प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में जैसी मजबूरी और विनम्रता दिखाई पड़ रही थी, उसी समय मुझे लग गया था कि एकरुप कर (जीएसटी) की दमघोंटू अव्यवस्था में कुछ न कुछ परिवर्तन जरुर होगा। वित्तमंत्री ने 27 चीजों पर कर की दरें घटा दीं और डेढ़ करोड़ रु. तक के व्यापारियों को अब तीन महिने में एक बार टैक्स रिटर्न भरने की छूट दे दी है। इस मजबूरी और छूट पर सरकार की मजाक उड़ाने की बजाय उसकी सराहना … [Read more...] about अब अकड़ कुछ ढीली हुई
Archives for October 2017
चुनाव एक साथ क्यों न कराएं ?
निर्वाचन आयोग के इस सुझाव पर काफी धींगामुश्ती चल रही है कि सितंबर 2018 तक लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हो जाएं। आयोग का कहना है कि मतदान मशीनों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवा दिया जाए तो ये चुनाव साथ-साथ निपटाए जा सकते हैं। इस सुझाव पर कई विरोधी दल बौखला उठे हैं। अभी तक एक भी विरोधी दल ने इसका समर्थन नहीं किया है। उल्टे, वे आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग सरकार की … [Read more...] about चुनाव एक साथ क्यों न कराएं ?
कई शल्य चाहिए मोदी की सफलता के लिए
दैनिक भास्कर, 07 अक्तूबर 2017: प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने कंपनी सेक्रेटरियों की सभा में जो भाषण दिया, उसे मैं उनके अब तक के सब भाषणों में सबसे प्रभावशाली मानता हूं। वह घंटे-सवा घंटे का भाषण नोटबंदी और एकरूप कर (जीएसटी) को सही ठहराने के बारे में था। एक अर्थ में वह यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के आरोपों का जवाब था। उस भाषण में मोदी ने संस्कृत के कुछ श्लोक उदधृत किए, महाभारत का … [Read more...] about कई शल्य चाहिए मोदी की सफलता के लिए
मोदी ने शायद सबक सीखा
कंपनी सेक्रेटरियों की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो लंबा भाषण झाड़ा, वह बिल्कुल अपेक्षित था। भाजपा के पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की कड़ी आलोचना के बाद देश में जो हवा बदली है, उस पर मोदी की प्रतिक्रिया आनी बहुत जरुरी थी। इसकी जरुरत इसलिए भी बढ़ गई थी कि सर संघचालक मोहन भागवत ने भी घुमा-फिराकर जनता के दुख-दर्द को गुंजा दिया था। मोदी का भाषण काफी प्रभावशाली … [Read more...] about मोदी ने शायद सबक सीखा
रेलः सिर्फ अफसर क्यों, नेता क्यों नहीं ?
रेल मंत्रालय अब वह काम करेगा, जो आजादी के बाद किसी भी मंत्रालय ने नहीं किया। रेल मंत्री पीयूष गोयल को हार्दिक बधाई ! अब रेल्वे बोर्ड के सदस्य, जनरल मेनेजर और डिविज़नल मेनेजर लोग सादे स्लीपर क्लास या तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित डिब्बों में यात्रा करेंगे। भारत में जबसे रेल चली है, यह पहली बार हुआ है। अफसरों को रेल-जीवन की सच्चाई का अब सही—सही पता चलेगा। अंग्रेज कभी इन साधारण … [Read more...] about रेलः सिर्फ अफसर क्यों, नेता क्यों नहीं ?
अमेरिका इतना हिंसक क्यों है ?
अमेरिका के प्रसिद्ध शहर लास वेगास मे एक ही झटके में पचासों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। ऐसी घटनाएं, कमोबेश, अमेरिका में अक्सर होती रहती हैं। जाहिर है कि यह इस्लामी आतंकवाद की घटना नहीं थी तो फिर यह क्या थी? यह ऐसा सवाल है, जो अमेरिकी सभ्यता को बेनकाब कर देता है। स्टीफन पेडॉक नामक इस गौरे आदमी ने एक होटल के कमरे से इतनी गोलियां चलाईं कि सैकड़ों लोग हताहत हो गए। उसके कमरे … [Read more...] about अमेरिका इतना हिंसक क्यों है ?
अब बैंकों में चलेगी हिंदी
आज गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने देश के सभी बैंकों को निर्देश भेजा है कि वे अपनी चेकबुक और पासबुक हिंदी में भी तैयार करें। इस निर्देश का मैं हृदय से स्वागत करता हूं। मुझे आश्चर्य यही है कि हमारे देशभक्तों की सरकार की नींद इस मुद्दे पर तीन साल बाद खुली है। सर्वज्ञजी ने जब गरीबों और ग्रामीण के करोड़ों नए बैंक खाते खुलवाए तो उन्हें यह ध्यान क्यों नहीं आया कि अंग्रेजी में … [Read more...] about अब बैंकों में चलेगी हिंदी
मोहन भागवत की चेतावनी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का इस वर्ष का विजयादशमी संदेश काफी अर्थगर्भित रहा। कुछ लोग कह सकते हैं कि उन्होंने मोदी सरकार को खदेड़ने में कोताही कर दी। लेकिन इन लोगों से पूछा जाए कि क्या मोहन भागवत अपनी सरकार की खुली भर्त्सना करते ? जो सरकार संघ की तपस्या और परिश्रम के फलस्वरुप अस्तित्व में आई है, उसकी निंदा वे क्यों करें? उनका काम प्रोत्साहित करना, परामर्श … [Read more...] about मोहन भागवत की चेतावनी
जेटली की केटली से गर्मागर्म चाय
यशवंत सिन्हा और अरुण जेटली के बीच चली तकरार से क्या भाजपा को कोई फायदा हो रहा है ? सिन्हा अटलजी की भाजपा सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं और जेटली आजकल मोदी सरकार में वित्तमंत्री हैं। सिन्हा ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर नोटबंदी और जीएसटी के लिए पूरी तरह जेटली को जिम्मेदार ठहराया है। इस पर जेटली को गुस्सा आ जाना स्वाभाविक है, क्योंकि नोटबंदी से बेचारे जेटली का क्या … [Read more...] about जेटली की केटली से गर्मागर्म चाय