दैनिक भास्कर, 5 दिसंबर 2013। नागपुर करार के छह दशक बीतने के बाद भी विदर्भ के अपेक्षित विकास के अभाव को देखते हुए विदर्भ ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने विदर्भ राज्य का प्रतीकात्मक अधिवेशन 5 व 6 दिसंबर को खामला के पराते सभागृह में आहूत किया है। सुबह 11:30 बजे शुरू होने वाले अधिवेशन की पूर्व संध्या पर पत्रकार वार्ता में कमेटी के पदाधिकारियों व स्वयंभू विधायकों ने भी हिस्सा लिया।
खास आकर्षण का केंद्र रहे मोर्शी विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक डॉ. अनिल बोंडे। डॉ. बोंडे ने पत्रकारों से कहा कि विदर्भ के शोषण के खिलाफ व सतत् एवं आर्थिक विकास के लिए विदर्भ को स्वतंत्र राज्य का दर्जा देना ही होगा। यह पहला अधिवेशन इस ओर पहला कदम होगा जिसमें आंकलन किया जाएगा कि स्तंत्र विदर्भ कैसा होगा। उन्होंने कहा कि प्रतीकात्मक अधिवेशन में विदर्भ के प्रश्नों को रखा जाएगा और इसके मिनट्स को लेकर एक प्रारूप तैयार किया जाएगा, जिसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस अधिवेशन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भी सार्वजनिक तौर पर आमंत्रित किया जा रहा है। इस पत्रपरिषद में पूर्व सांसद वामनराव चटप, पूर्व विधायक सरोज काशिकर, चिमुर के पूर्व विधायक भूपेंद्र शेंडे, अहमद कादर, राम नेवले व अन्य सदस्य मौजूद थे। वामनराव चटप ने कहा कि ये अधिवेशन विदर्भ की जनता की आकांक्षा पूरी करेगा। विदर्भ की समस्याएं अब आर्थिक अनुशेष से नहीं खत्म हो सकतीं। साथ ही उन्होंने अधिवेशन की संपूर्ण रूपरेखा की जानकारी दी। अहमद कादर ने कहा कि जिस लक्ष्य को साधने के लिए अधिवेशन लिया जाता है वह पूरा नहीं हो रहा था जिस वजह से यह अधिवेशन लिया जा रहा है। दीपक निलावार ने कहा कि वे विधायकों के नाम पर अधिवेशन में शामिल होने जा रहे हैं।
विदर्भ के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
विदर्भ के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधि सदन चलाएंगे। विदर्भ विकास की संपूर्ण रूपरेखा तैयार की जाएगी। हर जिले से आए विदर्भवादी आंदोलनकारियों मेें से 62 विधायकों का चुनाव किया जाएगा। फिर हर विधायक के नाम घोषित किए जाएंगे। 5 दिसंबर को सुबह 11 बजे विधान सभा का सर्वप्रथम मुख्यमंत्री चुना जाएगा। उसके बाद सभापति, उपसभापति व विरोधी नेता का भी चुनाव किया जाएगा। उसके उपरांत मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे।
राज्यपाल के शपथ लेने के बाद वह मुख्यमंत्री को शपथ दिलाएंगे और विधि मंडल के कामकाज की शुरुआत होगी। इतना ही नहीं मानद मुख्य न्यायाधीश व चीफ जस्टिस का भी चयन किया जाएगा। उमेश चौबे इस अधिवेशन में मानद मुख्य न्यायाधीश होंगे। इस प्रथम विधान मंडल सत्र में विदर्भ के ज्वलंत प्रश्नों, मसलन कृषि, 24 घंटे बिजली, उद्योगों को हर समय बिजली, बेरोजगारी, नक्सल आदि की समस्या को खत्म करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
नागपुर से सर्वाधिक विधायक
6 दिसंबर को विधान मंडल का कामकाज शुरू किया जाएगा, प्रश्नोत्तर व अंतिम सप्ताह प्रस्ताव रखा जाएगा। गौरतलब है कि इस अधिवेशन में बुलढाणा से 7, अकोला से 5, वाशिम से 3,अमरावती से 8, वर्धा से 4, नागपुर से 12, भंडारा से 3, गोंदिया से 4, गड़चिरोली से 3, चंद्रपुर से 6 व यवतमाल से 7 विधायकों का समावेश होगा जिनकी सूची तैयार कर ली गई है। खास बात ये कि यह अधिवेशन बिना विधान परिषद के होगा। विधान सभा में विदर्भ विकास पार्टी व विदर्भ जन पार्टी हिस्सा लेगी। पहले अधिवेशन में 6 पूर्व विधायकों का भी समावेश किया गया है।
वैदिक होंगे राज्यपाल
विदर्भ ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रवक्ता राम नेवले ने जानकारी दी है कि स्वतंत्र विदर्भ के
राज्यपाल के तौर पर पीटीआई के पूर्व अध्यक्ष व जाने-माने पत्रकार वेदप्रताप वैदिक के नाम की घोषणा की गई है। जबकि शेतकरी संगठन के प्रणेता शरद जोशी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे।]
पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण
5 दिसंबर को नेताओं का चुनाव होगा फिर राज्यपाल व मंत्रिमंडल की शपथविधि संपन्न होगी। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव होगा, फिर 63 वें विधायक के नाम की घोषणा राज्यपाल करेंगे। इसके उपरांत विधायक शपथ लेंगे और मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल का परिचय देंगे। इसी दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा व प्रश्नोत्तर और चर्चा होगी। अर्थ संकल्प, मतदान व ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी और प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
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