नई संसद को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने जो संबोधित किया, वह अपने आप में उत्तम श्रेणी का काम था। सबसे पहले तो मैं उनके भाषण की हिंदी की तारीफ करुंगा। ऐसा लग रहा था कि वह भाषण मूल हिंदी में लिखा गया था और राष्ट्रपति ने उसे जिस संजीदगी से पढ़ा, वह भी अच्छा प्रभाव छोड़ रही थी। उन्होंने पिछले पांच साल में की गई मोदी सरकार की कई रचनात्मक पहलों का जिक्र किया और अगले पांच साल के लिए … [Read more...] about राष्ट्रपति बोले तो अच्छा लेकिन…?
Archives for June 2019
एक साथ चुनाव ही सर्वश्रेष्ठ
हमारी सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ करवाने के विचार को पकड़ा तो सही लेकिन उसे पता नहीं कि इस अभूतपूर्व पहल को शुरु करने के पहले उसे क्या-क्या कदम उठाने चाहिए, बिल्कुल वैसे ही जैसे कि नोटबंदी या जीएसटी लागू करते समय हुआ था। यह मामला नोटबंदी, जीएसटी और बालाकोट हमले से भी ज्यादा नाजुक है। यदि इसमें जरा भी लापरवाही हो गई तो सरकार को लेने के देने पड़ जाएंगे। होम करते … [Read more...] about एक साथ चुनाव ही सर्वश्रेष्ठ
भ्रष्टाचार खत्म ऐसे होगा
पिछले सप्ताह सरकार ने दर्जन भर आयकर अधिकारियों को नौकरी से निकाला और अब केंद्रीय सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क विभाग के 15 अफसरों को निकाल बाहर किया है। ये वे अफसर हैं, जिनके भ्रष्टाचार के विरुद्ध जांच बैठी हुई है। इन अफसरों पर रिश्वत लेने, जबरन वसूली, आय से कहीं अधिक संपत्ति जमा रखने आदि के आरोप हैं। इन सारे अफसरों को सरकार के बुनियादी नियमों की धारा 56 ए के तहत सेवा-निवृत्त किया … [Read more...] about भ्रष्टाचार खत्म ऐसे होगा
अंग्रेजी थोपना बंद करो: डॉ. वैदिक
नई दिल्ली, 18 जून। भारतीय भाषा सम्मेलन के अध्यक्ष और अनेक आंदोलनों के सूत्रधार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने कहा है कि वे किसी भी भारतीय नागरिक पर कोई भी भाषा थोपने के विरोधी हैं, चाहे वह अंग्रेजी हो या हिंदी हो। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पर हिंदी नहीं थोपने का वे समर्थन करते हैं, लेकिन सारे भारत पर अंग्रेजी थोपने का कड़ा विरोध करते हैं। डॉ. वैदिक आज नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन … [Read more...] about अंग्रेजी थोपना बंद करो: डॉ. वैदिक
क्यूबेक का अजीब कानून
कनाडा के क्यूबेक प्रांत में एक कमाल का कानून पास हुआ है। इसके मुताबिक वहां का कोई भी सरकारी नागरिक अब अपना धार्मिक चिन्ह सार्वजनिक रुप से धारण नहीं कर सकता याने ईसाई लोग अपने गले में क्रास नहीं लटका सकते, मुसलमान गोल टोपी और हिजाब नहीं लगा सकते, सिख लोग पगड़ी नहीं पहन सकते। हिंदुओं के लिए भी शायद चोटी और जनेऊ वगैरह रखने या तिलक और बिंदी लगाने पर पाबंदी हो जाए। यह कानून सब … [Read more...] about क्यूबेक का अजीब कानून
सारे चुनाव एक साथ कैसे हों?
देश के सारे राजनीतिक दल 19 जून को मिलकर इस मुद्दे पर विचार करेंगे कि क्या लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होने चाहिए ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आग्रह है कि वे एक साथ होने चाहिए। यह बात मैं पिछले कई वर्षों से कह रहा हूं। कई बार मैंने प्रधानमंत्रियों और चुनाव आयोगों से भी यह आग्रह किया लेकिन यह आग्रह चिकने घड़े पर पानी की तरह फिसल गया। इसके कई कारण बताए गए। पहला तो यही … [Read more...] about सारे चुनाव एक साथ कैसे हों?
सपना बड़ा लेकिन तैयारी कितनी?
नीति आयोग के संचालक-मंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जबर्दस्त घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा है कि अगले पांच साल में भारत की अर्थ-व्यवस्था को वे लगभग दुगुना करना चाहते हैं। अभी वह पौने तीन लाख करोड़ रु. की है। उसे वे पांच लाख करोड़ की करना चाहते हैं। उनका इरादा तो बहुत अच्छा है लेकिन उसे वह साकार कैसे करेंगे ? पता नहीं, उन्हें यह अंदाज भी है या नहीं कि इतनी तेज़ … [Read more...] about सपना बड़ा लेकिन तैयारी कितनी?
डॉक्टरों से ऊंची उम्मीद
कोलकाता के डॉक्टरों ने हड़ताल का जो नारा दिया तो वह सारे देश में फैल गई। छोटी-मोटी हड़तालें तो पहले भी होती रही हैं लेकिन डॉक्टरों की ऐसी देश-व्यापी हड़ताल तो मेरे देखने में पहले बार आई है। पं. बंगाल के सैकड़ों सरकारी डॉक्टरों ने इस्तीफे तक दे दिए हैं। देश के लगभग सभी प्रांतों के डॉक्टरों ने अपने बंगाली डाक्टरों का साथ देकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की फजीहत कर दी है। यह सब क्यों हो … [Read more...] about डॉक्टरों से ऊंची उम्मीद
हम क्यों खेलें आतंकियों के हाथ में!
बिश्केक में चल रहे शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में सारा फोकस ही बदला हुआ लग रहा है। भारतीय टीवी चैनल और अखबार ऐसा दर्शा रहे हैं, जैसे यह आठ राष्ट्रों की बैठक भारत-पाक तनाव को लेकर ही हो रही है। वास्तव में इस बैठक का असली मुद्दा यह है कि रुस और चीन मिलकर अमेरिकी दादागीरी का मुकाबला कैसे करें।ये दोनों महाशक्तियां अपने दंगल में भारत को भी शामिल करना चाहती हैं लेकिन भारत और … [Read more...] about हम क्यों खेलें आतंकियों के हाथ में!
मोदी के रवैए में सुधार
चार दिन पहले मैंने लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना आत्म-सम्मान क्यों घटा रहे हैं ? उन्हें शांघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेना है और उन्हें किरगिजिस्तान की राजधानी बिश्केक जाना है तो क्या यह जरुरी है कि वे पाकिस्तान की हवाई-सीमा में से उड़कर जाएं, जैसे कि पूर्व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज 21 मई को गई थीं?सुषमा और मोदी को इस सुविधा के लिए इमरान खान की सरकार से निवेदन … [Read more...] about मोदी के रवैए में सुधार