जब भारतीय मूल के नागरिक विदेशों में राज-काज के हिस्सेदार होते हैं तो वे कैसा चमत्कार कर देते हैं। आजकल ऋषि सुनाक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने की बात तो चल ही रही है लेकिन अमेरिका के प्रतिनिधि सदन (लोकसभा) के एक भारतीय सदस्य ने वह काम कर दिखाया है, जो असंभव-सा लगता था। रो खन्ना नामक सदस्य ने अमेरिका के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम को भारत पर लागू होने से रूकवा दिया। यह … [Read more...] about भारत को जबर्दस्त अमेरिकी छूट
Archives for July 2022
असंसदीय शब्दः फिजूल की बहस
संसद के भाषणों में कौन-से शब्दों का इस्तेमाल सांसद लोग कर सकते हैं और कौन-से का नहीं, यह बहस ही अपने आप में फिजूल है। आपत्तिजनक शब्द कौन-कौन से हो सकते हैं, उनकी सूची 1954 से अब तक कई बार लोकसभा सचिवालय प्रकाशित करता रहा है। इस बार जो सूची छपी है, उसे लेकर कांग्रेस के नेता आरोप लगा रहे हैं कि इस सूची में ऐसे शब्दों की भरमार है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए … [Read more...] about असंसदीय शब्दः फिजूल की बहस
श्रीलंकाः भारत पहल करे
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्ष ने घोषणा की थी कि वे 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा देंगे लेकिन अभी तक वे श्रीलंका से भागकर कहां छिप रहे हैं, इसी का ठीक से पता नहीं चल रहा है। कभी कहा जा रहा है कि वे मालदीव पहुंच गए हैं और अब वहां से वे मलेशिया या सिंगापुर या दुबई में शरण लेंगे। इधर श्रीलंका में प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघ अपने आप कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्हें … [Read more...] about श्रीलंकाः भारत पहल करे
राष्ट्रपतिः कहां है, विपक्षी एकता?
अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना भी राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मु का समर्थन करेगी। यह अपने आप में एक खबर है, क्योंकि इसका अर्थ यह हुआ कि जिस भाजपा के चलते ठाकरे की सरकार चलती बनी, उसी भाजपा के उम्मीदवार का समर्थन उन्हें करना पड़ रहा है। वे कहते हैं कि यह समर्थन उन्होंने मजबूरी में नहीं किया है। पहले भी उन्होंने प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था, जबकि ये दोनों … [Read more...] about राष्ट्रपतिः कहां है, विपक्षी एकता?
भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?
सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार से दो-टूक शब्दों में अनुरोध किया है कि वह लोगों की अंधाधुंध गिरफ्तारी पर रोक लगाए। भारत की जेलों में बंद लगभग 5 लाख कैदियों में से लगभग 4 लाख ऐसे हैं, जिनके अपराध अभी तक सिद्ध नहीं हुए हैं। अदालत ने उन्हें अपराधी घोषित नहीं किया है। उन पर मुकदमे अगले 5-10 साल तक चलते रहते हैं और उनमें से ज्यादातर लोग बरी हो जाते हैं। हमारी अदालतों में करोड़ों … [Read more...] about भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?
संसार को भीड़ से बचाने का सूत्र
ग्यारह जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। ऐसे अवसरों पर लोग उत्सव करते हैं लेकिन इस विश्व दिवस पर लोग चिंता में पड़ गए हैं। उन्हें चिंता यह है कि दुनिया की आबादी इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो अगले 30 साल में दुनिया की कुल आबादी लगभग 10 अरब हो जाएगी। इतने लोगों के लिए भोजन, कपड़े, निवास और रोजगार की क्या व्यवस्था होगी? क्या यह पृथ्वी इंसान के रहने लायक बचेगी? पृथ्वी का … [Read more...] about संसार को भीड़ से बचाने का सूत्र
भारत गोद ले ले श्रीलंका को
श्रीलंका में वह हो रहा है, जो हमारे दक्षिण एशिया के किसी भी राष्ट्र में आज तक कभी नहीं हुआ। जनता के डर के मारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भागकर कहीं छिप जाना पड़े, ऐसा इस भारतीय उप-महाद्वीप के किसी देश में कभी हुआ है क्या? हमारे कई पड़ौसी देशों में फौजी तख्ता-पलट, अंदरुनी बगावत और संवैधानिक संकट के कारण सत्ता परिवर्तन हुए हैं लेकिन श्रीलंका में हजारों लोग राष्ट्रपति भवन में … [Read more...] about भारत गोद ले ले श्रीलंका को
भारतमित्र शिंजो एबे
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो एबे की हत्या पर संसार के नेताओं ने जैसी मार्मिक प्रतिक्रियाएं की हैं, वैसी कम ही की जाती हैं। भारत ने तो शनिवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है। अब तक कई विदेशी राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों की हत्या की खबरें आती रही हैं लेकिन एबे की हत्या पर भारत की प्रतिक्रिया असाधारण है। इसके कई कारण हैं। एबे ऐसे पहले जापानी प्रधानमंत्री हैं, जो भारत … [Read more...] about भारतमित्र शिंजो एबे
सरकार कैसे तय करे संदेश सही या गलत?
सोशल मीडिया की प्रसिद्ध कंपनी, ट्विटर, ने यह कहकर अदालत की शरण ली है कि भारत सरकार अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रही है, क्योंकि वह चाहती है कि ट्विटर पर जाने वाले कई संदेशों को रोक दिया जाए या हटा दिया जाए। उसने गत वर्ष किसान आंदोलन के दौरान जब ऐसी मांग की थी, तब कई संदेशों को हटा लिया गया था। लेकिन ट्विटर ने कई नेताओं और पत्रकारों के बयानों को हटाने से मना कर दिया था। जून 2022 … [Read more...] about सरकार कैसे तय करे संदेश सही या गलत?
मंदिर-मस्जिद सबके लिए खुले क्यों न हों?
मद्रास उच्च न्यायालय ने अभी-अभी एक फैसला दिया है, जिसका स्वागत और पालन सभी धर्मों के लोगों को क्यों नहीं करना चाहिए? यदि कोई व्यक्ति अपने धर्म के अलावा किसी धर्म के मंदिर, मस्जिद, गिरजे या गुरुद्वारे में जाना चाहे तो उसे क्यों रोका जाना चाहिए? मद्रास उच्च न्यायालय ने उस याचिका को रद्द कर दिया है, जिसमें मांग की गई थी कि कन्याकुमारी के एक मंदिर में उन लोगों को न जाने दिया जाए, … [Read more...] about मंदिर-मस्जिद सबके लिए खुले क्यों न हों?