बलात्कार और हत्या के अपराधियों को जिस तरह हमारे सर्वोच्च न्यायालय ने बरी कर दिया है, उनके इस फैसले ने हमारी न्याय-व्यवस्था, शासन-प्रशासन और देश की इज्जत को काफी हद तक नुकसान पहुंचाया है। 2012 में दिल्ली के छावला क्षेत्र में एक 19 वर्षीय लड़की के साथ तीन लोगों ने मिलकर बलात्कार किया, पीट-पीटकर उसके अंग-भंग किए और उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया। वे पकड़े गए। निचली अदालत और दिल्ली … [Read more...] about बलात्कारियों की रिहाईः कहाँ तक ठीक?
आरक्षणः उत्तम लेकिन अधूरा फैसला
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का कौन स्वागत नहीं करेगा कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण का आधार सिर्फ गरीबी होगी। यह 10 प्रतिशत आरक्षण अतिरिक्त है। याने पहले से चले आ रहे 50 प्रतिशत आरक्षण में कोई कटौती नहीं की गई है। फिर भी पांच में से दो जजों ने इस आरक्षण के विरूद्ध फैसला दिया है और तमिलनाडु की सरकार ने भी इसका विरोध किया है। जिन दो जजों ने इसके … [Read more...] about आरक्षणः उत्तम लेकिन अधूरा फैसला
सब के लिए एक-जैसा कानून कैसे ?
भाजपा राज्यों की सरकारें एक के बाद एक घोषणा कर रही हैं कि वे समान आचार संहिता अपने-अपने राज्यों में लागू करनेवाली हैं। यह घोषणा उत्तराखंड, हिमाचल और गुजरात की सरकारों ने की हैं। अन्य राज्यों की भाजपा सरकारें भी ऐसी घोषणाएं कर सकती हैं लेकिन वहां अभी चुनाव नहीं हो रहे हैं। जहां-जहां चुनाव होते हैं, वहां-वहां इस तरह की घोषणाएं कर दी जाती हैं। क्यों कर दी जाती हैं? क्योंकि हिंदुओं … [Read more...] about सब के लिए एक-जैसा कानून कैसे ?
इस्राइल में नेतन्याहू का पुनरोदय
इस दौरान इस्राइल में जितनी फुर्ती से सरकारें बनती और बिगड़ती रही हैं, दुनिया के किसी अन्य लोकतंत्र में ऐसे दृश्य देखने को नहीं मिलते। बेंजामिन नेतन्याहू लगभग डेढ़ साल बाद फिर दुबारा प्रधानमंत्री बन गए। उनका यह पुनरोदय असाधारण हैं। वे इस्राइल के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जो वहीं पैदा हुए हैं। उनसे पहले जो भी प्रधानमंत्री बने हैं, वे बाहर के किन्हीं देशों से आए हुए थे। जब 1948 में … [Read more...] about इस्राइल में नेतन्याहू का पुनरोदय
अब पाकिस्तान में क्या-क्या हो सकता है?
पाकिस्तान की राजनीति अब एक तूफानी दौर में प्रवेश कर रही है। इमरान खान पर हुए जानलेवा हमले ने शाहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ उसी तरह का गुस्सा पैदा कर दिया है, जैसा कि 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के समय हुआ था। मुझे लगता है कि इस वक़्त का गुस्सा उस गुस्से से भी अधिक भयंकर है, क्योंकि उस समय पाकिस्तान में जनरल मुशर्रफ की फौजी सरकार थी लेकिन इस वक्त सरकार मुस्लिम लीग (नवाज़) के … [Read more...] about अब पाकिस्तान में क्या-क्या हो सकता है?
भारत विश्व-शक्ति कैसे बने?
भारत की सरकारों से मेरी शिकायत प्रायः यह रहती है कि वे शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम क्यों नहीं उठाती हैं? अभी तक आजाद भारत में एक भी सरकार ऐसी नहीं आई है, जिसने यह बुनियादी पहल की हो। कांग्रेस और भाजपा सरकारों ने छोटे-मोटे कुछ कदम इस दिशा में जरूर उठाए थे लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पहले मेरा सोच यह था कि यदि वे प्रधानमंत्री बन गए तो वे जरूर यह … [Read more...] about भारत विश्व-शक्ति कैसे बने?
Dr. V.P. Vaidik, President of People’s Scaarc (जन-दक्षेस) with several Ambassadors & Ministers of India & Fiji at Diwali Festival
Dr. V.P. Vaidik, President of People's Scaarc (जन-दक्षेस) with several Ambassadors & Ministers of India & Fiji at Diwali Festival … [Read more...] about Dr. V.P. Vaidik, President of People’s Scaarc (जन-दक्षेस) with several Ambassadors & Ministers of India & Fiji at Diwali Festival
विदेश नीति की दो उपलब्धियाँ
भारतीय विदेश नीति की कल दो उपलब्धियों ने मेरा ध्यान बरबस खींचा। एक तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन द्वारा भारत की सराहना और दूसरी भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हुई बातचीत! इन मुद्दों पर यह शक बना हुआ था कि भारत की नीति से इन दोनों राष्ट्रों को कुछ न कुछ एतराज जरुर है लेकिन वे संकोचवश खुलकर बोल नहीं रहे थे। अब यह स्पष्ट हो गया है कि रूस और … [Read more...] about विदेश नीति की दो उपलब्धियाँ
कश्मीर की सच्ची आजादी?
भारत के रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने पाकिस्तान के कब्जाए हुए कश्मीर और बल्तिस्तान को आजाद करने का नारा काफी जोर-शोर से लगाया है। उन्होंने 26 अक्टूबर को मनाए जा रहे शौर्य दिवस के अवसर पर कहा है कि तथाकथित ‘आजाद कश्मीर’ के लोगों पर थोपी जा रही गुलामी को देखकर तरस आता है। उन्हें सच्ची आजादी दिलाना बहुत जरुरी है। भारत इस मामले में चुप नहीं बैठेगा। राजनाथसिंह के पहले हमारी विदेश मंत्री … [Read more...] about कश्मीर की सच्ची आजादी?
भारत-चीनः सहज संबंध कैसे बनें?
नई दिल्ली से चीनी राजदूत सन वेइ दोंग की विदाई के समय हमारे विदेशमंत्री जयशंकर और राजदूत सन ने जो बातें कहीं हैं, उन पर दोनों देशों के नेता और लोग भी ज़रा गंभीरतापूर्वक विचार करें तो इस 21 वीं सदी में दुनिया की शक्ल बदल सकती है। जयंशकर ने कहा है कि इन दोनों के बीच यदि आपसी संवेदनशीलता, आपसी सम्मान और आपसी हितों को ध्यान में रखकर काम किया जाए तो न केवल इन दोनों देशों का भला होगा … [Read more...] about भारत-चीनः सहज संबंध कैसे बनें?