नागपुर, 6दिसंबर 2013:। प्रतीकात्मक विदर्भ राज्य के दो दिवसीय सत्र की शुरुआत गुरुवार को खामला स्थित पराते सभागृह में हुई। पूरे नियमों को ध्यान में रखते हुए विदर्भ विधानमंडल का कामकाज पूर्ण किया गया। विदर्भ के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का चयन विदर्भ ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से किया गया। सर्वप्रथम विदर्भ के ६२ विधायकों का चुनाव किया गया। पूर्व विधायक और अधिवक्ता वामनराव चटप मुख्यमंत्री बने । विदर्भ शीतकालीन विधानमंडल के लिए कामकाज का लेखा-जोखा बनाया गया था।
विधानमंडल सत्र का आरंभ राज्यपाल डा. वेदप्रताप वैदिक के अभिभाषण से हुआ। इसके पहले मुख्य न्यायाधीश उमेश चौबे ने उन्हें शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल का गठन किया गया। कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों की घोषणा की गई। सभी ने शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष सरोज काशीकर और उपाध्यक्ष धनजय धार्मिक तथा विपक्षी नेता डा. अनिल बोंडे ने मोर्चा संभाला। श्रीमती सरोज ने विधानसभा का कामकाज संभाला। वित्त मंत्री श्रीनिवास खांदेवले ने बजट प्रस्तुत किया।
किसान आत्महत्या रोकने योजना जरूरी : राज्यपाल वैदिक
प्रतीकात्मक विदर्भ राज्य के राज्यपाल वेदप्रकाश वैदिक ने जमीनी विकास पर जोर दिया। अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा कि विदर्भ में किसान आत्महत्या रोकने के लिए विशेष कार्यक्रम अमल में लाने की आवश्यकता है। सिंचाई विकास पर जोर देना होगा। ऐतिहासिक प्रसंगों व घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने विदर्भ में किसान आत्महत्या के मामलों की वर्तमान स्थिति पर खेद जताया।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा, रोजगार, शिक्षा, उद्योग, पर्यटन को ध्यान में रखते हुए विकास लक्ष्य साधने की आवश्यकता है। लंबित सिंचाई प्रकल्पों, विस्थापितों का पुनवर्सन, ग्राम व सड़क विकास के साथ ही कानून व्यवस्था को और अधिक सक्षम किया जाएगा। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम लागू करने होंगे। स्वास्थ्य विज्ञान के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
हर जिले में प्रदूषण प्रक्रिया प्रकल्प : मुख्यमंत्री चटप
विदर्भ क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण है। प्रदूषण मुक्ति के लिए विशेष अभियान की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री वामनराव चटप ने पर्यावरण विकास पर जोर देते हुए कहा कि नया राज्य बनने के बाद विदर्भ का यह पहला अधिवेशन है। लोगों की भावनाओं को समझना होगा। प्रदूषण रोकने के लिए सभी जिलों में प्रसंस्करण प्रकल्प शुरू किए जाएंगे। विदर्भ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। बिजली दर में रियायत दी जाएगी। एनआईटी संबंधी समस्याएं जन सुनवाई के माध्यम से दूर की जाएंगी।
परंपराओं में जकड़ी है सरकार : नेता प्रतिपक्ष बोंडे
नेता प्रतिपक्ष अनिल बोंडे ने सामाजिक विकास पर जोर देते हुए कहा कि सरकार रुढि़वादी परंपरा से जकड़ी है। राज्यपाल के अभिभाषण पर उन्होंने कहा कि विदर्भ के चक्रधरस्वामी, गोविंद प्रभु का भाषण में जिक्र न होना प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाता है। उन्होंने कहा कि विकास के मामले पर राजनीति नहीं होना चाहिए। विपक्ष भी सत्ता पक्ष को विकास के लिए साथ दे रहा है।
सभी क्षेत्र, वर्ग के विकास के लिए सरकार को काम करना चाहिए। विपक्ष के सदस्य नितीन रोंघे ने भी सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि सरकार संतभूमि को भूल रही है। सिंचाई की स्थिति सरकार ने विधानसभा में नहीं रखी। मधुसूदन हरणे ने भी सरकार की खिंचाई की।
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