उप-राष्ट्रपति वैंकय्या नायडू ने अपने पिछले कई भाषणों में इस बात पर बड़ा जोर दिया है कि प्राचीन काल में भारत विश्व गुरु था और अब उसे वही भूमिका निभाना चाहिए। इसी बात पर उन्होंने पिछले सप्ताह गोवा के एक कालेज-भवन का उद्घाटन करते हुए अपना तर्कपूर्ण भाषण दिया। आश्चर्य है कि हमारे कोई भी शिक्षा मंत्री इस तरह के विचार तक प्रकट नहीं करते। उन्हें अमली जामा पहनाना तो बहुत दूर की बात है। … [Read more...] about हम विश्व गुरु हैं या विश्व-चेले ?
Archives for October 2021
भारत को दबने की जरुरत नहीं
इस बार ग्लासगो में होनेवाले जलवायु-परिवर्तन सम्मेलन शायद क्योतो और पेरिस सम्मेलनों से ज्यादा सार्थक होगा। उन सम्मेलनों में उन राष्ट्रों ने सबसे ज्यादा डींगें हांकी थीं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा गर्मी और प्रदूषण फैलाते हैं। उन्होंने न तो अपना प्रदूषण दूर करने में कोई मिसाल स्थापित की और न ही उन्होंने विकासमान राष्ट्रों के लिए अपनी जेबें ढीली कीं ताकि वे गर्मी और प्रदूषित गैस और … [Read more...] about भारत को दबने की जरुरत नहीं
मोदी और शी सीधे बात करें
चीन की संसद ने 23 अक्तूबर को जो नया कानून पास किया है, उसे लेकर हमारा विदेश मंत्रालय काफी परेशान दिखाई पड़ता है। उसने एक बयान जारी करके कहा है कि चीनी सरकार ने यह कानून बनाकर पड़ौसी देशों और खासकर भारत को यह संदेश दिया है कि उसने हमारी जमीन पर जो कब्जा किया है, वह कानूनी है और पक्का है। वह उस पर टस से मस नहीं होनेवाला है। हमारे प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि यह नया भू-सीमा कानून उस … [Read more...] about मोदी और शी सीधे बात करें
पेगासस जासूसीः सरकार की किरकिरी
सर्वोच्च न्यायालय ने आज भारत सरकार की खूब खबर ली है। जासूसी के पेगासस नामक मामले में अदालत ने सरकार के सारे तर्कों, बहानों और टालमटोलों को रद्द कर दिया है। उसने कई व्यक्तियों, संगठनों और प्रमुख पत्रकारों की याचिका स्वीकार करते हुए जासूसी के इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। यह जांच अब सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवा-निवृत्त न्यायाधीश आर.वी. रविंद्रन की अध्यक्षता में … [Read more...] about पेगासस जासूसीः सरकार की किरकिरी
भूख से तंग है भारत
हम आजादी के 75 वें साल का उत्सव मना रहे हैं और भारत में आज भी करोड़ों लोगों को भूखे पेट सोना पड़ता है। कुछ लोगों के भूख से मरने की खबर भी कुछ दिन पहले आई थी। कोरोना महामारी के दौरान हमारी सरकार ने करोड़ों लोगों को मुफ्त अनाज बांटकर भूखे मरने से तो जरुर बचाया लेकिन क्या देश के 140 करोड़ लोगों को ऐसा भोजन रोजाना मिल पाता है, जो स्वस्थ रहने के लिए जरुरी माना जाता है? क्या अच्छा भोजन … [Read more...] about भूख से तंग है भारत
आर्यन के बहाने नशाबंदी
आजकल अखबारों और टीवी चैनलों पर लगातार आर्यन खान का मामला जमकर प्रचारित हो रहा है। आर्यन और उसके कई साथियों को नशीले पदार्थों को सेवन करने के अपराध में पकड़ा गया है। ऐसे कई दोषी हमेशा पकड़े जाते हैं लेकिन उनका इतने धूम-धड़ाके से प्रचार प्रायः नहीं होता लेकिन आर्यन का हो रहा है, क्योंकि वह प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता शाहरुख खान का बेटा है। सरकार को इस बात का श्रेय तो देना पड़ेगा कि उसने … [Read more...] about आर्यन के बहाने नशाबंदी
राष्ट्रपति और विपश्यना
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कल पटना में कहा कि लोग यदि विपस्सना करें तो उनकी कार्यक्षमता और प्रेम में वृद्धि होगी। राजनेताओं के मुख से ऐसे मुद्दों पर शायद ही कभी कुछ बोल निकलते हैं। उनकी जिंदगी वोट और नोट का झांझ कूटते-कूटते ही निकल जाती है। रामनाथ कोविंद मेरे पुराने मित्र हैं। उनकी सादगी, विनम्रता और सज्जनता मुझे हमेशा प्रभावित करती रही थी। उसका रहस्य अब उन्होंने सबके सामने … [Read more...] about राष्ट्रपति और विपश्यना
आमिरखानः पटाखेबाजी और अजान
प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता आमिर खान दिवाली पर पटाखेबाजी के विरुद्ध किसी टायर कंपनी की पहल पर टीवी चैनलों पर विज्ञापन दे रहे हैं। उसमें वे देश के करोड़ों लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि दिवाली के मौके पर वे सड़कों पर पटाखेबाजी न करें। अंधाधुंध पटाखेबाजी से सड़कों पर यातायात में तो बाधा पड़ती ही है, प्रदूषण भी फैलता है और विस्फोटों से लोग भी मरते हैं। इसके अलावा पटाखों के नाम पर हम चीनी … [Read more...] about आमिरखानः पटाखेबाजी और अजान
विदेश नीतिः हमारी दो नई पहल
ढाई महिने से गिरती-लुढ़कती हमारी विदेश नीति अपने पावों पर खड़े होने की कोशिश कर रही है, यह बात मेरे लिए विशेष खुशी की है। मैं बराबर पहले दिन से ही लिख रहा था कि भारत सरकार को तालिबान से सीधे बात करनी चाहिए लेकिन नौकरशाहों के लिए कोई भी पहल करना इतना आसान नहीं होता, जितना कि किसी साहसी और अनुभवी नेता के लिए होता है। जो भी हो, इस समय दो सकारात्मक घटनाएं हुई हैं। पहली, मास्को में … [Read more...] about विदेश नीतिः हमारी दो नई पहल
तालिबानः भारत की सही पहल
पिछले ढाई महिने से हमारी विदेश नीति बगले झांक रही थी। मुझे खुशी है कि अब वह धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी है। जब से तालिबान काबुल में काबिज हुए हैं, अफगानिस्तान के सारे पड़ौसी देश और तीनों महाशक्तियाँ निरंतर सक्रिय हैं। वे कुछ न कुछ कदम उठा रही हैं लेकिन भारत की नीति शुद्ध पिछलग्गूपन की रही है। हमारे विदेश मंत्री कहते रहे कि हमारी विदेश नीति है— बैठे रहो और देखते रहो की! मैं कहता … [Read more...] about तालिबानः भारत की सही पहल