नवभारत टाइम्स, 21 दिसंबर 2020: किसान आंदोलन गंभीर रुप धारण करता जा रहा है। तीन हफ्ते बीत गए, लेकिन इसका कोई समाधान दिखाई नहीं पड़ रहा है। कृषि मंत्री और गृहमंत्री के साथ किसान नेताओं की कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कितनी विचित्र स्थिति है कि अब सर्वोच्च न्यायालय को बीच में पड़ना पड़ रहा है। मुझे नहीं लगता कि अदालत की यह मध्यस्थता भी कुछ मददगार हो पाएगी, क्योंकि किसान इस पर … [Read more...] about किसान आंदोलनः अच्छा नहीं इंतजार, रास्ता निकाले सरकार
Archives for December 2020
कांग्रेसः नेता और नीति ?
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन 23 नेताओं की बैठक आखिरकार बुला ही ली, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व और संगठन के बारे में उन्हें एक अप्रिय पत्र लिख भेजा था। यह बैठक उन्होंने हैदराबाद और बिहार के चुनाव में बुरी तरह से मात खाने के बाद बुलाई और उस समय बुलाई जब बंगाल में कांग्रेस का सूंपड़ा साफ होता दिखाई पड़ रहा है। इससे क्या जाहिर होता है ? क्या यह नहीं कि कांग्रेस अब बूढ़ी हो गई … [Read more...] about कांग्रेसः नेता और नीति ?
तकनीकी शिक्षा स्वभाव में
भारत के शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने देश की तकनीकी शिक्षा अब भारतीय भाषाओं के माध्यम से देने का फैसला किया है। तकनीकी शिक्षा तो क्या, अभी देश में कानून और चिकित्साशास्त्र की शिक्षा भी हिंदी और भारतीय भाषाओं में नहीं है। उच्चशोध भारतीय भाषाओं में हो, यह तो अभी एक दिवा-स्वप्न भर ही है। 1965 में जब मैंने अपने अंतरराष्ट्रीय राजनीति का … [Read more...] about तकनीकी शिक्षा स्वभाव में
बांग्लादेशः भाषा बड़ी कि मजहब ?
बांग्लादेश की जयंति के 49 वें और शेख मुजीबुर्रहमान के शताब्दि समारोह के उपलक्ष्य में भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों के बीच जो संवाद हुआ, वह दोनों देशों के बीच संबंधों की घनिष्टता का द्योतक तो है ही, इस अवसर पर दोनों देशों के बीच जो 7 समझौते हुए हैं, वे आपसी व्यापार, लेन-देन और आवागमन में काफी बढ़ोतरी करेंगे। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान बंद हुआ हल्दीबाड़ी-चिलहटी … [Read more...] about बांग्लादेशः भाषा बड़ी कि मजहब ?
संसद के सत्र से क्यों डरें ?
संसद का शीतकालीन सत्र स्थगित हो गया। अब बजट सत्र ही होगा। वैसे सरकार ने यह फैसला लगभग सभी विरोधी दलों के नेताओं की सहमति के बाद किया है। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद पटेल का यह तर्क कुछ वजनदार जरुर है कि संसद के पिछले सत्र में सांसदों की उपस्थिति काफी कम रही और कुछ सांसद और मंत्री कोरोना के कारण स्वर्गवासी भी हो गए। अब अगला सत्र, बजट सत्र होगा, जो जनवरी 2021 याने कुछ ही दिन में … [Read more...] about संसद के सत्र से क्यों डरें ?
लव जिहाद कानून का शीर्षासन
धोखेबाजी, ज़ोर-जबर्दस्ती, लालच या भय के द्वारा धर्म-परिवर्तन करने को मैं पाप-कर्म मानता हूं लेकिन लव-जिहाद के कानून के बारे में जो शंका मैंने शुरु में ही व्यक्त की थी, वह अब सही निकली। संस्कृत में इसे कहते हैं- प्रथमग्रासे मक्षिकापातः। याने पहले कौर में ही मक्खी पड़ गई। मुरादाबाद के कांठ नामक गांव के एक मुस्लिम लड़के मोहम्मद राशिद से पिंकी नामक एक हिंदू दलित लड़की ने 22 जुलाई को … [Read more...] about लव जिहाद कानून का शीर्षासन
मदरसों पर टेढ़ी नजर ?
असम सरकार ने मदरसों के बारे में जो नीति बनाई है, उसे लेकर अभी तक हमारे सेक्यूलरिस्ट क्यों नहीं बौखलाए, इस पर मुझे आश्चर्य हो रहा है। असम के शिक्षा मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने जो कदम उठाया है, वह तुर्की के विश्व विख्यात नेता कमाल पाशा अतातुर्क की तरह है। उन्होंने अपनी मंत्रिमंडल से यह घोषणा करवाई है कि अब नए सत्र से असम के सारे सरकारी मदरसे सरकारी स्कूलों में बदल दिए जाएंगे। … [Read more...] about मदरसों पर टेढ़ी नजर ?
भाजपा और ममता में टक्कर
पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर इलाके में भाजपा अध्यक्ष जगत नड्डा और भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर जो हमला हुआ, उसमें ऐसा कुछ भी हो सकता था, जिसके कारण ममता बनर्जी की सरकार को भंग करने की नौबत भी आ सकती थी। यदि नड्डा की कार सुरक्षित नहीं होती तो यह हमला जानलेवा ही सिद्ध होता। कैलाश विजयवर्गीय की कार विशेष सुरक्षित नहीं थी तो उनको काफी चोटें लगीं। क्या इस तरह की … [Read more...] about भाजपा और ममता में टक्कर
डॉक्टरों की घबराहट ?
देश के डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। किसान आंदोलन के बाद अब यह डॉक्टर आंदोलन शुरु हो गया है। इन दोनों आंदोलनों का आधार गलत-फहमी है। इस गलतफहमी का कारण किसान और डॉक्टर नहीं है। उसका कारण हमारी सरकार है। उसका अहंकार है। वह जो कुछ कर रही है, वह देश के भले के लिए कर रही है। लेकिन इसके पहले कि वह कोई क्रांतिकारी कदम उठाए, वह उससे प्रभावित होनेवाले लोगों से बात करना जरुरी नहीं समझती। … [Read more...] about डॉक्टरों की घबराहट ?
फ्रांस के मुस्लिम मुसीबत में
फ्रांस के 56 लाख मुसलमानों में आजकल कंपकंपी दौड़ी हुई है, क्योंकि ‘इस्लामी अतिवाद’ के खिलाफ फ्रांस की सरकार ने एक कानून तैयार कर लिया है। राष्ट्रपति इमेन्यूएल मेक्रो ने कहा है कि यह कानून किसी मजहब के विरुद्ध नहीं है और इस्लाम के विरुद्ध भी नहीं है लेकिन फिर भी फ्रांस के मुसलमान काफी डर गए हैं। फ्रांस में तुर्की, अल्जीरिया और अन्य कई यूरोपीय व पश्चिमी एशियाई देशों के मुसलमान आकर … [Read more...] about फ्रांस के मुस्लिम मुसीबत में