नई दिल्ली, 20 जुलाई 2013 : भारतीय भाषा सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने आज यहां एक बयान में श्री श्याम रुद्र पाठक की गिरफ्तारी की कड़ी भर्त्सना की है। श्री पाठक पिछले कई माह से कांग्रेस अध्यक्ष के दफ्तर के सामने इसलिए धरना दे रहे थे कि भारत की अदालतें हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में ही काम करें। भारत की अदालतें जादू—टोना घर बनी हुई हैं। कई दशकों से तीन करोड़ से ज्यादा मुकदमे अधर में लटके हुए हैं।
डॉ. वैदिक ने आज पत्रकारों को बताया कि श्याम रुद्र पाठक और उनके तीन चार साथी बहुत अनुशासित और अहिंसक ढंग से उक्त मांग कर रहे हैं। उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को भी पत्र लिखे हैं। लेकिन दुर्भाग्य है कि उनके पत्रों पर अमल करने की बजाय सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। श्री पाठक इस समय तिहाड़ जेल में हैं। डॉ. वैदिक ने इसकी तुरंत रिहाई की मांग की है और सरकार से आग्रह किया है कि वह अदालतों का काम—काज भारतीय भाषाओं में करें।
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