पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने एक अध्यादेश पर दस्तखत करके सरकार को यह अधिकार दिया है कि वहां सक्रिय आतंकवादी गिरोहों पर वह प्रतिबंध लगाए, उनके दफ्तर बंद करे और उनके बैंक खाते रद्द करे। जाहिर है कि अमेरिकी दबाव के कारण पाक सरकार को मजबूर होकर यह करना पड़ रहा है। पहले भी कुछ आतंकवादी सरगनाओं पर वह मुकदमे चला चुकी है और कुछ को वह नजरबंद और गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें शक नहीं है कि इन आतंकवादियों के कारण पाकिस्तान सारी दुनिया में बदनाम हो गया है। इस्लाम की इज्जत भी खतरे में पड़ गई है। जितने लोग अफगानिस्तान और भारत में मारे जाते हैं, उससे कहीं ज्यादा खुद पाकिस्तान में शिकार होते हैं लेकिन फिर भी वहां आतंकवाद की जड़ें सदा हरी होती जाती हैं।
यह अध्यादेश तो प्रशसंनीय है लेकिन इसे नाकाम करना भी काफी सरल है। ये आतंकवादी अपने संगठनों के नाम बदल लेंगे या नए संगठन खड़े कर लेंगे। बैंक खाते भी नए नामों से खुल जाएंगे। जब तक पाकिस्तान की फौज इन गिरोहों के पीछे हाथ धोकर नहीं पड़ेगी, कोई सरकार इनका बाल भी बाका नहीं कर सकेगी। जहां तक भारत सरकार का सवाल है, वह हर आतंकवादी हमले का जवाब बयानबाजी से देती है। सरकार के मंत्री और प्रधानमंत्री आजकल जुमलेबाजी को अपनी लाठी बनाए हुए हैं। बयानों और जुमलों की लाठियों के सहारे उन्होंने चार साल काट दिए हैं। कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कहती हैं कि पाकिस्तान से बात किए बिना कश्मीर हल नहीं होगा। मोदी सरकार यही तो कर रही है। बातें बनाने में उसका कोई जवाब नहीं है। पाकिस्तान और भारत, दोनों का चरित्र एक-जैसा सिद्ध हो रहा है। दोनों सरकारें बातों की उस्ताद हैं।
ABhatia says
“कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कहती हैं कि पाकिस्तान से बात किए बिना कश्मीर हल नहीं होगा। मोदी सरकार यही तो कर रही है। बातें बनाने में उसका कोई जवाब नहीं है। पाकिस्तान और भारत, दोनों का चरित्र एक-जैसा सिद्ध हो रहा है। दोनों सरकारें बातों की उस्ताद हैं।” Rightly analysed Vaidik ji. India’s Foreign Policy wrt Pak needs serious review. Through talks, it looks that, the problems shall not be resolved as Pak is being controlled by terrorists. No govt in Pak is effective. India must try to get adequate support of US and other developed countries, to put due pressure on Pak, to ban terrorists. All parties meeting on this important matter, can also be held in India to form a strategy.