यह प्रसन्नता की बात है कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ-मेले को स्थगित किया जा रहा है। यहाँ पहले शाही स्नान पर 35 लाख लोग जुटे थे। 27 अप्रैल तक चलने वाले इस कुंभ में अभी लाखों लोग और भी जुटते याने हजारों-लाखों लोग कोरोना के नए मरीज बनते। यदि यह कुंभ चलता रहता तो कोरोना भारत के गांव-गांव में फैल जाता। गरीब लोगों का मरण हो जाता। दिल्ली, मुंबई, इंदौर और पुणें जैसे शहरों में रोगियों … [Read more...] about कोरोना और कुंभ-स्नान
Archives for April 2021
राजनीतिः सेवा नहीं, मेवा है
देश के सिर्फ पांच राज्यों में आजकल चुनाव हो रहे हैं। ये पांच राज्य न तो सबसे बड़े हैं और न ही सबसे अधिक संपन्न लेकिन इनमें इतना भयंकर भ्रष्टाचार चल रहा है, जितना कि हमारे अखिल भारतीय चुनावों में भी नहीं देखा जाता। अभी तक लगभग 1000 करोड़ रु. की चीजें पकड़ी गई हैं, जो मतदाताओं को बांटी जानी थीं। इनमें नकदी के अलावा शराब, गांजा-अफीम, कपड़े, बर्तन आदि कई चीजें हैं। गरीब मतदाताओं को … [Read more...] about राजनीतिः सेवा नहीं, मेवा है
कोरोनाः जनता-कर्फ्यू जरुरी
कोरोना महामारी का दूसरा हमला जितनी ज़ोरों से भारत में हो रहा है, शायद दुनिया के किसी अन्य देश में नहीं हुआ। एक दिन में सवा दो लाख मरीज़ों का होना भयंकर खतरे की घंटी है। हजारों लोग रोज़ मर रहे हैं। उनमें बुजुर्ग तो हैं ही, अब जवानों की संख्या भी बढ़ने लगी है। कई शहरों में श्मशान घाट और कब्रिस्तान छोटे पड़ रहे हैं। मरीज़ लोग दवा और पलंगों की कमी के कारण दम तोड़ रहे हैं। कोरोना की दवा की … [Read more...] about कोरोनाः जनता-कर्फ्यू जरुरी
एशियाई नाटो नहीं, एशियाई महासंघ
फ्रांस और आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के साथ ‘रायसीना डायलाग’ में हमारे विदेश मंत्री ने कहा कि भारत किसी ‘एशियाई नाटो’ के पक्ष में नहीं है। वे रुस और चीन के विदेश मंत्रियों के बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने अमेरिका, भारत, जापान और आस्ट्रेलिया के चौगुटे को ‘एशियाई नाटो’ की शुरुआत कहा था। अमेरिका के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक सहकार के इस गठबंधन की यदि … [Read more...] about एशियाई नाटो नहीं, एशियाई महासंघ
विदेश नीतिः मौलिक पहल जरुरी
अन्तरराष्ट्रीय राजनीति का खेल कितना मजेदार है, इसका पता हमें चीन और अमेरिका के ताजा रवैयों से पता चल रहा है। चीन हमसे कह रहा है कि हम अमेरिका से सावधान रहें और अमेरिका हमसे कह रहा है कि हम चीन पर जरा भी भरोसा न करें। लेकिन मेरा सोचना है कि भारत को चाहिए कि वह चीन और अमेरिका, दोनों से सावधान रहे। आँख मींचकर किसी पर भी भरोसा न करे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ‘ग्लोबल हेरल्ड’ … [Read more...] about विदेश नीतिः मौलिक पहल जरुरी
ए.आई. रहमान और जोशी
इस हफ्ते मैंने अपने दो मित्र खो दिए। एक तो पाकिस्तान के श्री आई.ए. रहमान और दूसरे इंदौर के श्री महेश जोशी ! ये दोनों अपने ढंग के अनूठे लोग थे। दोनों ने राजनीति और सार्वजनिक जीवन में नाम कमाया और ऐसा जीवन जिया, जिससे दूसरों को भी कुछ प्रेरणा मिले। श्री आई.ए. रहमान का पूरा नाम इब्न अब्दुर रहमान था। 90 वर्षीय रहमान साहब का जन्म हरियाणा में हुआ था और वे विभाजन के बाद पाकिस्तान में … [Read more...] about ए.आई. रहमान और जोशी
स्वास्तिक: हमारा या हिटलर का ?
अमेरिका के मेरीलेंड नामक प्रांत की विधानसभा में एक ऐसा विधेयक लाया गया है, जो भारतीय लोगों के लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है। वह विधेयक यदि कानून बन गया तो बाइडन और मोदी प्रशासनों के बीच भी तनाव बढ़ सकता है। भारत और अमेरिका के रिश्तों पर अमेरिका के सातवें बेड़े ने पहले ही छींटे उछाल रखे हैं और मेरीलैंड विधानसभा ने यदि इस विधेयक को कानून बना दिया तो भारत की इस तथाकथित राष्ट्रवादी … [Read more...] about स्वास्तिक: हमारा या हिटलर का ?
भारत पर अमेरिकी दादागीरी
भारत और अमेरिका के बीच आजकल जैसा मधुर माहौल बना हुआ है, उसमें अचानक एक कड़ुआ प्रसंग आन पड़ा है। हुआ यह है कि अमेरिकी नौसेना का सातवां बेड़ा हमारे ‘सामुद्रिक अनन्य आर्थिक क्षेत्र’ में घुस आया है और सरकार ने इस सीमा-उल्लंघन पर अमेरिकी सरकार से शिकायत की है। लेकिन अमेरिका ने दो-टूक शब्दों में कहा है कि अमेरिका ने किसी अन्तरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है। बल्कि भारतीय दावे … [Read more...] about भारत पर अमेरिकी दादागीरी
यह फैसला तर्कसंगत नहीं
सर्वोच्च न्यायालय की यह बात तो बिल्कुल ठीक है कि भारत का संविधान नागरिकों को अपने ‘धर्म-प्रचार’ की पूरी छूट देता है और हर व्यक्ति को पूरा अधिकार है कि वह जिसे चाहे, उस धर्म को स्वीकार करे। हर व्यक्ति अपने जीवन का खुद मालिक है। उसका धर्म क्या हो और उसका जीवन-साथी कौन हो, यह स्वयं उसे ही तय करना है। यह फैसला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रोहिंगटन … [Read more...] about यह फैसला तर्कसंगत नहीं
म्यांमारः भारत दृढ़ता दिखाए
म्यांमार में सेना का दमन जारी है। 600 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। आजादी के बाद भारत के पड़ौसी देशों— पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, मालदीव— आदि में कई बार फौजी और राजनीतिक तख्ता-पलट हुए और उनके खिलाफ इन देशों की जनता भड़की भी लेकिन म्यांमार में जिस तरह से 600 लोग पिछले 60-70 दिनों में मारे गए हैं, वैसे किसी भी देश में नहीं मारे गए। म्यांमार की जनता अपनी फौज पर … [Read more...] about म्यांमारः भारत दृढ़ता दिखाए