दैनिक भास्कर, 29 नवंबर 2014: दक्षेस का 18वां सम्मेलन काठमांडू में हुआ, लेकिन यह सवाल दक्षेस-नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि यह क्षेत्रीय संगठन क्या 18 कदम भी आगे बढ़ पाया है? यह ठीक है कि सदस्य राष्ट्रों के बीच तू-तू मैं-मैं नहीं हुई, लेकिन औपचारिक प्रस्तावों के अलावा क्या हुआ? इस संगठन को 30 साल हो रहे हैं, लेकिन इतने वर्षों में वह अपना नाम भी नहीं ढूंढ़ पाया। अभी भी उसे ‘सार्क’ … [Read more...] about दक्षेस देशों पर भारत भय भारी
Archives for November 2014
दक्षेस : कुछ भूल जाएं, कुछ आगे बढ़ें
या इंडिया, 28 नवंबर 2014: दक्षेस के 18 वें शिखर सम्मेलन का मूल्यांकन कैसे किया जाए? यह कहना शायद काफी ठीक होगा कि आधा गिलास भरा और आधा गिलास खाली रहा। आधा गिलास भरा इस दृष्टि से रहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने नेपाल के साथ कई समझौते किए। पाकिस्तान के साथ कोई कहा−सुनी नहीं हुई बल्कि दोनों देशों के नेताओं में अनौपचारिक भेंट हो गई। इसके अलावा सदस्य−राष्ट्रों के नेताओं की आपस में … [Read more...] about दक्षेस : कुछ भूल जाएं, कुछ आगे बढ़ें
जोशीले मतदान ने होश उड़ाए
नया इंडिया, 27 नवंबर 2014: जम्मू-कश्मीर और झारखंड में पहले दौर का मतदान भारतीय लोकतंत्र की उल्लेखनीय उपलब्धि है। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों ने मतदान के बहिष्कार का आह्वान किया था और झारखंड में माओवादियों ने धमकी दे रखी थी। ब्लेकमेल के दोनों पैंतरे धरे रह गए। दोनों प्रांतों में लोगों ने अत्यंत उत्साहपूर्वक मतदान किया। झारखंड में मतदान 62 प्रतिशत हुआ और जम्मू-कश्मीर में 72 … [Read more...] about जोशीले मतदान ने होश उड़ाए
दक्षेस: नेपाल की अति सक्रियता
नया इंडिया, 26 नवंबर 2014: दक्षेस का शिखर सम्मेलन आज-कल नेपाल की राजधानी काठमांडो में हो रहा है। जब पिछला सम्मेलन 12 साल पहले हुआ था, तब नेपाल की राजनीतिक दशा बहुत ही विषम थी। राज-परिवार का नर-संहार हो गया था। नए नरेश के विरुद्ध बगावत चल रही थी। सत्तारुढ़ सरकारें अस्थिर थीं। माओवादियों ने युद्ध छेड़ रखा था। जैसे-तैसे वह सम्मेलन संपन्न हो गया लेकिन इस बार नेपाल अति सक्रिय है। यह … [Read more...] about दक्षेस: नेपाल की अति सक्रियता
ओबामा: चिकनी फिसलपट्टी तो नहीं?
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा इस बार के गणतंत्र-दिवस के मेहमान होंगे, यह खबर खूब उछली है। यह उछलने लायक है, इसीलिए उछली है। अभी तक किसी प्रधानमंत्री ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति से इस तरह का अनुरोध किया जाए। पिछले पचपन-साठ साल तक अमेरिका से भारत के संबंध खट्टे-मीठे रहे। इसके अलावा अमेरिका का पाकिस्तान के साथ लंबे समय तक फौजी गठबंधन रहा। अब अमेरिका न … [Read more...] about ओबामा: चिकनी फिसलपट्टी तो नहीं?
ढोंगी साधुओं के खिलाफ शंखनाद हो
दैनिक भास्कर, 22 नवंबर 2014 : हरियाणा सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय बधाई के पात्र हैं। यदि उन्होंने धीरज और संयम से काम नहीं लिया होता तो बरवाला के सतलोक आश्रम की मुठभेड़ में सैकड़ों लोग मारे जाते। रामपाल के आश्रम में तैयारी उतनी घातक तो नहीं पर उसी तर्ज पर थी, जो 1984 में भिंडरावाला ने स्वर्ण मंदिर में कर रखी थी। महीनों तक चलने वाली रसद, रिवाॅल्वर, बंदूकें, बम-गोले और तेजाब की … [Read more...] about ढोंगी साधुओं के खिलाफ शंखनाद हो
चुल्लू भर काले धन के लिए…
जो लोग यह कह रहे थे कि मोदी सरकार काले धन के मामले में अभी तक कुछ नहीं कर सकी, उन लोगों को अब थोड़ी सांत्वना मिलेगी कि मोदी ने अब इसे अन्तरराष्ट्रीय चिंता का विषय बना दिया है। जाहिर है कि काला धन भारत सरकार ने अपनी तिजोरियों में नहीं छिपा रखा था। वरना, मोदी तो गद्दी पर बैठते ही उसे बाहर निकाल फेंकते लेकिन वह तो जमा है, विदेशों में! विदेशी सरकारें और बैंके भारत सरकार की कर्मचारी … [Read more...] about चुल्लू भर काले धन के लिए…
चुल्लू भर काले धन के लिए…
जो लोग यह कह रहे थे कि मोदी सरकार काले धन के मामले में अभी तक कुछ नहीं कर सकी, उन लोगों को अब थोड़ी सांत्वना मिलेगी कि मोदी ने अब इसे अन्तरराष्ट्रीय चिंता का विषय बना दिया है। जाहिर है कि काला धन भारत सरकार ने अपनी तिजोरियों में नहीं छिपा रखा था। वरना, मोदी तो गद्दी पर बैठते ही उसे बाहर निकाल फेंकते लेकिन वह तो जमा है, विदेशों में! विदेशी सरकारें और बैंके भारत सरकार की कर्मचारी … [Read more...] about चुल्लू भर काले धन के लिए…
महाराष्ट्र में राजनीतिक प्रहसन!
नया इंडिया, 14 नवंबर 2014: महाराष्ट्र में विचित्र राजनीतिक प्रहसन चल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने ध्वनि मत से भाजपा की सरकार तो बनवा दी लेकिन उसके बाद विपक्षी दलों ने जैसा हंगामा मचाया है, उससे जाहिर होता है कि दाल में कुछ काला है। विपक्षी मांग कर रहे हैं कि विश्वास-मत के लिए बाकायदा मतदान होना चाहिए। उनकी बात ठीक है लेकिन सवाल यह है कि उन्होंने ध्वनि-मतदान होने ही क्यों दिया? … [Read more...] about महाराष्ट्र में राजनीतिक प्रहसन!
ओछेपन की दौड़ में कांग्रेस आगे
नया इंडिया, 13 नवंबर 2014: कांग्रेस से मुझे यह उम्मीद नहीं थी। नेहरु के नाम पर ओछेपन का क्या काम है? आप पं. जवाहरलाल नेहरु की सवा सौंवी जयंती पर सारी दुनिया को दिल्ली बुलाए हुए हैं लेकिन भारत के प्रधानमंत्री को बुलाना कांग्रेस पार्टी अपनी तौहीन मानती हैं। आप कृपया बताइए कि आप में और मोदी में क्या फर्क है? मोदी 31 अक्तूबर को सरदार पटेल का जन्म दिन बहुत धूमधाम के साथ मनाते हैं … [Read more...] about ओछेपन की दौड़ में कांग्रेस आगे