पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बड़ा मजेदार बयान अखबारों में छपा है। उनका कहना है कि यदि नरेंद्र मोदी की जीत हो गई और वे प्रधानमंत्री बन गए तो कश्मीर का मसला हल हो सकता है। एक दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी भारतीय सरकार कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ आत्मविश्वास से बात कर सकती है और यदि कांग्रेस जीत गई तो वह पाकिस्तान से बात करने में झिझकेगी। इमरान के इस बयान पर क्या कहा जाए? … [Read more...] about ये घोषणा-पत्र हैं या मायाजाल ?
Archives for April 2019
मालदीव में भारत की विजय
मालदीव में मोहम्मद नशीद की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रचंड विजय वास्तव में भारत की विजय है। नशीद भारत के मित्र रहे हैं लेकिन उन्हें 2012 में राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा था। वे 2008 में राष्ट्रपति चुने गए थे लेकिन उनके खिलाफ फौज और न्यायाधीशों ने मिलकर तख्ता-पलट की कार्रवाई कर दी थी। उनके बाद 2013 में अब्दुल्ला यामीन राष्ट्रपति चुने गए। उन्होंने और अदालत ने मिलकर 2015 … [Read more...] about मालदीव में भारत की विजय
इमरान का अंग्रेजी-विरोध
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंग्रेजी के सार्वजनिक इस्तेमाल पर वैसा ही प्रहार किया है, जैसा कभी गांधीजी और लोहियाजी किया करते थे या जैसा कि आजकल मुझे करना पड़ता है। विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो पाकिस्तान की संसद में अंग्रेजी में बोलते हैं। इमरान ने इस पर आपत्ति की है। उनका कहना है कि उन्हें राष्ट्रभाषा उर्दू में बोलना चाहिए। पाकिस्तान की संसद में अंग्रेजी में बोलना 90 … [Read more...] about इमरान का अंग्रेजी-विरोध
सुमित्राजी जैसा कोई और नहीं
भाजपा की नेता और भारत की लोकसभा-अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने घोषणा की है कि वे इस बार संसद का चुनाव नहीं लड़ेंगी। मप्र के भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में उनका नाम नहीं था। उन्होंने अपनी बेइज्जती का इंतजार नहीं किया। वे अपने आप मैदान से बाहर हो गईं ? क्या सुमित्रा महाजन जैसा कोई अन्य सांसद आज तक भारत में पैदा हुआ है? वे ऐसी पहली महिला सांसद हैं, जो एक ही क्षेत्र (इंदौर) से 8 बार … [Read more...] about सुमित्राजी जैसा कोई और नहीं
हकीकत आज पहले मैं, फिर पार्टी, फिर देश!
भाजपा के बुजुर्ग नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग में अपना मुंह खोलने की कोशिश की है। जब मोदी-राज शुरु हुआ था तब उन्होंने थोड़ी हिम्मत की थी और कहा था कि भारत में आपात्काल जैसे हालात बन रहे हैं लेकिन पिछले चार-पांच वर्षों में उन्होंने अपनी हालत इतनी दयनीय बना ली थी कि गांधीनगर से उनका टिकिट कट गया और वे टुकर-टुकर देखते रह गए। डॉ. मुरलीमनोहर जोशी ने तो फिर भी हिम्मत दिखाई … [Read more...] about हकीकत आज पहले मैं, फिर पार्टी, फिर देश!
घोषणा-पत्र अधूरा है लेकिन…
कांग्रेस पार्टी का चुनावी घोषणा-पत्र यदि पढ़ें तो ऐसा लगता है कि यदि उसकी सरकार बन गई तो भारत के ‘अच्छे-दिन’ शुरु हो जाएंगे लेकिन डर यही है कि जैसे ‘अच्छे दिन’ वर्तमान सरकार लाई है, क्या वैसे ही अच्छे दिन कांग्रेस लाएगी? चुनाव के दौरान बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाना हर पार्टी और हर नेता की मजबूरी होती है। जाहिर है कि जब भाजपा का घोषणा पत्र आएगा तो वह कांग्रेस से भी ज्यादा सपने … [Read more...] about घोषणा-पत्र अधूरा है लेकिन…
इसमें ‘भयंकर’, ‘भयंकर’ क्या है ?
कांग्रेस के चुनाव घोषणा-पत्र पर आज मैं अपनी प्रतिक्रिया देना चाहता था लेकिन हमारे उपग्रहभेदी प्रक्षेपास्त्र पर अमेरिका ने एक नई बहस छेड़ दी है। यह बहस कुछ ऐसी ही है, जैसे हमारी फौज के बालाकोट हमले पर चल पड़ी थी। अमेरिकी अंतरिक्ष प्रशासन संस्था (नासा) के मुखिया जिम ब्राइडन्सटाइन ने एक बयान में भारत द्वारा छोड़े गए उपग्रहभेदी प्रक्षेपास्त्र को ‘भयंकर, भयंकर’ कहा है। उनकी भाषा … [Read more...] about इसमें ‘भयंकर’, ‘भयंकर’ क्या है ?
उपनिषदों की पंडिता डॉ. वेदवती वैदिक का निधन
नई दिल्ली, 04 अप्रैल 2019: उपनिषदों की विख्यात विदुषी प्रो. वेदवती वैदिक का आज निधन हो गया है। दिल्ली के लीवर—इंस्टीट्यूट में उनका उपचार चल रहा था। वे प्रसिद्ध पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक की धर्मपत्नी हैं। उनकी आयु 70 वर्ष थी। उनका अंतिम संस्कार दयानंद घाट, लोदी इस्टेट पर आज संपन्न हो गया। 1977 से दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्रेयी महाविद्यालय में अध्यापन तथा श्री अरविन्द … [Read more...] about उपनिषदों की पंडिता डॉ. वेदवती वैदिक का निधन
यह लोकतंत्र है या जुमलातंत्र ?
इस बात पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है कि भारत में चुनावों की घोषणा हो चुकी है, उम्मीदवार तय हो रहे हैं और नेता लोग एक-दूसरे पर बम-वर्षा कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी ने अपना घोषणा-पत्र जारी नहीं किया है। वे शायद इसका इंतजार कर रही हैं कि उनकी विरोधी पार्टी जारी करें, तब वे भी जारी कर देंगे। ताकि अपने घोषणा-पत्र में वे उनसे भी ज्यादा चूसनियां (लाॅलीपाॅप) लटका सकें या … [Read more...] about यह लोकतंत्र है या जुमलातंत्र ?