भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया— इन चार राष्ट्रों के चौगुटे का जो पहला शिखर-सम्मेलन हुआ, उसमें सबसे ध्यान देने वाली बात यह हुई कि किसी भी नेता ने चीन के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं बोला जबकि माना जा रहा है कि यह चौगुटा बना ही है, चीन को टक्कर देने के लिए। इसका नाम है- क्वाड याने ‘‘क्वाड्रीलेटरल सिक्यूरिटी डाॅयलाग’’ अर्थात सामरिक समीकरण ही इसका लक्ष्य है लेकिन इसमें भाग ले रहे … [Read more...] about भारत क्यों बने किसी का मोहरा ?
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देवतुल्य है, ये डॉक्टर !
आजकल डाक्टरी, वकालत और शिक्षा— ये तीन सेवाएं नहीं, धंधे माने जाते हैं। यदि कोई धंधा करता है तो पैसा तो वह बनाएगा ही ! इन तीनों सेवाओं को सीखने के दौरान जो अनाप-शनाप खर्च करना पड़ता है, अगर उसे वसूला नहीं जाए तो काम कैसे चलेगा ? वसूली के इस दौर में शहरी, सपंन्न और ऊँची जातियों के लोग तो किसी तरह अपना काम धका ले जाते हैं लेकिन देश के लगभग 100 करोड़ लोग आज भी समुचित शिक्षा, चिकित्सा … [Read more...] about देवतुल्य है, ये डॉक्टर !
मंदिर—मस्जिद: विचार, मंथन जरुरी
सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐसे कानून पर पुनर्विचार की याचिका स्वीकार कर ली है, जिसका उद्देश्य था— भारत के मंदिर-मस्जिदों के विवादों पर हमेशा के लिए तालाबंदी कर देना। अब से 30 साल पहले जब बाबरी-मस्जिद के विवाद ने बहुत जोर पकड़ लिया था, तब नरसिंहराव सरकार बाबरी मस्जिद के विवाद को तो हल करना चाहती थी लेकिन इस तरह के शेष सभी विवादों को विराम देने के लिए वह 1991 में एक कानून ले आई। इस … [Read more...] about मंदिर—मस्जिद: विचार, मंथन जरुरी
भारत में लोकतंत्र है या नहीं ?
अमेरिका के ‘फ्रीडम हाउस’ और स्वीडन के ‘डेमो-इंस्टीट्यूट’ की रिर्पोटों में कहा गया है कि भारत में अब लोकतंत्र बहुत घटिया हो गया है। अब वहाँ चुनावी लोकतंत्र तो बचा हुआ है लेकिन शासन लोकतांत्रिक नहीं है। जब से मोदी सरकार बनी है, लोगों के नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता में गिरावट आई है। भारत की स्वतंत्रता आधी रह गई है। सरकार ने इन बयानों की कड़ी भर्त्सना की है लेकिन मैं इनका स्वागत … [Read more...] about भारत में लोकतंत्र है या नहीं ?
उत्तराखंडः रावत के बदले रावत
उत्तराखंड में भाजपा ने अपने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रसिंह रावत को क्यों बदला ?उनकी जगह तीरथसिंह रावत को मुख्यमंत्री क्यों बनाया ? तीरथसिंह विधायक भी नहीं हैं, सांसद हैं, फिर भी उन्हें क्यों लाया गया ? एक रावत की जगह दूसरे रावत को क्यों लाया गया? इन सवालों के जवाब जब हमें ढूंढेंगे तो उनमें से भाजपा ही नहीं, देश के सभी दलों के शीर्ष नेताओं के लिए कई सबक निकलेंगे। सबसे पहला सबक तो … [Read more...] about उत्तराखंडः रावत के बदले रावत
गोंडों से सीखे सारा भारत
भारत में गोंड आदिवासियों की संख्या लगभग 90 लाख है। ये मुख्यतः छत्तीसगढ़, मप्र, महाराष्ट्र और ओडिसा के जंगलों में रहते हैं। छत्तीसगढ़ में कवर्धा जिले के गोंडों ने एक ऐसा संकल्प किया है, जिसका अनुकरण सारा भारत कर सकता है। गोंड कबीलों के लोग प्रायः गरीब और अशिक्षित होते हैं। उन्हें संविधान की अनुसूचित में डाल रखा है लेकिन उन्होंने समाज-सुधार के कुछ ऐसे फैसले किए हैं, जो शहरों और … [Read more...] about गोंडों से सीखे सारा भारत
इस्लामः अरबों की नकल जरुरी नहीं
स्विटजरलैंड ताजातरीन देश है, जिसने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। दुनिया में सिर्फ हिंदू औरतें पर्दा करती हैं और मुस्लिम औरतें बुर्का पहनती हैं। हिंदुओं में पर्दा अब भी वे ही औरतें ज्यादातर करती हैं, जो बेपढ़ी-लिखी हैं या गरीब हैं या गांवों में रहती हैं लेकिन मुस्लिम देशों में मैंने देखा है कि विश्वविद्यालयों में जो महिला प्रोफेसर मेरे साथ पढ़ाती थीं, वे भी बुर्का पहन करके आती … [Read more...] about इस्लामः अरबों की नकल जरुरी नहीं
अदालतों के गले में अंग्रेजी का फंदा
दुनिया के कई देशों में राजनीति शास्त्र पढ़ने और पढ़ाते वक्त हम कहते रहे हैं कि लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं— विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका याने संसद, सरकार और अदालत। मैंने इसमें चौथा स्तंभ भी जोड़ दिया है। वह है— खबरपालिका याने अखबार, टीवी और इंटरनेट। इन सारे स्तंभों में कुछ न कुछ सुधार हमेशा होता रहता है या इन पर लगाम भी लगाई जाती है लेकिन न्यायपालिका ऐसा खंभा है, हमारे … [Read more...] about अदालतों के गले में अंग्रेजी का फंदा
अदालतों के गले में अंग्रेजी का फंदा
दुनिया के कई देशों में राजनीति शास्त्र पढ़ने और पढ़ाते वक्त हम कहते रहे हैं कि लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं— विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका याने संसद, सरकार और अदालत। मैंने इसमें चौथा स्तंभ भी जोड़ दिया है। वह है— खबरपालिका याने अखबार, टीवी और इंटरनेट। इन सारे स्तंभों में कुछ न कुछ सुधार हमेशा होता रहता है या इन पर लगाम भी लगाई जाती है लेकिन न्यायपालिका ऐसा खंभा है, हमारे … [Read more...] about अदालतों के गले में अंग्रेजी का फंदा
दुनिया में बज रहा भारत का डंका
यह ठीक है कि अमेरिका, चीन और कुछ यूरोपीय राष्ट्र आर्थिक क्षेत्र में भारत से आगे हैं, लेकिन इस वक्त दुनिया में किसी एक राष्ट्र का डंका सबसे ज्यादा जोर से बज रहा है तो वह भारत है। दुनिया के 15 देशों में भारतीय मूल के नागरिक या तो वहां के सर्वोच्च पदों पर हैं या उनके बिल्कुल निकट हैं। या तो वे उन देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री हैं या सर्वोच्च न्यायाधीश हैं या सर्वोच्च नौकरशाह … [Read more...] about दुनिया में बज रहा भारत का डंका