अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आज दो बादल छाए हुए लगते हैं। एक तो सरकारों का बनाया हुआ और दूसरा अदालत का! उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की पुलिस ने उन छह पत्रकारों के खिलाफ रपट लिख ली है, जिन पर देशद्रोह, सांप्रदायिकता, आपसी वैमनस्य और अशांति भड़काने के आरोप हैं। इन आरोपों का कारण क्या है ? कारण है, 26 जनवरी के दिन उनकी टिप्पणियाँ, टीवी के पर्दों पर या ट्विटर पर! इन पत्रकारों पर आरोप … [Read more...] about निदंक नियरे राखिए…..
Archives for January 2021
डंडे नहीं, अब बातचीत चले
जो किसान आंदोलन 25 जनवरी तक भारतीय लोकतंत्र की शान बढ़ रहा था, वही अब दुख और शर्म का कारण बन गया है। हमारे राजनीतिक नेताओं के बौद्धिक और नैतिक दिवालिएपन को इस आंदोलन ने उजागर कर दिया है। 26 जनवरी को जो हुआ, सो हुआ लेकिन उसके बाद सरकार को किसान नेताओं से दुबारा संवाद शुरु करना चाहिए था लेकिन उसने किसान नेताओं के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करनी शुरु कर दी। वह यह भूल गई कि कई प्रमुख … [Read more...] about डंडे नहीं, अब बातचीत चले
किसान और सरकारः अब आगे क्या ?
26 जनवरी की घटनाओं ने सिद्ध किया कि सरकार और किसान दोनों अपनी-अपनी कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए लेकिन अब असली सवाल यह है कि आगे क्या किया जाए? किसान लोग 1 फरवरी को संसद पर प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे, यह मैंने लाल किले का काला दृश्य देखते ही लिख दिया था लेकिन अब उनके धरने का क्या होगा? किसान नेताओं ने वह प्रदर्शन तो रद्द कर दिया है लेकिन अब वे 30 जनवरी को एक दिन का अनशन रखेंगे। यह तो … [Read more...] about किसान और सरकारः अब आगे क्या ?
ये और वेः दोनों अराजक
इस बार का गणतंत्र-दिवस गनतंत्र-दिवस न बन जाए, इसकी आशंका मैंने पहले ही व्यक्त की थी। मुझे खुशी है कि किसानों के प्रदर्शनों में किसी ने भी बंदूके नहीं चलाईं। न तो किसानों ने और न ही पुलिसवालों ने ! लेकिन बंदूकें चलने से भी अधिक गंभीर घटना हो गई। उसे दुर्घटना कहें तो बेहतर होगा। ऐसी दुर्घटना किसी भी राष्ट्र के इतिहास में कभी घटी हो तो उसकी जानकारी मुझे नहीं है। क्या कोई भी … [Read more...] about ये और वेः दोनों अराजक
इस लोकतंत्र को कैसे मिले नेतातंत्र से मुक्ति
नवभारत टाइम्स, 26 जनवरी 2021 : हमारे 72 वें गणतंत्र दिवस पर हम ज़रा गहरे उतरें और सोचें कि हमारे गणतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती क्या है? क्या यह नहीं कि वह एक सच्चा गणतंत्र बन जाए? गणतंत्र याने क्या? गण का तंत्र अर्थात जनता का तंत्र। ऐसा तंत्र जिसमें जनता का राज हो, जनता के लिए हो और जनता के द्वारा हो। क्या भारत में सचमुच ऐसा राज है? ऊपर से देखने में तो लगता है कि ऐसा ही है। हर … [Read more...] about इस लोकतंत्र को कैसे मिले नेतातंत्र से मुक्ति
सिंधः आजादी हाँ, अलगाव ना
पाकिस्तान में सिंध की आजादी और अलगाव का आंदोलन फिर तेज हो गया है। जीए सिंध आंदोलन के नेता गुलाम मुर्तज़ा सईद के 117 वें जन्म दिन पर सिंध के कई जिलों में जबर्दस्त प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के पोस्टर भी उछाले गए। जीए सिंध मुत्तहिदा महाज के नेता शफी अहमद बरफत ने कहा है कि सिंध की संस्कृति, इतिहास और परंपरा पाकिस्तान से बिल्कुल अलग है और अभी तक … [Read more...] about सिंधः आजादी हाँ, अलगाव ना
कोराना के युद्ध में भारत विश्व शक्ति बनकर उभरेगा
दैनिक भास्कर, 20 जनवरी 2021 : कोरोना टीकाकरण अभियान भारत में शुरु हो चुका है। यह अभियान नहीं, युद्ध है। युद्ध से भी बड़ी तैयारी इस अभियान के लिए भारत सरकार और हमारे वैज्ञानिकों की है। यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण होगा। 30 करोड़ से ज्यादा लोगों को यह टीका जुलाई तक लगा दिया जाएगा। 30 करोड़ से ज्यादा जनसंख्यावाले देश भारत के अलावा सारी दुनिया में सिर्फ दो हैं। अमेरिका और चीन लेकिन … [Read more...] about कोराना के युद्ध में भारत विश्व शक्ति बनकर उभरेगा
मुसीबत में है, व्हाट्साप
आजकल व्हाट्साप को दुनिया के करोड़ों लोग रोज इस्तेमाल करते हैं। वह भी मुफ्त! लेकिन पिछले दिनों लाखों लोगों ने उसकी बजाय ‘सिग्नल’, ‘टेलीग्राम’ और ‘बोटिम’ जैसे माध्यमों की शरण ले ली और यही क्रम कुछ महिने और चलता रहता तो करोड़ों लोग ‘व्हाट्साप’ से मुंह मोड़ लेते। ऐसी आशंका इसलिए हो रही है कि व्हाट्साप की मालिक कंपनी ‘फेसबुक’ ने नई नीति बनाई है जिसके अनुसार जो भी संदेश व्हाट्साप से … [Read more...] about मुसीबत में है, व्हाट्साप
भारतीयों: तुम पर गर्व है, हमें
संयुक्तराष्ट्र की एक ताजा रपट में कहा गया है कि दुनिया के विभिन्न देशों में 1 करोड़ 80 लाख भारतीय प्रवास कर रहे हैं। मैं यदि इनकी संख्या दो करोड़ कहूं तो ज्यादा सही होगा, क्योंकि फिजी से सूरिनाम तक फैले 200 देशों में भारतीय मूल के लाखों लोग पिछले सौ-डेढ़ सौ साल से वहीं के होकर रह गए हैं। जब से यातायात की सुविधाएं बढ़ी हैं और तकनीक के विकास ने दुनिया को छोटा कर दिया है, लगभग सभी … [Read more...] about भारतीयों: तुम पर गर्व है, हमें
भारत-नेपालः सार्थक संवाद
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली की यह दिल्ली-यात्रा हुई तो इसलिए है कि दोनों राष्ट्रों के संयुक्त आयोग की सालाना बैठक होनी थी लेकिन यह यात्रा बहुत सामयिक और सार्थक रही है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने परस्पर सड़कें बनाने, रेल लाइन डालने, व्यापार बढ़ाने, कुछ नए निर्माण-कार्य करने आदि मसलों पर सहमति दी लेकिन इन निरापद मामलों के अलावा जो सबसे पेंचदार मामला दोनों देशों के … [Read more...] about भारत-नेपालः सार्थक संवाद