इधर पाकिस्तान से एक बेहतर खबर आई है। भारत के अखबारों ने उसे काफी महत्व दिया है। खबर यह है कि पाकिस्तान की संसद के अध्यक्ष सरदार अयाज़ सादिक ने अपने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, जो सोश्यल मीडिया पर हिंदू धर्म के खिलाफ निंदनीय सामग्री फैला रहे हैं। सरदार सादिक ने कहा कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की भावनाओं को चोट पहुंचानेवाले लोगों को माफ नहीं किया जाए। सादिक को इतनी दो—टूक हिदायत इसलिए देनी पड़ी कि पिछले दो हफ्ते से सोश्यल मीडिया पर एक बहुत ही आपत्तिजनक तस्वीर दिखाई जा रही है। उस तस्वीर में एक हिंदू देवता के कन्धे के उपर इमरान का सिर लगा हुआ है। ऐसी तस्वीर या तो कुछ उग्रवादी मज़हबी लोगों ने हिंदू देवताओं का अपमान करने के लिए भेजी होगी या इससे भी ज्यादा शक यह है कि इमरान खान के विरोधियों ने उनकी मजाक उड़ाने के लिए यह पैंतरा मारा है। यह भी हो सकता है कि इमरान को पाकिस्तानी हिंदुओं का देवता बताकर वे उनके मुस्लिम मतदाताओं को भड़कना चाहते हों। उनका मकसद जो भी रहा हो, उनके इस पैंतरे ने पाकिस्तान की संसद के हिंदू सदस्यों को इतना उत्तेजित कर दिया कि उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। संसद के अध्यक्ष ने गृह मंत्रालय को कहा है कि दोषियों के खिलाफ एक हफ्ते में जांच करके संसद को रिपोर्ट पेश की जाए। सांसद रमेश लाल और लालचंद मल्ही ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। दोषी लोग पकड़े जाएंगे या नहीं और उन्हें सजा होगी या नहीं, कुछ पता नहीं लेकिन यह सत्य है कि सरदार अयाज सादिक के बयान से पाकिस्तान के 40 लाख हिंदू अल्पसंख्यकों के घावों पर गहरा मरहम लगेगा। यह बयान पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि भी सुधारेगा। पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र राष्ट्र है, जो मजहब के आधार पर बना है। यदि ऐसे राष्ट्र की संसद का अध्यक्ष धार्मिक सहिष्णुता का परिचय देता है तो यह सारे इस्लामी राष्ट्रों के लिए अनुकरणीय आदर्श बनेगा। आज आतंकवाद और कट्टरवाद के कारण सारी दुनिया में इस्लाम की बदनामी हो रही है, वह भी पतली पड़ेगी। सरदार सादिक खुद सिद्धांतवादी राजनेता हैं। वे पहले रेलमंत्री रह चुके हैं। मेरे अच्छे मित्रों में से हैं। मैं उन्हें बधाई देता हूं।
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