संसद ने किसी कानून को स्पष्ट बहुमत से पारित किया हो और उसके खिलाफ इतना जबर्दस्त आंदोलन चल पड़ा हो, ऐसा स्वतंत्र भारत के इतिहास में कम ही हुआ है। ये तो नरेंद्र मोदी की किस्मत है कि इस समय देश में कोई अखिल भारतीय नेता नहीं है, वरना इस सरकार को लेने के देने पड़ जाते।
इस नए नागरिकता कानून को पिछले हफ्ते तक सिर्फ मुस्लिम-विरोधी बताया जा रहा था लेकिन अब मालूम पड़ रहा है कि बंगाल और पूर्वोत्तर के सभी प्रांतों के हिंदू लोग लट्ठ लेकर इसके पीछे पड़ गए हैं। देश के गैर-भाजपाई राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों ने कह दिया है कि इस कानून को हम अपने प्रदेशों में लागू नहीं करेंगे। देश के 16 प्रांतों में गैर-भाजपाई मुख्यमंत्री हैं।
तो क्या केंद्र सरकार इन मुख्यमंत्रियों को बर्खास्त करेगी ? बिहार के नीतीशकुमार की सरकार, जो भाजपा के समर्थन से चल रही है, उसने भी हाथ ऊंचे कर दिए हैं। इस समय देश जिस भयंकर आर्थिक खाई की तरफ बढ़ता जा रहा है, उसका इलाज करने की बजाय केंद्र सरकार ने यह फिजूल का शोशा छोड़ दिया है। देश का सकल उत्पाद (जीडीपी) गिरता जा रहा है, मंहगाई बढ़ती जा रही है, बेरोजगारी बेलगाम हो रही है और सभी पार्टियों के नेता इस फर्जी मुद्दे पर आपस में भिड़ रहे हैं।
सरकार ने इस फर्जी मुद्दे को तूल देकर अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश को तो एक मंच पर ला ही दिया है, वह भारत के सभी विरोधी दलों को भी एकजुट होने का बहाना दे रही है। सर्वोच्च न्यायालय में इस नागरिकता कानून को रद्द करवाने के लिए दर्जनों याचिकाएं रोज़ लग रही हैं। यह तो स्पष्ट है कि इस सरकार के पास न तो इतना विवेक है और न ही आत्म-विश्वास कि वह इस कानून को वापस ले ले।
इस सरकार की इज्जत बचाने का काम अब सिर्फ न्यायपालिका के जिम्मे है। उसी के हाथ में है कि दल-दल में फंसी भाजपा सरकार को वह किसी तरह से बाहर निकाले। यह कानून ऐसा है, जो भाजपा के माथे पर सांप्रदायिकता का काला टीका तो जड़ ही देता है, भारत को भी बदनाम करता है।यह कानून सिर्फ मुस्लिम-विरोधी होता तो पूर्वोत्तर भारत के हिंदू इसका विरोध क्यों कर रहे हैं ? यह वास्तव में इंसानियत-विरोधी है। कोई भी इंसान किसी भी जाति, धर्म, वंश या रंग का हो और यदि वह पीड़ित है तो उसे शरण देना किसी भी सभ्य देश का कर्तव्य है। लेकिन हर गैर-मुस्लिम को पीड़ित मान लेना कहां की बुद्धिमानी है ?
D C Shukla says
आप के कथन से देश सहमत नहीं है आप परिवर्तन से डरते है सत्य कहने से डरते है
Sadanand deshpamde says
Aap ko Anya desho ki Muslim se itna pyar kyo he . .apne desh ke nagriko ki chinta kijiye . Aap bade varist aur smzdar vykti he aap btaye ki sabse jyada Muslim hi aatankvadi kyo hote he.