भारतीय सेनापति जनरल बिपिन रावत ने एक ऐसी बात कह दी जो शायद ही कोई फौजी कह सकता हो। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान खुद को पहले धर्म-निरपेक्ष (सेक्युलर) बनाए, तब ही भारत से उसके संबंध सुधर सकते हैं। ऐसी बुनियादी बात किसी नेता ने कभी कही हो, मुझे याद नहीं पड़ता। इसमें शक नहीं कि पाकिस्तान दुनिया का एक मात्र राष्ट्र है, जो मजहब के आधार पर बना है। पाकिस्तान के बाद 1948 में इजराइल बना लेकिन वह धर्म के आधार पर नहीं बना। वह वंश के आधार पर बना था। उस समय इजराइल बनाने वाले कई यहूदी नेता नास्तिक थे। मार्क्सवादी थे। (स्वयं कार्ल मार्क्स यहूदी थे)।
पाकिस्तान इस्लाम के आधार पर बना था, लेकिन उसके निर्माता मुहम्मद अली जिन्ना ने अपने भाषणों में कई बार कहा कि अब पाकिस्तान में मजहब के आधार पर कोई भेद-भाव न किया जाए। लेकिन पाकिस्तान अब भी कश्मीर का सवाल सिर्फ इसीलिए उठाता रहता है कि कश्मीर के लेाग मुसलमान हैं और भारत के मुस्लिम-बहुल इलाकों को पाकिस्तान का हिस्सा होना चाहिए था। यदि पाकिस्तान के लोग जनरल रावत की बात मान लें तो कश्मीर का विवाद अपने आप ही खत्म हो जाए। लेकिन इस बात को पूर्वी पाकिस्तान ने मनवा ही दिया। वह 1971 में बांग्लादेश क्यों बन गया ?
वह मुस्लिम इलाका होते हुए भी पाकिस्तान से टूटकर अलग क्यों हो गया? इस्लाम का गोंद पिघलकर पानी क्यों हो गया? मजहब ही सबको जोड़ने वाला गोंद होता तो पाकिस्तान के बलूच, सिंधी, पठान और पंजाबी लोग सब एकजुट होकर क्यों नहीं रहते हैं? उनमें अलगाववाद के आंदोलन क्यों चलते रहते हैं? भारत के लोगों को यह पता नहीं है कि पाकिस्तान की राजनीति में भयंकर जातिवाद भी चलता है। पाकिस्तान के मुसलमान कौन हैं? ज्यादातर वे लोग पुराने हिंदू हैं। वे अरबों की कितनी ही नकल करें लेकिन वे अपनी ‘हिंदुआना हरकतों’ से बाज नहीं आते।
पाकिस्तान में हम मजहबी जुनून तो देखते ही हैं, वहां ऊंच-नीच और छुआछुत भी वैसी ही चलती है, जैसी कि भारत में भी है। वह इस्लाम के भी आर-पार चली जाती है। सच्चाई तो यह है कि पाकिस्तान की बुनियाद ही फर्जी है। नकली बुनियाद पर खड़ा यह महल सदा कांपता ही रहता है। वह सतत भूकंप की स्थिति में रहता है। यदि उसके हाथ में भारत-विरोध की छड़ी नहीं रहती तो, शायद अभी तक वह जिंदा भी नहीं रह पाता। कश्मीर तो उसके लिए इन्सुलिन के इंजेक्शन का काम करता है। पाकिस्तान को यदि एक मजबूत राष्ट्र बनना है तो उसे मजहब और जातिवाद का यह फर्जीवाड़ा खत्म करना होगा।
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