पिछले साल जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति की शपथ लेने वाले थे तो उनके एक बड़े समर्थक मुंबई आए और उन्होंने मुझे उनके शपथ-विधि समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। मैंने नम्रतापूर्वक मना कर दिया क्योंकि उनके राष्ट्रपति निर्वाचित होने के पहले ही मुझे यह लगने लगा था कि ट्रंप इस पद के लिए सर्वथा अयोग्य हैं। पिछले साल भर में उनकी कथनी और करनी ने मेरे इस संदेह को संपुष्ट किया है। अमेरिका के सवा दो सौ साल के इतिहास में दो-तीन राष्ट्रपति ऐसे जरुर हुए हैं, जिन्होंने यदा-कदा अपना आपा खोया है लेकिन ट्रंप-जैसा मूढ़-मति राष्ट्रपति अमेरिका के इतिहास में पहला ही हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपतियों के दुराचार के कुछ किस्से तो जग-जाहिर होते रहे हैं लेकिन वे लुक-छिपकर ही होते थे। ट्रंप का तो खुला खेल फरक्कावादी है। दर्जनों महिलाओं ने ट्रंप पर व्यभिचार और बलात्कार के आरोप लगाए हैं। अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ के अनुसार एक अश्लील फिल्म अभिनेत्री के साथ अपने शारीरिक संबंधों पर पर्दा डालने के लिए ट्रंप ने उसे लगभग सवा करोड़ रु. एक वकील के जरिए पहुंचवाए। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद भी अपने पद की गरिमा का उल्लंघन किया है।
शायद उन्हें पता ही नहीं चलता है कि वे क्या कर रहे हैं। उन्होंने मेक्सिको से आने वाले शरणार्थियों को क्या-क्या भद्दी गालियां नहीं दी हैं। अभी अफ्रीकी देशों के लिए उन्होंने इतने गंदे शब्द का प्रयोग किया है कि उसे हम यहां लिख भी नहीं सकते। उनके कई मंत्रियों और अफसरों ने उनके फूहड़ व्यवहार से तंग आकर इस्तीफा दे दिया है। अभी पहले साल में ही इतने अपशकुन हो गए तो शेष तीन साल में क्या होगा ? पता नहीं, तब तक वे टिक पाएंगे भी या नहीं?
उन्होंने अपने दोस्तों और दुश्मनों, दोनों को अधर में लटका रखा है। वे किसी एक नीति पर नहीं टिकते। वे पल में माशा और पल में तोला होते रहते हैं। वे कभी उत्तर कोरिया को धमकी देते है। कभी पाकिस्तान को और कभी ईरान को और देखते ही देखते पल्टी खा जाते हैं। कभी अमेरिका स्थित प्रवासी भारतीयों को निकाल बाहर करने की धमकी देते हैं और कभी उनकी तारीफों के पुल बांध देते हैं। चीन को दुश्मन बताते हैं और जब वहां जाते हैं तो चारों खाने चित हो जाते हैं, क्योंकि उसे अरबों-खरबों डालरों का अमेरिकी माल टिकाना है। मुस्लिम देशों और आतंकवाद के खिलाफ जहर उगलने में ट्रंप सबसे ज्यादा बड़बोले हैं लेकिन सउदी अरब पहुंचते ही ट्रंप इस तरह पसर जाते है। कि वे पहचान में ही नहीं आते। वे राष्ट्रपति कम, मसखरे और मदारी ज्यादा नज़र आते हैं। उनके हाथ में परमाणु-बमों का खटका है, यह दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
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