भारत तो दुनिया का शायद एक मात्र देश है, जिसकी जनता साल में सबसे ज्यादा छुट्टियां मनाती है। मुंबई उच्च न्यायालय ने अपने ताजा फैसले में कहा है कि सार्वजनिक अवकाश कोई मौलिक अधिकार नहीं है। उसने उस याचिका को रद्द कर दिया है, जिसमें दादर-हवेली में 2 अगस्त की छुट्टी की मांग की गई थी। इसी दिन 1954 में पुर्तगाली शासन से वह मुक्त हुआ था। आजकल हमारे सरकारी दफ्तर शनिवार और रविवार को बंद … [Read more...] about भारत से छुट्टियों की छुट्टी
Archives for January 2022
गुजरात की अदालत में गुजराती नहीं
गुजरात के उच्च न्यायालय में भाषा के सवाल पर फिर विवाद खड़ा हो गया है। एक पत्रकार विशाल व्यास ने गुजराती में ज्यों ही बोलना शुरु किया, जजों ने कहा कि आप अंग्रेजी में बोलिए। व्यास अड़े रहे। उन्होंने कहा कि मैं गुजराती में ही बोलूंगा। जजों ने कहा कि संविधान की धारा 348 के अनुसार इस अदालत की भाषा अंग्रेजी है। यदि व्यास चाहें तो उनकी बात का अंग्रेजी अनुवाद करने की सुविधा का इंतजाम … [Read more...] about गुजरात की अदालत में गुजराती नहीं
वैंकय्या का साहस अनुकरणीय
पिछले हफ्ते जब कुछ हिंदू साधुओं ने घोर आपत्तिजनक भाषण दिए थे, तब मैंने लिखा था कि वे सरकार और हिंदुत्व, दोनों को कलंकित करने का काम कर रहे हैं। हमारे शीर्ष नेताओं और हिंदुत्ववादी संगठनों को उनकी कड़ी भर्त्सना करनी चाहिए। मुझे प्रसन्नता है कि हमारे उप-राष्ट्रपति वैंकय्या नायडू ने हिम्मत दिखाई और देश के नाम सही संदेश दिया। वे केरल में एक ईसाई संत एलियास चावरा के 150 वीं पुण्य-तिथि … [Read more...] about वैंकय्या का साहस अनुकरणीय
परमाणु हथियारों का खात्मा
दुनिया की पांच परमाणु संपन्न महाशक्तियों ने अब एक सत्य को सार्वजनिक और औपचारिक रुप से स्वीकार कर लिया है। ये पांच राष्ट्र हैं— अमेरिका, रुस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस। इन पांचों राष्ट्रों के पास हजारों परमाणु बम और प्रक्षेप्रास्त्र हैं। इन्होंने पहली बार यह संयुक्त घोषणा की है कि यदि परमाणु युद्ध हुआ तो उसमें जीत किसी की नहीं होगी। सब हारेंगे। अतः परमाणु युद्ध होना ही नहीं चाहिए। … [Read more...] about परमाणु हथियारों का खात्मा
नशाबंदी— जीवदयाः भारत बेमिसाल
आज दो खबरों ने मेरा ध्यान खींचा। एक तो काबुल में तालिबान सरकार ने तीन हजार लीटर शराब जब्त की और उसे प्रचारपूर्वक काबुल नदी में बहा दिया और दूसरी खबर है, जैन मुनि निर्णयसागर के संकल्प की! म.प्र. के अशोकनगर की गोशाला में भूखों मरती गायों के लिए समुचित भोजन जुटाना उनका लक्ष्य था। उन्होंने कहा कि जब तक इन लगभग 700 गायों के खाने की व्यवस्था नहीं होती, वे भी कुछ खाएंगे-पिएंगे नहीं। … [Read more...] about नशाबंदी— जीवदयाः भारत बेमिसाल
विदेशी पैसा और हमारी संस्थाएं
भारत की हजारों संस्थाओं को मिलने वाले विदेशी पैसे पर कड़ी निगरानी अब शुरु हो गई है। विदेशों की मोटी मदद के दम पर चलने वाली संस्थाओं की संख्या भारत में 22,762 है। ये संस्थाएं समाज-सेवा का दावा करती हैं। विदेशी पैसे से चलने वाली इन संस्थाओं में कई शिक्षा-संस्थाओं, अस्पतालों, अनाथालयों, विधवा आश्रमों आदि के अलावा ऐसे संगठन भी चलते हैं, जो या तो कुछ नहीं करते या सेवा के नाम पर … [Read more...] about विदेशी पैसा और हमारी संस्थाएं
इत्र की बदबूः राष्ट्रीय शिष्टाचार
इत्र से कितनी बदबू फैल सकती है, यह दुनिया को पहली बार पता चला। कन्नौज के इत्रवाले दो जैन परिवारों पर पड़े छापों ने इत्र के साथ उत्तरप्रदेश की राजनीति की बदबू को भी उजागर कर दिया है। सच्चाई तो यह है कि इन छापों ने भारत की सारी राजनीति में फैली बदबू को सबके सामने फैला दिया है। 22 दिसंबर को जब पीयूष जैन के यहां छापा पड़ा तो उसमें 197 करोड़ रु., 26 किलो सोना और 600 किलो चंदन पकड़ा गया … [Read more...] about इत्र की बदबूः राष्ट्रीय शिष्टाचार
हरयाणा के लगभग 100 पत्रकारों का सम्मान करते हुए राज्यपाल श्री बण्डारू दत्तारेय और डॉ. वैदिक
तमिल खुद सीखेंगे हिंदी
हिंदी को लेकर तमिलनाडु में फिर बवाल मच सकता है। केरल तथा कुछ अन्य प्रांतों में उनके राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों में पहले से भिड़ंत हो रही है। उस भिड़ंत का मुद्दा है— विश्वविद्यालयों के उप-कुलपतियों की नियुक्ति लेकिन तमिलनाडु में मुद्दा यह बन गया है कि उसकी पाठशालाओं में केंद्र का त्रिभाषा-सूत्र लागू किया जाए या नहीं? राज्यपाल आर.एन. रवि ने तमिलनाडु की सभी शिक्षा-संस्थाओं को … [Read more...] about तमिल खुद सीखेंगे हिंदी