नया इंडिया, 12 नवंबर 2013 : दुनिया के सबसे ताकतवर सिक्खों की एक सूची अभी जारी हुई है। उसमें हमारे प्रधानमंत्री डा. मनमोहनसिंह का नाम सबसे ऊपर है। सबसे ऊपर क्यों है, इसका कोई कारण नहीं बताया गया है। तो मानकर चलना चाहिए कि वे भारत के प्रधानमंत्री हैं, इसीलिए उन्हें सबसे ताकतवर, सबसे प्रभावशाली और सबसे योग्य कह दिया गया है। यह निर्णय वास्तव में डा. मनमोहनसिंह का अपमान तो है ही, भारत के प्रधानमंत्री पद का भी अपमान है। क्या सिक्खों की सूची बनाने वालों को यह पता नहीं है कि मनमोहनसिंहजी यदि किसी एक चीज़ से अत्यंत घृणा करते हैं तो वह है-ताकत! उन्हें सबसे ज्यादा किसी चीज़ से प्रेम है तो वह है, सेवा! वे वास्तव में अदभुत सेवादार हैं। ताकत से उन्हें इतनी घृणा है कि वे उसका दिखावा भी नहीं करते। क्या कोई उन्हें देखकर कह सकता है कि वे प्रधानमंत्री-जैसे दिखते हैं? दरअसल वे ताकत का दिखावा ही नहीं करते, उसका इस्तेमाल भी नहीं करते। यदि करते होते तो उन्हें भारत के इतिहास में ‘घोटालों का बादशाह’ क्यों माना जाता? वे भारत के चौकीदार हैं लेकिन वे हमेशा एक ही रट लगाए रहते हैं कि ‘मैंने चोरी नहीं की है।’ क्या चौकीदार की नियुक्ति चोरी करने या नहीं करने के लिए की जाती है? नहीं, चोरों को पकड़ने के लिए की जाती है लेकिन वैसा करने के लिए ताकत का इस्तेमाल करना पड़ता है और वे तो ताकत से घृणा करते हैं। इसीलिए रोम जल रहा है और बादशाह बंसी बजा रहा है।
इस समय सिक्खों की सूची में मनमोहनसिंहजी बादशाह हैं लेकिन साल भर बाद क्या वे इसी सूची के सबसे निचले पायदान पर बैठे हुए नहीं पाए जाएंगे? साल भर का सम्मान और जीवन-भर का अपमान? इसी तरह उन्होंने डा. मोंटेकसिंह अहलूवालिया को दुनिया का दूसरा सबसे शक्तिशाली सिक्ख बता दिया है। गुरु और चेला, दोनों की क्या खूब जोड़ी बिठाई है? मोंटेक तो वास्तव में सबसे शक्तिशाली और चमत्कारी व्यक्ति हो सकते हैं, क्योंकि उन्होंने भारत के लगभग 60-70 करोड़ लोगों को रातों रात अमीर बना दिया है। उन्होंने सिद्ध किया है कि गांव में जिसे 28 रु. और शहर में जिसे 32 रु. रोज से ज्यादा की कमाई होती है, वह गरीब नहीं है। देश में सिर्फ 30 करोड़ लोग ही गरीब हैं। वाह मोंटेक बाबा, क्या जादू की छड़ी आपने घुमाई है। एक ही झटके में आपने 70 करोड़ लोगों को अमीर बना दिया। सारे लोग पता नहीं क्यों, गुरु और चेले, दोनों को ‘अनर्थशास्त्री’ कहते हैं। इनसे बड़ा अर्थशास्त्री पृथ्वी पर कौन हुआ है? एक ही झटके में 60-70 करोड़ लोगों को जो अमीर बना दे, इतिहास में इनका स्थान लेनिन, माओ और गांधी से भी बड़ा होना चाहिए।
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