सर्वोच्च न्यायालय ने इधर जातीय भेदभाव के आधार पर होनेवाली हिंसा के बारे में कुछ बुनियादें बातें कह डाली हैं। जजों ने 1991 में तीन लोगों के हत्यारों की सजा पर मोहर लगाते हुए पूछा है कि इतने कानूनों के बावजूद देश में से जातीय घृणा का उन्मूलन क्यों नहीं हो रहा है? अदालत की अपनी सीमाएं हैं। वह सिर्फ कानून लागू करवा सकती है। वह खुद कोई कानून बना नहीं सकती। वह कोई समाजसेवी संस्था भी … [Read more...] about जातिवाद कैसे खत्म करें?
Archives for November 2021
भारत में गरीबों की कितनी दुर्दशा?
भारत में गरीबों की हालत कितनी शर्मनाक है। आजादी के 74 वर्षों में भारत में अमीरी तो बढ़ी है लेकिन वह मुट्ठीभर लोगों और मुट्ठीभर जिलों तक ही पहुंची है। आज भी भारत में गरीबों की संख्या दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा है। हमारे देश के कई जिले ऐसे हैं, जिनमें आधे से ज्यादा लोगों को पेट भर रोटी भी नहीं मिलती। वे दवा के अभाव में ही दम तोड़ देते हैं। वे क ख ग भी न लिख सकते हैं न पढ़ सकते … [Read more...] about भारत में गरीबों की कितनी दुर्दशा?
परिवारवाद और हमारा लोकतंत्र
संविधान-दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह का कुछ विपक्षी दलों ने बहिष्कार क्यों किया, यह समझ में नहीं आता। शायद उन्हें शक था कि सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को न तो मंच पर बिठाया जाएगा और न ही उसे बोलने भी दिया जाएगा। छोटे-मोटे अन्य विपक्षी दलों की उपेक्षा तो संभावित थी ही! यदि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की उपेक्षा उक्त प्रकार से की जाती तो इस समारोह का बहिष्कार सर्वथा उचित … [Read more...] about परिवारवाद और हमारा लोकतंत्र
Senior Diplomates in PEOPLE’S SCAARC Lunch
Former Foreign Minister Mr. Natwar Singh and former ambassadors Mr. Lakhan Mehrotra, Mr. K.V. Rajan, Mr. K.P. Fabian, Mr. Jayant Prasad, Mr. Ashok Sajjanhar with Mr. M. Jain and Mr. SK Agrawal (Trustees). Dr. V.P Vaidik, Chairman, PEOPLE'S SCAARC hosted the Lunch … [Read more...] about Senior Diplomates in PEOPLE’S SCAARC Lunch
कोरोनाः यूरोप से भारत बेहतर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक का दावा है कि कोरोना के तीसरे हमले से डरने की जरुरत नहीं है। भारतीय कोवेक्सीन का असर लोगों को काफी सुरक्षा दे रहा है। यह तो उनकी तकनीकी राय है लेकिन भारत की आम जनता का बर्ताव भी यही बता रहा है कि उसे अब कोरोना का डर ज्यादा नहीं रह गया है। दिल्ली में मैं देख रहा हूं कि नेता लोग बड़ी-बड़ी सभाएं करने लगे हैं, ब्याह-शादियों में सैकड़ों … [Read more...] about कोरोनाः यूरोप से भारत बेहतर
बेलगाम जासूसी ठीक नहीं
संसद की संयुक्त संसदीय समिति ने ‘व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षा विधेयक’ पर अपनी रपट पेश कर दी है। संसद के अगले सत्र में कुछ दिन बाद ही यह विधेयक कानून का रुप ले सकता है। इस समिति के 30 सदस्यों में से छह ने इस विधेयक से अपनी असहमति जताई है। इस विधेयक का उद्देश्य है, सरकार, संस्थाओं और व्यक्तियों की निजता की रक्षा करना। दूसरे शब्दों में उनके लेन-देन, कथनोपकथन, गतिविधि, पत्र-व्यवहार … [Read more...] about बेलगाम जासूसी ठीक नहीं
अंग्रेज से ज्यादा खतरनाक अंग्रेजी
भाजपा सरकार ने मानव-संसाधन मंत्रालय नाम बदलकर उसे फिर से शिक्षा मंत्रालय बना दिया, यह तो अच्छा ही किया लेकिन नाम बदलना काफी नहीं है। असली सवाल यह है कि उसका काम बदला कि नहीं? शिक्षा मंत्रालय ने यदि सचमुच कुछ काम किया होता तो पिछले सात साल में उसके कुछ परिणाम भी दिखाई पड़ने लगते। शिक्षा मंत्रालय का काम बदला कि नहीं लेकिन सात साल में उसके चार मंत्री बदल गए। याने कोई भी मंत्री औसत … [Read more...] about अंग्रेज से ज्यादा खतरनाक अंग्रेजी
हरयाणा में आरक्षण बना बेहतर
हरयाणा की भाजपा सरकार ने आरक्षण के मामले में साहसिक निर्णय किया है, जो देश की सभी सरकारों के लिए अनुकरणीय है। जब समाजवादी नेता डाॅ. लोहिया कहा करते थे कि ‘पिछड़े पावें सौ में साठ’ तो मेरे-जैसे नौजवान उनका डटकर समर्थन करते थे और फिर प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जब आरक्षण का कानून बनाया तो उसका समर्थन भी बड़ी-बड़ी जनसभाओं में हमने किया लेकिन हमने महसूस किया कि हमारे समाज के … [Read more...] about हरयाणा में आरक्षण बना बेहतर
अब किसान-शासन संवाद जरुरी
सरकार ने तीनों कृषि-कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी, फिर भी आंदोलनकारी किसान नेता अपनी टेक पर अड़े हुए हैं। वे कह रहे हैं कि जब तक संसद स्वयं इस कानून को रद्द नहीं करेगी, यह आंदोलन या यह धरना चलता रहेगा। उनकी दूसरी मांग है कि सरकार उपज के सरकारी मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे। मैं समझता हूं कि इन दोनों बातों का हल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा में उपस्थित है। यदि … [Read more...] about अब किसान-शासन संवाद जरुरी
गुरुद्वारे में नमाज़
गुड़गांव के सिखों ने मुसलमानों से कहा है कि वे हर शुक्रवार को गुरुद्वारों में आकर नमाज़ पढ़ा करें। उन्हें सड़कों पर यदि कुछ लोग नमाज़ नहीं पढ़ने देते हैं और उनके पास मस्जिदों का पूरा इंतजाम नहीं है तो वे चिंता न करें। गुड़गांव के पांच गुरुद्वारे अब नमाज के लिए भी खोल दिए जाएंगे। गुड़गांव और अन्य कई शहरों में इस बात को लेकर काफी विवाद उठ खड़ा हुआ है कि सड़कों पर नमाज़ पढ़ने दी जाए या नहीं ? … [Read more...] about गुरुद्वारे में नमाज़