नया इंडिया, 12 अगस्त 2012: एडवर्ड स्नोडन को राष्ट्रपति ओबामा ने देशद्रोही तो नहीं कहा लेकिन यह जरूर कहा कि वह देशभक्त नहीं है। उसकी देशभक्ति में ओबामा को संदेह क्यों है? इसीलिए कि उसने अमेरिकी सरकार के गोपनीय कारनामों को ऊजागर कर दिया है। ये कारनामे कौन से हैं? ये ऐसे कारनामे हैं, जो अमेरिकी संविधान का उल्लंघन करते हैं, जो मानव के मूलभूत अधिकारों पर डाका डालते हैं और जो किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए शर्म का विषय है। स्नोडन के रहस्योद्घाटन से पता चला कि अमेरिकी गुप्तचर विभाग करोड़ों अमेरिकियों और विदेशियों की निजता को भंग करता है। वह उनके ई-मेल और फोन के संवादों को देखता और सुनता है। करोड़ों लोगों के एक दम निजी मामलों पर निगरानी रखने का अर्थ क्या है? यही कि अमेरिकी सरकार उन पर अपराधी होने का संदेह करती है। उन्हें वह या तो आतंकवादी समझती है या उनका सहयोगी मानकर चलती है। स्वयं ओबामा ने इस सर्वग्रासी निगरानी को आपतिजनक बताया है और यह कहा है कि स्नोडन यह रहस्योद्घाटन नहीं करता तो भी इस मुद्दे पर अमेरिकी सरकार, अमेरिकी संसद और अमेरिकी जनता विचार जरूर करती लेकिन ओबामा का यह कथन सच नहीं है, क्योंकि कुछ माह पहले ही जब एक अमेरिकी सांसद ने गुप्तचर प्रमुख से पूछा कि क्या करोड़ों टेलीफोन-वार्तालापों को आप गुपचुप सुनते हैं तो उसने दो-टूक शब्दों में कहा कि बिल्कुल नहीं। अर्थात्ा यदि स्नोडन भांडाफोड़ नहीं करते तो यह मर्यादा-भंग चलता ही रहता ।
स्नोडन ने अमेरिकी सरकार के मानव स्वातंत्र्य और मानव अधिकार के ढोंगी नकाब को नोच डाला है। स्नोडन के रहस्योद्घाटन से अमेरिकी सरकार इतना बदनाम हो गई है कि उसकी तुलना कम्युनिस्ट तानाशाही और फौजी सरकारों से की जाने लगी है। उसकी अदालत ने उस ई-मेल एजेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके जरिए स्नोडन ने सारी दुनिया को ई-मेल भेजे थे। अब बहुत से अमेरिकी मानने लगे हैं कि स्नोडन ने बहुत ही देषभक्तिपूर्ण काम किया है। उसने अमेरिका के मानव स्वातंत्र्य के मूल्यों का झंडा फहरा दिया है। मजबूर होकर ओबामा ने अब ‘पैट्रियट एक्ट’ की धारा 245 पर पुनर्विचार करने का वादा किया है। जार्ज बुश प्रशासन द्वारा बनाए गए इस प्रावधान के तहत ही आम लोगों के फोन और ई-मेल टेप किए जाते हैं। दूसरा उन्होंने गैर सरकारी लोगों का एक निगरानी बोर्ड बनाने का संकल्प किया है। तीसरा, ऐसी व्यवस्था भी कायम करने का आश्वासन दिया है जो उक्त प्रकार की गुप्तचरी पर नियंत्रण रखेगी। अमेरिकी और विदेशी नागरिकों के सामान्य मानव अधिकारों को रक्षा का यह प्रयत्न नहीं होता। स्नोडन के कार्य के इसी पहलू का ध्यान रखते हुए रूसी सरकार ने उसे अपने यहां शरण दे दी है। अमेरिका ने वैज्ञानिक तकनीकों का जो दुरुपयोग किया है, उसके शिकार सिर्फ अमेरिकी नहीं हुए हैं बल्कि सार दुनिया के लोग हुए हैं। इसीलिए स्नोडन सर्वत्र सहानुभूति का प्रतीक बन गया है।
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