इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो ‘मन की बात’ कही, वह मुझे थोड़ी काम की बात लगी। उसमें एक नहीं, काम की कई बातें थीं। सबसे बड़ी बात तो यह कि उनके तीन साल के कार्य की समालोचना का उन्होंने स्वागत किया। इस स्वागत में लोकतांत्रिकता की झलक मिलती है। अगर वे इसका स्वागत न करें तो भी उनकी सराहना और आलोचना तो हो ही रही है। सारे अखबारों और टीवी चैनलों पर बोलने वाले सभी लोगों के मुंह पर … [Read more...] about ये हुई न, मन की बात !