आज मैं कानपुर के तुलसी उपवन में हूं। अब से 36 साल पहले इस उपवन की स्थापना पं. ब्रदीनारायण तिवारी ने की थी। महाकवि तुलसीदास के प्रति तिवारीजी इतने समर्पित हैं, श्रद्धा से इतने भरे हुए हैं, उनके प्रेम में इतने पगे हुए हैं कि अगर वे शाहजहां होते तो तुलसी की याद में ताजमहल खड़ा कर देते लेकिन यह तुलसी उपवन एक अर्थ में हिंदीवालों का ताजमहल ही है। जहां तक मेरा ध्यान जाता है, हिंदी के … [Read more...] about कानपुर में हिंदी का ताजमहल
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