कलकत्ता हाईकोर्ट के जज सी.एस. कर्णन को छह माह की सजा देकर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने विश्व-रेकार्ड कायम कर दिया है। इसके पहले जस्टिस कर्णन ने सर्वोच्च न्यायालय के आठ जजों को पांच-पांच साल की सजा और जुर्माना भी कर दिया था। वह उससे भी बड़ा रेकार्ड था। सर्वोच्च न्यायालय ने कर्णन की दीमागी जांच के भी आदेश दे दिए थे। कर्णन की गिरफ्तारी तो हो ही जाएगी लेकिन मेरी समझ में नहीं आता है … [Read more...] about यह न्यायिक आपात्काल क्यों?
Archives for May 2017
फ्रांस में नए सूर्य का उदय
फ्रांस में इमेन्युअल मेक्रों का राष्ट्रपति बनना कई दृष्टियों से असाधारण घटना है। पहली बात तो यह कि वे पिछले 200 साल में फ्रांस के ऐसे पहले नेता हैं, जो सिर्फ 39 साल के हैं। नेपोलियन 40 का था। दूसरी बात, फ्रांसीसी राजनीति के वे नए सूर्य हैं। वे लगभग दो साल तक पिछली ओलांद सरकार में अर्थमंत्री रहे थे। तीसरी बात, न तो वे वामपंथी हैं न दक्षिणपंथी! फ्रांस की अतिवादी राजनीति में वे … [Read more...] about फ्रांस में नए सूर्य का उदय
भला, दो करोड़ क्या होते हैं?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आप पार्टी, दोनों ही रोज़-रोज़ कीचड़ में धंसते चले जा रहे हैं। अब उनके एक मंत्री रहे साथी, कपिल मिश्रा ने ही उन पर दो करोड़ रु. की रिश्वत लेने का आरोप लगा दिया है। यह आरोप अपने आप में विचित्र है। एक अन्य मंत्री, सत्येंद्र जैन, अपने मुख्यमंत्री को रिश्वत क्यों देगा? जैन पर आरोप लगाया गया है कि उसने मुख्यमंत्री के रिश्तेदार का 50 करोड़ का … [Read more...] about भला, दो करोड़ क्या होते हैं?
भला, दो करोड़ क्या होते हैं?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आप पार्टी, दोनों ही रोज़-रोज़ कीचड़ में धंसते चले जा रहे हैं। अब उनके एक मंत्री रहे साथी, कपिल मिश्रा ने ही उन पर दो करोड़ रु. की रिश्वत लेने का आरोप लगा दिया है। यह आरोप अपने आप में विचित्र है। एक अन्य मंत्री, सत्येंद्र जैन, अपने मुख्यमंत्री को रिश्वत क्यों देगा? जैन पर आरोप लगाया गया है कि उसने मुख्यमंत्री के रिश्तेदार का 50 करोड़ का … [Read more...] about भला, दो करोड़ क्या होते हैं?
रोज़े में गोमांस नहीं, गोरस!
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने इस बार एक जबर्दस्त फैसला किया है। उसके हजारों सदस्य रमजान के दिनों में जो इफ्तार करेंगे, उसमें गोमांस नहीं परोसा जाएगा। उसकी जगह रोज़ादारों का उपवास गोरस याने गाय के दूध से खोला जाएगा। क्या कमाल की बात है, यह! यह बात मैं मुस्लिम देशों के कई मौलानाओं, राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, प्रोफेसरों और पत्रकारों से वर्षों से कहता आ रहा हूं। कुछ देशों में इसका … [Read more...] about रोज़े में गोमांस नहीं, गोरस!
आधार कार्ड पर साधार बहस
आधार कार्ड को लेकर आजकल देश में काफी बहस चल रही है। मामला सर्वोच्च न्यायालय में भी गया हुआ है। सरकार कहती है कि भारत के हर नागरिक को यह पहचान-पत्र अनिवार्य रुप से रखना होगा। जबकि सर्वोच्च न्यायालय अपने पिछले दो फैसलों में कह चुका है कि इसे आप अनिवार्य नहीं कर सकते। सरकार के अपने तर्क हैं। वह कहती है कि ‘आधार’ नामक पहचान-पत्र उंगलियों के छापे और आंखों के चित्र से बनते है। … [Read more...] about आधार कार्ड पर साधार बहस
निर्भया और बिल्किस बानो
निर्भया के बलात्कार और हत्या करने वाले चार अपराधियों को आज सर्वोच्च न्यायालय मृत्यु-दंड नहीं देता तो भारत में न्याय की मृत्यु हो जाती। निर्भया कांड ने दिसंबर 2012 में देश का दिल जैसे दहलाया था, उसे देखते हुए ही 2013 में मृत्युदंड का कानून (धारा 376ए) पास हुआ था। छह अपराधियों में से एक ने जेल में आत्महत्या कर ली थी और एक अवयस्क होने के कारण बच निकला लेकिन जो चार लटकाए जाने वाले … [Read more...] about निर्भया और बिल्किस बानो
बड़ी अदालत में बड़ा अन्याय
भारत की अदालतें जादू-टोना घर बनी हुई हैं। भारत-जैसे पूर्व गुलाम देशों की यही दुर्दशा है। अंग्रेजों की बनाई (अ) न्याय-व्यवस्था अभी तक ज्यों की त्यों चल रही है। विख्यात अंग्रेज विचारक जॉन स्टुअर्ट मिल ने लिखा था कि देर से किया गया न्याय तो अन्याय ही है। भारत की अदालतों में 3-4 करोड़ मुकदमे लटके पड़े हुए हैं, 30-30 साल से! पहली बात तो न्याय में देरी होती है और न्याय भी ऐसा होता … [Read more...] about बड़ी अदालत में बड़ा अन्याय
न सीधी बात, न सीधी कार्रवाई
नियंत्रण-रेखा पर दो भारतीय जवानों के सिर काटने की दर्दनाक घटना ने सारे भारत का पारा गर्म कर दिया है। पाकिस्तान के खिलाफ तो भावना का ज्वार उमड़ ही रहा है, भारत सरकार से भी लोग पूछे रहे हैं कि तुम्हारा 56 इंच का सीना कहां दुबकाए बैठे हो? सरकार, तेरी बोलती बंद क्यों है? विदेश मंत्रालय सिर्फ एक रस्मी बयान देकर छुट्टी कैसे पा गया है? पाकिस्तानी फौज कह रही है कि उसने किसी का सिर नहीं … [Read more...] about न सीधी बात, न सीधी कार्रवाई
ग्रंथों का ग्रंथ, ‘सत्यार्थप्रकाश’
कौशिक डेका ने अंग्रेजी में बाबा रामदेव पर जो किताब लिखी है, उसे मैंने अभी देखा नहीं है लेकिन उसके बारे में छपी खबरों में पढ़ा कि रामदेव जब किशोर ही थे, उन्हें ‘सत्यार्थ प्रकाश’ पढ़ने को मिला और उन पर उसका ऐसा प्रभाव हुआ कि वे अपना घर-बार और स्कूली पढ़ाई छोड़कर भाग खड़े हुए। गुरुकुल में भर्ती हो गए। संन्यास ले लिया और महर्षि दयानंद सरस्वती के सपनों की दुनिया खड़ी करने का संकल्प कर … [Read more...] about ग्रंथों का ग्रंथ, ‘सत्यार्थप्रकाश’