गिलगित और बलितस्तान को अब पाकिस्तान अपना पांचवां प्रांत घोषित करने वाला है। इस समय पाकिस्तान के चार प्रांत हैं- पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वाह। अब गि.ब. का इलाका, जो कश्मीर का हिस्सा है, लेकिन जिसे पाकिस्तान ने 1970 से स्वायत्त क्षेत्र बना रखा था, उसे वह पांचवां प्रांत इसलिए घोषित कर रहा है कि उस क्षेत्र से चीन का वह महामार्ग गुजरेगा, जो उसे सीधे यूरोप से जोड़ेगा।
चीन को यूरोप तक पहुंचने में जल-मार्ग से अभी 45 दिन लगते हैं जबकि ‘चीनी बरामदा’ बन जाने पर उसे सिर्फ दस दिन लगेंगे। चीन के लिए यह महामार्ग वरदान साबित होगा। इसे बनाने के लिए चीन कुछ भी करने को तैयार है। वह पाकिस्तान की समुद्री फौज के जवानों की संख्या 20 हजार से बढ़ा कर एक लाख करने वाला है। पाकिस्तान के सैन्य-प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को चीनी सैन्य प्रमुख ने आश्वासन दिया है कि चीन उन्हें प्रक्षेपास्त्र और टैंक बनाने में भी सक्रिय मदद करेगा। चीन ने ही पाकिस्तान को परमाणु बम बनाने में सक्रिय सहायता दी थी।
यों तो चीनी विदेश मंत्रालय ने गि.ब. के सवाल को टालते हुए कह दिया है कि कश्मीर का मामला भारत-पाक द्विपक्षीय मामला है। उसमें चीन को क्या बोलना है? लेकिन इस सारे मामले पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया की है। उसने कहा है कि पूरा कश्मीर कानूनी तौर पर भारत का है। अब गि.ब. को बाकायदा पाकिस्तान का पांचवा प्रांत बनाकर वह उसे हड़प करना चाहता है।
यही बात हुर्रियत के नेताओं ने कही है। उनका कहना है कि गि.ब. को कश्मीर से तोड़कर पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ अन्याय कर रहा है। यदि इस गि.ब. क्षेत्र को मिलाकर पाकिस्तान अपना बना रहा है तो भारत को भी वह कानूनी अधिकार दे रहा है कि वह कश्मीर को अपना अटूट अंग कहे। कश्मीरी अलगाववादी भारतीय और पाकिस्तानी दोनों कश्मीरों को आजाद करना चाहते हैं लेकिन पाकिस्तान के इस ताज़ा कदम से दो कश्मीरों के अस्तित्वों को बल मिल रहा है। चीन का तो फायदा ही फायदा है।
Leave a Reply