आजकल मैं अपने गृह-नगर इंदौर में हूं। यहां के अखबार दिग्विजय सिंह और प्रज्ञा ठाकुर से भरे पड़े हैं। दिग्गी राजा कांग्रेस और प्रज्ञा भाजपा की उम्मीदवार हैं। माना यह जा रहा है कि भोपाल की यह टक्कर देश की दिशा तय करेगी। यह क्षेत्र ही यह तय करेगा कि लोकसभा का यह चुनाव किस मुद्दे पर लड़ा जाएगा। आतंकवाद के मुद्दे पर या विकास के? दिग्गी और प्रज्ञा, दोनों ठाकुर हैं। इसीलिए इनके बीच … [Read more...] about भोपाल में दिग्गी और प्रज्ञा
Archives for April 2019
मोदी की भी जांच क्यों न हो ?
चुनाव आयोग ने अपने एक अफसर को मुअत्तिल कर दिया, क्योंकि उसने ओडिशा में प्र.मं. नरेंद्र मोदी के हेलिकाॅप्टर को जांच के लिए 15 मिनिट तक रोक लिया था। आयोग ने अपने हिसाब से ठीक किया, क्योंकि आयोग के नियम के अनुसार जो लोग एसपीजी (विशेष सुरक्षा समूह) की देख-रेख में रहते हैं, उनकी सुरक्षा जांच नहीं की जानी चाहिए। मोहम्मद मोहसिन नामक इस आईएएस अफसर ने आयोग के नियम का उल्लंघन कर दिया था। … [Read more...] about मोदी की भी जांच क्यों न हो ?
हिंसक सत्ता की नाकामी
महावीर जयंति के अवसर पर हार्वर्ड केनेडी स्कूल की एक रपट दुनिया के आंदोलनों पर छपी है। यह खोजपूर्ण रपट इस मुद्दे पर छपी है कि पिछले 100 वर्षों में कितने हिंसक आंदोलन सफल हुए हैं और कितने अहिंसक? इसके मुताबिक 36 प्रतिशत हिंसक आंदोलन सफल हुए हैं जबकि 54 प्रतिशत अहिंसक आंदोलन सफल हुए हैं। इस शोध-कार्य में विद्वानों ने दुनिया के 323 आंदोलनों का विश्लेषण किया था। पिछले 20 वर्षों में … [Read more...] about हिंसक सत्ता की नाकामी
नेताओं की बेलगाम जुबान
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने 25-30 साल बाद टी.एन. शेषन की याद ताजा कर दी। शेषन ने उस समय के उम्मीदवारों पर जबर्दस्त लगाम लगाने का काम किया था। वे उम्मीदवारों के आपत्तिजनक भाषणों को रेकार्ड करके प्रचारित करते थे और यह धमकी भी देते रहते थे कि वे उन्हें चुनाव लड़ने से रोक देंगे लेकिन अरोरा ने वह किया है, जो आज तक उनके पहले के 22 मुख्य चुनाव आयुक्तों ने नहीं किया। उन्होंने चार … [Read more...] about नेताओं की बेलगाम जुबान
बीरेंद्रसिंह की एतिहासिक पहल
केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्रसिंह ने दुनिया के सारे राजनीतिज्ञों के लिए अनुपम उदाहरण पेश किया है। भारत ही नहीं, दुनिया के कई महान लोकतांत्रिक देशों की राजनीति में परिवारवाद या वंशवाद का बोलबाला है। वहां के राजनीतिक दलों और सरकारों को भी कई नेता लोग अपनी बपौती समझकर चलाते रहते हैं लेकिन बीरेंद्रसिंह ने घोषणा की है कि वे अपना मंत्रिपद और राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने को तैयार हैं … [Read more...] about बीरेंद्रसिंह की एतिहासिक पहल
मोदी पर अब नई मुसीबत
इधर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रुस और यूएई के सर्वोच्च सम्मानों की घोषणा हो रही है और उधर पेरिस के प्रसिद्ध अखबार ‘ल मोंद’ में हुआ रहस्योदघाटन मोदी की छवि को धूल-धूसरित कर रहा है। चुनाव के दौरान इन खबरों के आने का विशेष महत्व है। भारत के किसी भी प्रधानमंत्री को विदेशों के इतने और बड़े सम्मान पहले कभी नहीं मिले लेकिन यह भी सच है कि 30 हजार करोड़ रु. जितने-बड़े घोटाले … [Read more...] about मोदी पर अब नई मुसीबत
अब हम चुनाव-पद्धति बदल दें
अभी चुनाव का पहला दौर शुरु हुआ है। अभी कई दौर पूरे होने बाकी है। इस पहले मतदान में याने सिर मुंडाते ही ओले पड़ गए। चुनाव आयोग ने लगभग 25000 करोड़ रु. का माल जब्त किया है, जिसमें नकदी, शराब, नशीली दवाइयां, बर्तन-भांडे और ऐसी चीजें हैं, जो नेताओं ने वोटरों को बांटने के लिए जमा की हुई थीं। 25 हजार करोड़ रु. का माल तो वह है, जो पकड़ा गया है। जो नहीं पकड़ा जा सका, जरा उसकी कल्पना तो … [Read more...] about अब हम चुनाव-पद्धति बदल दें
चुनावी बांडः यह नरमी क्यों ?
सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार और भाजपा को अब एक और झटका दे दिया है। उसने कहा है कि सभी राजनीतिक दल 15 मई तक मिलने वाले सभी चुनावी बांडों का ब्यौरा चुनाव आयोग को 30 मई तक सौंप दें। ब्यौरा सौंपने का अर्थ यह हुआ कि किस पार्टी को किसने कितना चंदा दिया, यह चुनाव आयोग को बता दिया जाए। दूसरे शब्दों में चुनावी बांडों के जरिए मोदी सरकार ने काले धन को सफेद करने की जो कमाल की तरकीब निकाली … [Read more...] about चुनावी बांडः यह नरमी क्यों ?
मोदी पर तीन-तीन मुसीबतें
मोदी सरकार पर तीन-तीन मुसीबतें एक साथ आन पड़ी हैं। रफाल-सौदा, फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ और ‘नमो टीवी’-- इन तीनों पर सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग की गाज़ गिरी है। रफाल-सौदे पर छपे गोपनीय दस्तावेजों पर अदालत जरुर विचार करेगी। उन्हें वह गोपनीयता कानून की चादर से ढकने नहीं देगी और चुनाव आयोग ने मोदी पर बनी फिल्म और मोदी का प्रचार करनेवाले ‘नमो टीवी’ पर भी चुनाव तक प्रतिबंध लगा … [Read more...] about मोदी पर तीन-तीन मुसीबतें
इमरान खान का मोदी-प्रेम
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बड़ा मजेदार बयान अखबारों में छपा है। उनका कहना है कि यदि नरेंद्र मोदी की जीत हो गई और वे प्रधानमंत्री बन गए तो कश्मीर का मसला हल हो सकता है। एक दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी भारतीय सरकार कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ आत्मविश्वास से बात कर सकती है और यदि कांग्रेस जीत गई तो वह पाकिस्तान से बात करने में झिझकेगी। इमरान के इस बयान पर क्या कहा जाए? … [Read more...] about इमरान खान का मोदी-प्रेम