कल दिल्ली के प्रेस क्लब में पत्रकारों का बड़ा जमावड़ा हुआ। कुछ दिन पहले एनडीटीवी के सिलसिले में भी हुआ था। मैंने ऐसा जमावड़ा पूरे 42 साल पहले यहां देखा था। 26 जून 1975 को आपात्काल की घोषणा हुई थी और उसके दो-तीन दिन बाद ही श्री कुलदीप नय्यर की पहल पर हम दो-तीन सौ पत्रकार जमा हो गए थे। आपात्काल के विरुद्ध भाषणों के बाद जब कुलदीपजी ने कहा कि आपात्काल और सेंसरशिप के निंदा-प्रस्ताव पर … [Read more...] about पत्रकारों की आज़ादी और साख
dr.vaidik's article
अब तक भोग किया, अब योग करें
योग दिवस पर कुछ कांग्रेसी मित्रों ने योग और मोदी का मजाक बनाया है। मोदी की जो भी आलोचना उन्हें करना है, वह जरुर करें। वरना वे विपक्षी कैसे कहलाएंगे ? लेकिन योग और योग-दिवस के बारे में तो मैं उनसे उत्तम प्रतिक्रिया की उम्मीद करता था। मैं तो सोचता था कि कांग्रेसी मित्र लोग भी बढ़-चढ़कर योग-दिवस मनाएंगे और इस विश्व-व्यापी कल्याण-कार्य पर अकेले मोदी की छाप नहीं लगने देंगे लेकिन … [Read more...] about अब तक भोग किया, अब योग करें
किस काम की है, यह मौत की सजा ?
गुड़गांव की एक 19 वर्षीय युवती के साथ 29 मई की रात बलात्कार की जो घटना हुई है, वह निर्भया-कांड से कम मर्मांतक नहीं है। एक आटो रिक्शा में सवार दो युवकों और उसके ड्राइवर ने उस युवती के साथ न सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसकी आठ माह की बेटी की भी उन्होंने हत्या कर दी। रोती हुई उस बच्ची को बलात्कार के बाद उन वहशियों ने एक पत्थर पर दे मारा। जब उस युवती और उसके रिश्तेदारों ने गुड़गांव के … [Read more...] about किस काम की है, यह मौत की सजा ?