कश्मीर में हुए हमारे जवानों के हत्याकांड पर देश के सभी राजनीतिक दलों ने कल सरकार के साथ एकजुटता दिखाई, यह अच्छी बात है लेकिन मुझे दो बातों पर जरा आश्चर्य हुआ। एक तो यह कि सबने अपने प्रस्ताव में बार-बार ‘सीमा-पार’ शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया। क्यों नहीं लिया, यह बड़ा रहस्य है। ‘सीमा-पार’ से आने वाले आतंकवाद का मतलब तो कुछ भी लगाया जा सकता है। … [Read more...] about कश्मीरः सरकार अब यह करे ?
Archives for February 2019
आतंकवादः बात और लात, दोनों चलें
कश्मीर में हमारे लगभग 50 जवानों की हत्या ने देश को ऐसा दहला दिया है कि अनेक परस्पर विरोधी नेता भी आज एक स्वर में बोल रहे हैं। यह वक्त इतना नाजुक है कि भारत सरकार जो भी कदम उठाएगी, सारा देश उसका साथ देगा। सरकार ने फौज को पूरी तरह से अपने कदम बढ़ाने की आजादी दे दी है लेकिन असली सवाल यह है कि सरकार जो कदम उठा रही है, क्या उनका कोई असर पाकिस्तान पर होगा ? पाकिस्तान की सरकार और वहां … [Read more...] about आतंकवादः बात और लात, दोनों चलें
दिखाएं अब 56 इंच का सीना
कश्मीर में हुए 44 जवानों के बलिदान ने देश का दिल दहला दिया है। लोग चाहते हैं कि इस खून का बदला खून से लिया जाए। इतना ही नहीं, आतंकवाद को जड़ से उखाड़ दिया जाए लेकिन इस दुर्घटना को घटे अब 50 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन हमारी सरकार के प्रवक्ता सिर्फ बातों के गोले उछाल रहे हैं, बैठकें कर रहे हैं और उनकी पूर्व-निश्चित नौटंकियां भी जारी हैं। उनमें कोई फर्क नहीं … [Read more...] about दिखाएं अब 56 इंच का सीना
रफालः शक अब भी बाकी है
रफाल-सौदे पर महालेखा नियंत्रक की रपट संसद में पेश क्या हुई, उजाला और अंधेरा एक साथ हो गया है। सरकार के लोग अपनी पीठ खुद ही थपथपा रहे हैं, यह कहते हुए कि इस रपट के मुताबिक मनमोहन सरकार जिस दाम पर यह विमान खरीद रही थी, मोदी सरकार ने वह सौदा 2.86 प्रतिशत सस्ते में किया है जबकि विरोधी इसी रपट के कई अंश निकाल-निकाल कर बता रहे हैं कि हमारी सरकार ने रफाल-सौदे में फ्रांसीसी सरकार और … [Read more...] about रफालः शक अब भी बाकी है
लोकतंत्र को न बनाएं मजाकतंत्र
देश की राजनीति किधर जा रही है? कोई विपक्षी नेता प्रधानमंत्री को चोर और दलाल कहता है तो सत्तारुढ़ नेता अपने विपक्षी नेताओं को भ्रष्ट, भौंदू, मंदमति आदि क्या-क्या नहीं कह रहे हैं। देश के बड़े-बड़े दलों के नेताओं ने अपनी जुबान बिल्कुल बेलगाम कर दी है। पड़ौसी देशों में चुनावी दंगल होते हैं। वहां भी परस्पर विरोधी दलों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ खम ठोंकते हैं लेकिन मैंने उन्हें कभी इतने … [Read more...] about लोकतंत्र को न बनाएं मजाकतंत्र
शराबखोरों को कौन समझाए ?
दिल्ली के कितने नौजवान शराबखोरी करते हैं, यह जानने के लिए एक शराब-विरोधी संस्था ने दिल्ली के 10 हजार युवक-युवतियों से पूछताछ की। ये नौजवान कोई मजदूर के बच्चे नहीं थे। न ही गंदे गली-कूचों या झोपड़ों में रहने वालों के बच्चे थे। ये लोग थे, दिल्ली के शानदार और मालदार इलाकों में रहने वाले नौजवान! साउथ एक्सटेंशन, डिफेंस कॉलोनी, न्यू फ्रेंडस कॉलोनी और राजोरी गार्डन जैसे मोहल्लों के … [Read more...] about शराबखोरों को कौन समझाए ?
हिंदीः भारत सीखे अबूधाबी से
संयुक्त अरब अमारात याने दुबई और अबूधाबी ने अब अपनी अदालतों में हिंदी को भी मान्यता दे दी है। अरबी और अंग्रेजी तो वहां पहले से ही चलती है। हिंदी को मान्यता मिलने का मतलब उर्दू को भी मान्यता मिलना है। हिंदी और उर्दू में फर्क कितना है ? सिर्फ लिपि का ही तो फर्क है। इसका अर्थ यह हुआ कि इस अरब देश ने वहां रहनेवाले सारे भारतीय और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अपने इंसाफ के दरवाजे खोल … [Read more...] about हिंदीः भारत सीखे अबूधाबी से
चीन को सबक सिखाएं
नागरिकता विधेयक की लेकर नरेंद्र मोदी ने असम और अरुणाचल में जो अडिगता दिखाई है, वह सराहनीय है लेकिन उनकी अरुणाचलयात्रा पर जो आपत्ति चीन ने की है, उसका जवाब हमारी सरकार ठीक से नहीं दे पाई है। पड़ौसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम नागरिकों को भारत में शरण देने का विधेयक हमारी लोकसभा ने पास कर दिया है लेकिन पूर्वांचल के राज्यों में उसका विरोध इतना तगड़ा … [Read more...] about चीन को सबक सिखाएं
खाला का घर नाय
सर्वोच्च न्यायालय ने दो नेताओं को कल करारे झटके दिए हैं। एक उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को और दूसरा बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को। तेजस्वी से अदालत ने पटना का वह बंगला खाली करवा लिया है, जिसे अपनी सरकार हटने के बावजूद वे कब्जाए हुए थे। उन पर 50,000 रु. जुर्माना भी ठोका गया है। मायावती के खिलाफ 10 साल से चल रहे एक मुकदमे में सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ सख्त … [Read more...] about खाला का घर नाय
फौज पर बरसे पाक-जज
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने वह काम कर दिखाया है, जो वहां के नेता, पत्रकार, विद्वान और नौकरशाह सपने में भी नहीं कर सकते। अदालत ने अपने एक फैसले में साफ-साफ कहा है कि पाकिस्तान की फौज, गुप्तचर संगठनों और सरकारों को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए। उसका उल्लंघन करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। अदालत ने यह कोई किताबी सिद्धांत नहीं बघारा है बल्कि 2017 में … [Read more...] about फौज पर बरसे पाक-जज