दिल्ली की सरकार की जितनी तारीफ की जाए, कम है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मरीजों को जो राहत पहुंचाई है, उससे हर प्रदेश की सरकार और राष्ट्रीय सरकार को भी प्रेरणा लेनी चाहिए बल्कि मैं तो कहता हूं कि पड़ौसी देशों की सरकारों को भी केजरीवाल सरकार का अनुकरण करना चाहिए। दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि दिल्ली में होने वाली सड़क दुर्घटना में घायल होने वालों का इलाज मुफ्त में होगा। वे सरकारी अस्पतालों में जाएं या गैर-सरकारी में, उनका सारा खर्च सरकार उठाएगी। यही व्यवहार उन्हें भी मिलेगा जो आगजनी या तेजाबी हमलों के शिकार होंगे। दिल्ली में हर साल लगभग 8 हजार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 20 हजार लोग घायल होते हैं और उनमें से 1600 लोग मर जाते हैं। देश में हर साल लगभग पौने दो लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। यदि दुर्घटना होते ही घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो आधे लोगों को मरने से बचाया जा सकता है। अब दिल्ली सरकार घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले को 2000 रु. भी देगी। प्रायः लोग घायलों को देख कर मुंह फेर कर आगे बढ़ जाते हैं, क्योंकि वे सोचते हैं कि यह सिरदर्द क्यों मोल लें लेकिन अब लोग आगे होकर अपना मानवीय कर्तव्य निभाएंगे। कई घायल तो इसलिए भी दम तोड़ देते हैं कि उनके पास इलाज के लिए पैसे ही नहीं होते। इस दृष्टि से दिल्ली सरकार का यह परम करुणामय कार्य है। लोक-कल्याणकारी सरकार और क्या होती है?
मैंने तो कुछ वर्ष पहले सुझाव दिया था कि यदि सरकारी अस्पतालों को सुधारना हो तो यह अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए कि सभी सरकारी कर्मचारियों और जन-प्रतिनिधियों और उनके परिजन का इलाज सामान्यतया सरकारी अस्पतालों में ही होना चाहिए। यदि अरविंद यह कदम उठा लें तो वे अभी दिल्ली के नेता हैं, फिर वे देश के नेता बनने के मार्ग पर चल पड़ेंगे। मुझे यह खुशी भी है कि दिल्ली की सरकार मेट्रो के किराए घटाने पर अड़ी हुई है।
वेदप्रकाश शास्त्री says
बहुत ही सुंदर आपके लेख है। जो राष्ट्र हित मे होते है।