प्रणब मुखर्जी के नागपुर भाषण को इतने लोगों ने देखा, सुना और पढ़ा है, जितना उनके राष्ट्रपति पद से दिए गए सभी भाषणों को भी कुल मिलाकर देखा सुना और पढ़ा नहीं होगा। इतनी छपास और दिखास की वासना तो किसी प्रधानमंत्री की भी मुश्किल से ही तृप्त होती है। प्रणब दा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय में जाकर क्या बोलेंगे, यह ऐसा ज्वलंत मुद्दा बन गया, जैसे आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरु लाल … [Read more...] about प्रणब दाः खोदा पहाड़, निकली चुहिया
Archives for June 2018
इफ्तार को नमस्कार!
राष्ट्रपति भवन में अब इफ्तार की पार्टी नहीं होगी, यह खबर पढ़कर मेरे कुछ वामपंथी और मुसलमान मित्रों ने मुझे फोन करके कहा कि अब राष्ट्रपति भवन पर भी आरएसएस का कब्जा हो गया क्या ? उन्होंने पूरी खबर नहीं पढ़ी। वे खबर का शीर्षक पढ़कर ही उत्तेजित हो गए। शायद उन्हें पता नहीं कि राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की अवधि में भी इफ्तार की पार्टियां राष्ट्रपति भवन में नहीं होती थीं। क्या अब्दुल कलाम … [Read more...] about इफ्तार को नमस्कार!
इस औरंगजेबी अदा के क्या कहने ?
यह खुशी की बात है कि दोनों भाइयों की अब नींद खुल गई है। अमित भाई और नरेंद्र भाई! पिछले चार साल में भाजपा अपने नाम के मुताबिक भाई-भाई जपो पार्टी बन गई है। यदि गुजरात में बल नहीं निकलते, कर्नाटक में सरकार बन जाती, उप्र और राजस्थान में पटकनी नहीं खाई होती तो अब भी 56 इंच का सीना फुला-फुलाकर भाई लोग उसे एक सौ इंच का कर लेते। लेकिन अब अक्ल आ गई है। अब अमित भाई घर-घर जा रहे … [Read more...] about इस औरंगजेबी अदा के क्या कहने ?
प्रकृति की रक्षा कैसे करें ?
आज विश्व-पर्यावरण दिवस है। आज का विश्व किसका बनाया हुआ है ? अमेरिका का। एक भौतिकवादी ओर उपभोगवादी अमेरिका का ! वह भारत को क्या सिखाएगा, पर्यावरण की रक्षा ! उस भारत को, जिसमें बच्चों को सिखाया जाता है कि सूर्यास्त के बाद फूल मत तोड़ लेना, क्योंकि पौधे मनुष्यों की तरह सो जाते हैं। साल में एक दिन भारतीय महिलाएं पेड़ों की परिक्रमा करके उन्हें पूजती हैं। तुलसी के पौधे की तो रोज ही … [Read more...] about प्रकृति की रक्षा कैसे करें ?
बस, बयानों के गोले दागते रहें
अभी भारत-पाक संघर्ष-विराम का फैसला हुआ एक हफ्ता भी नहीं बीता कि सीमा पर पाकिस्तानी हमला हो गया, जिसमें दो भारतीय जवान मारे गए, लगभग दर्जन भर लोग घायल हो गए। यह हमला तब हुआ जबकि दोनों देशों के सैन्य महानिदेशकों ने 2003 के युद्ध-विराम समझौते को ईमानदारी से लागू करने का संकल्प लिया था। नियंत्रण-रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के उल्लंघन की सारी सीमाएं पाकिस्तान लांघता चला जा रहा है और … [Read more...] about बस, बयानों के गोले दागते रहें
दवाइयों के दाम बांधोः कुछ और भी…
भारत सरकार दवाइयों के मामले में अब एक ऐसी पहल करने जा रही है, जिससे करोड़ों भारतीयों को सीधा लाभ पहुंचेगा। अभी तक उसने 850 तरह की दवाइयों की कीमतों पर अंकुश लगाया था। अब वह लगभग 2500 तरह की दवाइयों की कीमतों पर काबू करेगी। आज देश में दवाइयों का बाजार 1 लाख करोड़ रु. का है। इसमें शक नहीं कि भारत में बनने वाली दवाइयां पश्चिमी देशों के मुकाबले काफी सस्ती हैं लेकिन यह भी सत्य है कि … [Read more...] about दवाइयों के दाम बांधोः कुछ और भी…
भिखारियों से भी बदतर किसान
देश में इतना बड़ा किसान आंदोलन शायद पहले कभी नहीं हुआ, जितना बड़ा कई राज्यों में 1 जून से शुरु हुआ है। यह 10 जून तक चलेगा। आंदोलनकारी मांग कर रहे हैं कि किसानों को उनकी लागत से डेढ़ा याने 50 प्रतिशत फायदा तो मिलना ही चाहिए। उन्हें बीज, पानी, जुताई, फसल बीमा और बिक्री की सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। उनकी कर्ज माफी भी होनी चाहिए। किसानों की ये सब मांगें जायज मालूम पड़ती हैं और सरकारों … [Read more...] about भिखारियों से भी बदतर किसान
भानुमति के कुनबे की तैयारी
28 मई को हुए उप-चुनाव भी यदि नरेंद्र मोदी और अमित शाह को उनके कल्पना-लोक से बाहर नहीं लाएंगे तो मानकर चलिए कि 2019 में भाजपा की नय्या को डूबने से कोई बचा नहीं सकता। मोदी को यह गलतफहमी हो गई थी कि उनके चमत्कारी व्यक्त्वि ने 2014 में भाजपा को वैसी विजय दिलाई, जैसे अटलजी को भी नहीं मिली। इसी घमंड में चूर होकर आडवाणीजी और जोशीजी को मार्गदर्शक मंडल में बिठा दिया गया ताकि वे अपने शेष … [Read more...] about भानुमति के कुनबे की तैयारी
क्या भाजपा को खतरे की घंटी सुनाई दे रही है ?
दैनिक भास्कर, 2 जून 2018: लोकसभा चुनाव के बाद देश में जगह-जगह होनेवाले उप-चुनाव अगले लोकसभा चुनाव का आईना हों, यह जरुरी नहीं है। इन उप-चुनावों में प्रायः प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री प्रचार करना भी जरुरी नहीं समझते लेकिन 2014 के बाद देश के 14 राज्यों की 27 संसदीय सीटों पर चुनाव हुए। इन लगभग सभी सीटों को भाजपा के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और शीर्ष नेताओं ने जीवन-मरण का प्रश्न … [Read more...] about क्या भाजपा को खतरे की घंटी सुनाई दे रही है ?
उज्जैन के सेवाधाम समारोह में हरियाणा के राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी और डॉ. वैदिक मंच पर मिलते हुए।
उज्जैन के सेवाधाम समारोह में हरियाणा के राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी और डॉ. वैदिक मंच पर मिलते हुए। साथ में खड़े है प्रसिद्ध गांधीवादी श्री सुब्बारावजी। क्षिप्रा नदी के रामघाट पर सारे भारत से आए युवकों को संबोधित करते हुए डॉ. वैदिक साथ में बैठे हैं सेवाधाम के संचालक श्री सुधीर गोयल और श्री सुब्बारावजी। … [Read more...] about उज्जैन के सेवाधाम समारोह में हरियाणा के राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी और डॉ. वैदिक मंच पर मिलते हुए।