजनीति में आपसी कड़ुवाहट किस स्तर तक नीचे पहुंच गई है। पाकिस्तान के … [Read more...] about हीरा बा को ममता की श्रद्धांजलि
वोट और इलाजः दो सुंदर पहल
आज दो खबरें ऐसी हैं, जो भारत ही नहीं, सारे पड़ौसी देशों के लिए भी लाभकारी और प्रेरणादायक हैं। पहली खबर तो यह है कि भारत के चुनाव आयोग ने एक ऐसी मशीन बनाई है, जिसके जरिए लोग कहीं भी हों, वे अपना वोट डाल सकेंगे। अभी तो मतदान की जो व्यवस्था है, उसके अनुसार आप जहाँ रहते हैं, सिर्फ वहीं जाकर वोट डाल सकते हैं। लगभग 30 करोड़ लोग इसी कारण वोट डालने से वंचित रह जाते हैं। भारत के लोग केरल … [Read more...] about वोट और इलाजः दो सुंदर पहल