देश के 65 सेवा-निवृत्त नौकरशाहों ने एक सार्वजनिक अपील जारी की है, जिसमें कहा गया है कि भारत में तानाशाही, असहिष्णुता और अल्पसंख्यक उत्पीड़न तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं से अपील की है कि वे इस प्रवृत्ति पर लगाम लगाएं। देश के वरिष्ठ नौकरशाह, जिन्होंने कई-कई दशक तक सरकार चलाई है, उनके द्वारा ऐसा संयुक्त बयान जारी करना अपूर्व घटना है। ऐसा बयान तो आपातकाल के पहले या … [Read more...] about स्वागत, नौकरशाहों की हिम्मत का !
pm modi
आपातकाल का कुआरंभ, बुजुर्गों ने थामा हाथ!
एनडीटीवी के मालिक के घर और दफ्तर पर सीबीआई ने छापे मारे। इसके विरोध में दिल्ली के बुजुर्ग और प्रसिद्ध पत्रकारों ने कल एक साथ हमला बोला। ये सारे पत्रकार सेवा-निवृत्त हैं। कोई भी कार्यरत टीवी एंकर या हिंदी और अंग्रेजी अखबार का संपादक इस गुस्साई सभा में क्यों दिखाई नहीं दिया ? क्योंकि सब डरे हुए हैं। उनके मालिक सरकारी विज्ञापनों के मोहताज़ हैं। पत्रकारों को यह भी डर है कि उन्होंने … [Read more...] about आपातकाल का कुआरंभ, बुजुर्गों ने थामा हाथ!
नोटबंदी ने मचाई कैसी तबाही ?
नोटबंदी ने हमारी अर्थ-व्यवस्था में कैसी तबाही मचाई है, यह अब सरकारी आंकड़े खुद बता रहे हैं। जब मैंने लिखा था कि नोटबंदी करके नरेंद्र मोदी अभिमन्यु की तरह चक्र-व्यूह में फंस गए हैं तो मोदी के कई मंदबुद्धि भक्तों ने मुझे असभ्य भाषा में प्रतिक्रिया दी थी लेकिन अब सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि 2017 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थ-व्यवस्था में भयंकर गिरावट आ गई है। तीन साल में भारत का … [Read more...] about नोटबंदी ने मचाई कैसी तबाही ?
ये हुई न, मन की बात !
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो ‘मन की बात’ कही, वह मुझे थोड़ी काम की बात लगी। उसमें एक नहीं, काम की कई बातें थीं। सबसे बड़ी बात तो यह कि उनके तीन साल के कार्य की समालोचना का उन्होंने स्वागत किया। इस स्वागत में लोकतांत्रिकता की झलक मिलती है। अगर वे इसका स्वागत न करें तो भी उनकी सराहना और आलोचना तो हो ही रही है। सारे अखबारों और टीवी चैनलों पर बोलने वाले सभी लोगों के मुंह पर … [Read more...] about ये हुई न, मन की बात !