इस सप्ताह कर्नाटक और गोवा में जो कुछ हो रहा है, उसने सारे देश को वेदांती बना दिया है। वेदांत की प्रसिद्ध उक्ति है- ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या- याने ब्रह्म ही सत्य है, यह जगत तो मिथ्या है। दूसरे शब्दों में सत्ता ही सत्य है, राजनीति मिथ्या है। सत्ता ही ब्रह्म है, बाकी सब सपना है। राजनीति, विचारधारा, सिद्धांत, परंपरा, निष्ठा सब कुछ मिथ्या है। कर्नाटक और गोवा के कांग्रेसी विधायकों ने … [Read more...] about सत्ता सत्य है, राजनीति मिथ्या
Archives for July 2019
कश्मीर में जवाहिरी का जिहाद
अल कायदा के मुखिया एयमान जवाहिरी ने अजीब-सा एलान जारी किया है। उसने कश्मीरी नौजवानों से अपील की है कि वे अब बड़े जोर-शोर से आतंकवाद फैलाएं और हिंदुस्तान की नाक में दम कर दें। वे हिंदुस्तान की सरकार और अर्थव्यवस्था को पंगु बना दें। जवाहिरी या उसके मरहूम उस्ताद उसामा बिन लादेन या कोई अन्य इस्लामी अतिवादी इस तरह के बयान जारी करें, उसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है लेकिन इस बार … [Read more...] about कश्मीर में जवाहिरी का जिहाद
मज़हबी सदभाव का अजूबा
सांप्रदायिक सद्भाव की अदभुत मिसाल कल दिल्ली में देखने को मिली। ऐसा परस्पर व्यवहार सभी मज़हबों और संप्रदायों के लोग आपस में करें तो भारत ही नहीं, सारे दक्षिण एशिया में एक नई सुबह का उदय हो जाए। यह किस्सा है, पुरानी दिल्ली के हौज काजी इलाके का। इसके नाम से ही आप समझ गए होंगे कि यह मुसलमानों की बहुतायत वाला मोहल्ला है। यहां दुर्गामाता का एक मंदिर है। उसकी मूर्तियों को 30 जून को कुछ … [Read more...] about मज़हबी सदभाव का अजूबा
अदालत ने खुद पर किया जुर्माना
शायद यह दुनिया का पहला मुकदमा है, जिसमें अदालत ने खुद पर ही जुर्माना ठोक दिया है। यह मामला कोलकाता उच्च न्यायालय का है। 2007 में सियालदह के रेल्वे मजिस्ट्रेट ने एक रेल इंजिन ड्राइवर और गार्ड को घेर लिया, यह पूछने के लिए कि यह ट्रेन रोज ही 15 मिनिट देर से क्यों आती है। इस पर सैकड़ों रेल-कर्मचारियों ने जज के साथ धक्का-मुक्की की, नारे लगाए और धमकियां दीं। जज मिंटू मलिक ने ड्राइवर … [Read more...] about अदालत ने खुद पर किया जुर्माना
कांग्रेसः निजी दुकान बने पार्टी
कांग्रेस के अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कई अन्य युवा नेताओं के इस्तीफों की झड़ी लग गई है। लेकिन कांग्रेस के खुर्राट बुजुर्ग नेताओं में से किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया है, क्योंकि चुनाव-प्रचार के दौरान उनका कोई महत्व ही नहीं था। कांग्रेस का मतलब सिर्फ राहुल गांधी था जैसे भाजपा का मतलब था, सिर्फ नरेंद्र मोदी। 2019 का चुनाव वास्तव में न तो किसी विचारधारा पर लड़ा गया … [Read more...] about कांग्रेसः निजी दुकान बने पार्टी
तिब्बत से क्यों डरे चीन ?
नेपाल में लगभग 20 हजार तिब्बती शरणार्थी रहते हैं। इस बार 6 जुलाई को उन्हें नेपाली सरकार ने दलाई लामा की जयंति नहीं मनाने दी। दलाई लामा का यह 84 वां जन्मदिन था। नेपाल में बरसों से रह रहे हजारो तिब्बतियों को इसलिए निराश होना पड़ा कि उस पर चीन का भारी दबाव है। चीन बिल्कुल नहीं चाहता कि तिब्बती लोग नेपाल या भारत में रहकर कोई चीन-विरोधी आंदोलन चलाएं। इन दिनों भारत और नेपाल दोनों … [Read more...] about तिब्बत से क्यों डरे चीन ?
भाजपा के उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान डॉ. वैदिक के गुड़गांव स्थित निवास पर भेंट करते हुए
भाजपा के उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, हरियाणा के भाजपा प्रभारी डॉ. अनिल जैन (सांसद), हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष श्री सुभाष बराला तथा भाजपा के अन्य पदाधिकारी और गुरुग्राम के प्रमुख निगम पार्षद डॉ. वेदप्रताप वैदिक के गुड़गांव स्थित निवास पर भेंट करते हुए। 7 जुलाई 2019। … [Read more...] about भाजपा के उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान डॉ. वैदिक के गुड़गांव स्थित निवास पर भेंट करते हुए
चीन और भारत के बीच हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग के साथ अपनी चीन-यात्रा के दौरान नौ समझौते पर दस्तखत किए हैं। भारत में बजट का इतना शोर-गुल था कि इस महत्वपूर्ण घटना पर हमारा ज्यादा ध्यान नहीं गया। हमारे पड़ौसी देश किसी भी महाशक्ति के साथ अपने द्विपक्षीय संबंध बढ़ाएं, इसमें भारत को कोई आपत्ति क्यों होनी चाहिए लेकिन हमारे पड़ौसी देशों के साथ चीन जिस तरह से … [Read more...] about चीन और भारत के बीच हसीना
बजट है कि वादों का तिलिस्म?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बजट-भाषण काफी प्रभावशाली था। वे अंग्रेजी में बोलीं, जिसे देश के बहुत कम लोगों ने समझा होगा। जो लोग अंग्रेजी समझते हैं, वे कौन लोग हैं ? शहरी हैं, ऊंची जात हैं, पैसे वाले हैं। वे लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि वे क्या करें ? बजट की तारीफ करें, निंदा करें या चुप रहें या अंदर ही अंदर घुटते जाएं। उन अंग्रेजीदां लोगों के लिए बजट में कोई खुश करने वाली … [Read more...] about बजट है कि वादों का तिलिस्म?
बड़ी अदालत में अपनी भाषाएं
आजादी के 70 साल बाद हमारे सर्वोच्च न्यायालय की नींद अब खुली तो अब हम उसकी पीठ थपथपाए बिना कैसे रह सकते हैं? अब उसने कहा है कि उसके अंग्रेजी फैसलों का संक्षिप्त अनुवाद छह भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो सकेगा ताकि जज और वकील ही नहीं, मुकदमा लड़ने वाले साधारण लोग भी फैसले की मोटी-मोटी बात समझ सकें। मैं पूछता हूं कि फैसलों का अनुवाद क्यों, मूल फैसला ही आप हिंदी में देना शुरु … [Read more...] about बड़ी अदालत में अपनी भाषाएं