27 मई 2010, जनसत्ता | तर्क यह दिया जाता है कि अगर हम दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को आरक्षण देते रहना चाहते हैं तो जन-गणना में जाति का हिसाब तो रखना ही होगा| उसके बिना सही आरक्षण की व्यवस्था कैसे बनेगी ? हॉं, यह हो सकता है कि जिन्हें आरक्षण नहीं देना है, उन सवर्णों से उनकी जात न पूछी जाए| लेकिन इस देश में मेरे जैसे भी कई लोग हैं, जो कहते हैं कि मेरी जात सिर्फ हिंदुस्तानी है और … [Read more...] about जनगणना से जात हटाओ
Archives for May 2010
फतवों से क्या हासिल?
Dainik Bhaskar (Bhopal), 19 May 2010 : दारुल उलूम के जो दो-तीन ताजातरीन फतवे इधर विवादास्पद हो गए हैं, क्या वे इस लायक हैं कि उन पर ध्यान दिया जाए? जिन फतवों पर खुद इस्लामी लोग कन्नी काट रहे हैं और उर्दू अखबार जिनका मजाक उड़ा रहे हैं, उनका आम लोगों से क्या लेना-देना? ऐसे फतवों पर कुछ लिखा या बोला क्यों जाए? यह सवाल मोटे तौर पर सही मालूम पड़ता है, लेकिन जवाबी सवाल यह भी है कि … [Read more...] about फतवों से क्या हासिल?
ब्रिटेन की राजनीति का नया अध्याय
Navbharat Times, 17 May 2010 : जब भी संसदीय लोकतंत्र की बात होती है, हमेशा कह दिया जाता है – ब ्रिटेन से सीखो। लेकिन इस बार चौपड़ उलट गई है। अब हम कह सकते हैं कि ब्रिटेन भारत से सीखे। उसने सीखा भी है। 5-6 दिन तक लंदन में वैसी ही खींचतान चली और वैसी ही ले-दे हुई जैसी कि भारत में होती है। पिछले 20 साल से भारत में चल रहे गठबंधन सरकारों के प्रयोग से ब्रिटेन अब बहुत … [Read more...] about ब्रिटेन की राजनीति का नया अध्याय
मेरी जात है, सिर्फ हिंदुस्तानी !
भास्कर (नई दिल्ली) 11 मई 2010 | अगर हम दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को आरक्षण देते रहना चाहते हैं तो जन-गणना में जाति का हिसाब तो रखना ही होगा| उसके बिना सही आरक्षण की व्यवस्था कैसे बनेगी ? हॉं, यह हो सकता है कि जिन्हें आरक्षण नहीं देना है, उन सवर्णों से उनकी जात न पूछी जाए| लेकिन इस देश में मेरे जैसे भी कई लोग हैं, जो कहते हैं कि मेरी जात सिर्फ हिंदुस्तानी है और जो जन्म के … [Read more...] about मेरी जात है, सिर्फ हिंदुस्तानी !
थिम्पू में पिघली बर्फ
Dainik Bhaskar, 5 May 2010 : यदि जर्मनी और फ्रांस जैसे जानी दुश्मन देश अपनी पुरानी लड़ाइयों को भूल सकते हैं और यूरोपीय संघ बना सकते हैं तथा इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे परस्पर विरोधी देश एक ही बिछौने पर जीम सकते हैं तो भारत और पाकिस्तान तो हजारों बरस एक-दूसरे का हिस्सा रहे हैं। ये दोनों देश अपनी 60-70 साल की कटुता को पीछे छोड़कर आगे क्यों नहीं बढ़ सकते? म्पू के दक्षेस का सबसे … [Read more...] about थिम्पू में पिघली बर्फ