भारत के सभी नागरिक यह संकल्प ले सकते हैं कि वे अपने हस्ताक्षर अपनी मातृभाषा या हिंदी में ही करेंगे। वे अंग्रेजी या किसी भी विदेशी भाषा में हस्ताक्षर नहीं करेंगे। देश के ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग अपने दस्तखत अंग्रेजी में ही करते हैं। आपके हस्ताक्षर आपकी पहचान हैं। उनका महत्व अद्वितीय है।
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