स्पेन के एक प्रांत केटेलोनिया में अलगाववाद या आजादी का जो आंदोलन चल रहा है, वह एशिया और अफ्रीका के देशों में चल रहे ऐसे आंदोलनों से काफी अलग है। केटोलोनिया का आंदोलन हिंसक नहीं है। तोड़-फोड़ वाला नहीं है। स्पेन के इस प्रांत ने अपनी संसद में आजादी का प्रस्ताव 1 अक्तूबर को पास कर दिया लेकिन उसके नेता चार्ल्स पियुजडिमोंट ने आजादी की घोषणा नहीं की। वे सारे मामले को बातचीत से हल करना चाहते थे लेकिन स्पेन की केंद्रीय सरकार ने अब केटेलोनिया की सरकार और संसद दोनों को भंग कर दिया है और कोई आश्चर्य नहीं कि इस आंदोलन के सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया जाए। छह माह बाद वहां चुनाव करवाए जाएंगे।
केटेलोनिया की आबादी 75 लाख है। यह स्पेन के सबसे समृद्ध प्रांतों में से है। स्पेन के 16 प्रतिशत लोग वहां रहते हैं लेकिन वह देश की 20 प्रतिशत जीडीपी (सकल उत्पाद) पैदा करता है। इस प्रदेश की अपनी भाषा, परंपराएं और संस्कृति हैं। 1714 याने तीन सौ साल पहले इसे स्पेनी साम्राज्य में जबर्दस्ती मिलाया गया था। जनरल फ्रांको के लंबे शासन काल में केटेलोनिया को हर तरह से दबाया गया था।
आजकल वह स्वायत्त-सा है लेकिन फिर भी उसके निवासियों की मान्यता है कि स्पेन में उनके साथ अन्याय होता है। एक अक्तूबर को हुए जनमत संग्रह में 43 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया, जिसमें से 90 प्रतिशत लोगों ने आजादी के पक्ष में वोट दिया। इसका अर्थ क्या हुआ ? जिन 57 प्रतिशत लोगों ने मतदान नहीं किया, क्या वे आजादी के विरोधी नहीं हैं ? इसी प्रकार केटेलोनिया की संसद के 130 सदस्यों में से सिर्फ 70 ने आजादी के पक्ष में और 10 ने विरुद्ध वोट दिया।
50 सदस्यों ने बहिष्कार किया। याने 60 सांसद आजादी नहीं चाहते। याने संसद भी बंटी हुई है। इस मुठभेड़ के कारण लगभग 1500 कंपनियां केटेलोनिया में अपना पटिया गोल कर चुकी हैं। कई लोग भी वहां से बाहर भाग रहे हैं। यूरोप का कोई भी देश स्पेन के विभाजन का समर्थन नहीं कर रहा है, यूरोपीय संघ भी नहीं। अमेरिका भी नहीं। पूरा स्पेन केटेलोनिया के विरुद्ध एकजुट है। यह भी संभव है कि छह माह बाद जो चुनाव होंगे, उनमें वे तीनों पार्टियां मिलकर अपनी सरकार बना लें, जो आज केटेलोनिया की आजादी के विरुद्ध हैं। अच्छा हो कि स्पेन की सरकार इस बीच कई मामलों में इस प्रांत को थोड़ी स्वायत्ता और भी दे दे। स्पेन का टूटना अच्छा नहीं है।
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