गौतम अडानी और हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले पर नए रहस्योद्घाटन लगभग रोज़ ही हो रहे हैं। इस बार का संसद का सत्र भी इसी मामले का शिकार होनेवाला है, क्योंकि विपक्ष के पास इसके अलावा कोई बड़ा मुद्दा है ही नहीं। वैसे एक मुहावरे में कहा भी गया है कि ‘भागते भूत की लंगोटी ही काफी।’ अब अंग्रेजी के ‘हिंदू’ अखबार में श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी की एक भेंटवार्ता छपी है। उसमें साबरी ने … [Read more...] about अडानी-श्रीलंकाः मोदी की चुप्पी?
Archives for 2023
मिलावटखोरों को सजा ऐसी हो
हमारी दो दवा-निर्माता कंपनियों के कारनामों से सारी दुनिया में भारत की बदनामी हो रही है। इस बदनामी से भी ज्यादा दर्दनाक बात यह है कि इन दोनों कंपनियों- मेडेन फार्मा और मेरियन बायोटेक- की दवाइयों से गांबिया में 60 बच्चों और उजबेकिस्तान में 16 बच्चों की मौत हो गई। जब पहले-पहल ये खबरें मैंने अखबारों में देखी तो मैं दंग रह गया। मुझे लगा कि भारत से अरबों रु. की दवाइयों का जो निर्यात … [Read more...] about मिलावटखोरों को सजा ऐसी हो
क्यों डरें महर्षि वेलेंटाइन से ?
(भारत सरकार के पशु-कल्याण बोर्ड ने पहले घोषणा की कि ‘वेलेंटाइन डे’ को ‘गाय को गले लगाओ दिवस’ के तौर पर मनाया जाए। जब उसकी इस घोषणा की जबर्दस्त मजाक उड़ी तो उसने इसे वापस ले लिया। ‘वेलेंटाइन डे’ पर लिखा गया, देश के प्रसिद्ध विचारक डाॅ. वैदिक का यह ऐतिहासिक लेख पाठकों की सेवा में प्रस्तुत है। ) सेंट वेलेन्टाइन डे' का विरोध अगर इसलिए किया जाता है कि वह प्रेम-दिवस है तो इससे … [Read more...] about क्यों डरें महर्षि वेलेंटाइन से ?
विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी?
फिजी में 15 फरवरी से 12 वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन 1975 में नागपुर से शुरु हुआ था। उसके बाद यह दुनिया के कई देशों में आयोजित होता रहा है। जैसे मोरिशस, त्रिनिदाद, सूरिनाम, अमेरिका, ब्रिटेन, भारत आदि! पिछले दो सम्मेलनों को छोड़कर बाकी सभी सम्मेलनों के निमंत्रण मुझे मिलते रहे हैं। मुझे 1975 के पहले सम्मेलन से ही लग रहा था कि यह सम्मेलन हिंदी के नाम पर करोड़ों … [Read more...] about विश्व हिंदी या अंग्रेजी की गुलामी?
मदनीः इस्लाम जन्मा भारत में?
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुखिया महमूद मदनी के बयान पर इधर हंगामा मचा हुआ है। हमारे टीवी चैनलों पर आजकल यही सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। मदनी के इस कथन का कोई एतिहासिक प्रमाण नहीं है कि ‘‘इस्लाम का जन्म-स्थान अरब देश नहीं, भारत है। पहले नवी का जन्म भारत में ही हुआ है। यह मुसलमानों की मातृभूमि है। इस्लाम को विदेशी मजहब मानना एतिहासिक दृष्टि से गलत है और बिल्कुल निराधार है।’’ ये वाक्य … [Read more...] about मदनीः इस्लाम जन्मा भारत में?
अमेरिका : शादी जरूरी नहीं
भारत की जीवन पद्धति और पश्चिमी देशों की जीवन पद्धति में कितना अंतर है। भारत में हालांकि वर्णाश्रण धर्म का आजकल लोग नाम भी नहीं जानते लेकिन सदियों से इस आर्य जीवन पद्धति का इतना गहरा प्रभाव रहा हैं कि भारत ही नहीं, सारे दक्षिण और मध्य एशिया में इसका पालन होता रहता है। अमेरिका में हुए एक ताजा सर्वेक्षण से पता चला है कि वहां के ज्यादातर युवा शादी करना ही नहीं चाहते। 57 प्रतिशत … [Read more...] about अमेरिका : शादी जरूरी नहीं
अडानी विवादः कमल पर कीचड़
अडानी समूह के तथाकथित भांडाफोड़ पर हमारी संसद का पूरा पिछला हफ्ता खप गया लेकिन अभी तक देश के लोगों को सारे घपले के बारे में कुछ भी ठोस जानकारी नहीं मिली है। हालांकि अडानी समूह ने सैकड़ों पृष्ठों का खंडन जारी करके दावा किया है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है। उसका सारा हिसाब-किताब एकदम साफ-सुथरा है। भारत के रिजर्व बैंक ने भी नाम लिये बिना अपने सारे लेन-देन को प्रामाणिक बताया है … [Read more...] about अडानी विवादः कमल पर कीचड़
पाकिस्तान में कैसा इस्लाम?
पिछले हफ्ते दुबई में मुझे कई अफगान और पाकिस्तानी मिले। सब के सब पाकिस्तान के हालात पर बहुत परेशान दिखे। आर्थिक दृष्टि से तो पाकिस्तान का संकट सारी दुनिया को पता चल ही गया है लेकिन अभी-अभी वहां के मानव अधिकार आयोग की जो ताजा रपट आई है, उसे देखने से पता चलता है कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों- हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, शियाओं और अहमदिया लोगों की हालत कितनी बुरी है। उनके मंदिरों, … [Read more...] about पाकिस्तान में कैसा इस्लाम?
तुर्किए-भूकंप पर भारत की पहल
तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप ने सारी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। ऐसे भूकंपों ने ईरान, अफगानिस्तान और नेपाल जैसे पड़ौसी देशों में भी कई बार हड़कंप मचाया है लेकिन वर्तमान भूकंप में लगभग 10 हजार लोग मारे गए हैं और लाखों लोग घायल हो गए हैं। बेघरबार हुए लोगों की संख्या तो और भी बड़ी है। आशा करें कि अभी कोई और झटका न आ जाए। इस वक्त दुनिया के कई देश तुर्किए की मदद के लिए आगे आ रहे हैं … [Read more...] about तुर्किए-भूकंप पर भारत की पहल
दुबई में विदेश नीति का डंका
दुबई के इस चार दिन के प्रवास में मेरा कुछ समय तो समारोहों में बीत गया लेकिन शेष समय कुछ खास-खास लोगों से मिलने में बीता। अनेक भारतीयों, अफगानों, पाकिस्तानियों, ईरानियों, नेपालियों, रूसियों और कई अरब शेखों से खुलकर संवाद हुआ। इस संवाद से पहली बात तो मुझे यह पता चली कि दुबई के हमारे प्रवासी भारतीयों में भारत की विदेश नीति का बहुत सम्मान है। हम लोग नरेंद्र मोदी और विदेश नीति की कई … [Read more...] about दुबई में विदेश नीति का डंका