दैनिक भास्कर, 13 अक्टूबर 2014 : पिछले हफ्ते गांधी-जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सफाई अभियान और सर संघ चालक मोहन भागवत का विजयदशमी भाषण काफी चर्चा में रहे। उन्होंने आशा जगाई कि देश में अब रचनात्मक काम बड़े पैमाने पर शुरु होंगे लेकिन मुझे शंका है। क्या वाकई कोई रचनात्मक जन-आंदोलन शुरु होगा, जो साफ-सफाई, खादी, स्वभाषा, स्वदेशी, गोरक्षा, नशाबंदी, जाति-मुक्ति आदि बुनियादी … [Read more...] about दक्षेस : कुछ भूल जाएं, कुछ आगे बढ़ें
2013
मोदी का पश्चाताप: मगर के आंसू?
नया इंडिया, 31 दिसंबर 2013 : नरेंद्र मोदी ने अपने ब्लाग में 2002 के रक्तपात पर जो पश्चाताप व्यक्त किया है, उसे ‘मगर के आंसू’ कहना कहां तक ठीक है? कहावत का मगर आंसू तो बहाता है लेकिन वह मछलियों को निगलना बंद नहीं करता लेकिन 2002 के रक्तपात के बाद क्या गुजरात में कोई ऐसी घटना घटी है, जिसकी तुलना हम गोधरा या गुलबर्ग से कर सकें? लगता है कि गुजरात से मानो सांप्रदायिक हिंसा सदा के … [Read more...] about मोदी का पश्चाताप: मगर के आंसू?
एक चाबी भरे गुड्डे का नाच
नया इंडिया, 29 दिसंबर 2013 : ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरकार की दुर्दशा के बारे में जो कुछ लिखा-पढ़ा जा रहा है उसे राहुल गांधी के सलाहकार ठीक से हृदयंगम कर पर रहे हैं। राहुल गांधी खुद सारे अखबार पढ़ें और उनमें लिखी बातों को समझ सकें, ऐसी क्षमता का परिचय उन्होंने नहीं दिया है लेकिन उनके सलाहकारों को बधाई कि आजकल वे ठीक किस्म की चाबी भर रहे हैं। राहुल अगर इसी तरह अपनी केंद्र और … [Read more...] about एक चाबी भरे गुड्डे का नाच
भारत-पाक संवाद: नई आशा
नया इंडिया, 26 दिसंबर 2013: भारत और पाकिस्तान के सैन्य महानिदेशकों की बैठक से कुछ आशा बंधने लगी है। दोनों पड़ौसी देशों के संबंधों में इधर जो ठंडापन पैदा हो गया था, उसमें गर्माहट आती-सी लग रही है। पाकिस्तान में मियां नवाज शरीफ की नई सरकार ने भारत से संबंध सुधारने की कई घोषणाएं की थीं लेकिन एक तो संयुक्त राष्ट्र में नवाज ने जो भाषण कश्मीर के बारे में दिया और दूसरा कब्जाए हुए … [Read more...] about भारत-पाक संवाद: नई आशा
असाधारण प्रधानमंत्री थे अटलजी
नया इंडिया, 25 दिसंबर 2013 : भारत में पिछले 66 साल में दर्जन भर से ज्यादा प्रधानमंत्री हो गए लेकिन मेरी राय में सिर्फ चार प्रधानमंत्री अभी तक ऐसे हुए हैं, जिन्हें देश लंबे समय तक याद करेगा। ये हैं – जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी, पीवी नरसिंहराव और अटलबिहारी वाजपेयी! इन चारों प्रधानमंत्रियों ने अपनी पूर्ण अवधि तक राज किया और भारत के इतिहास-पटल पर ऐसी गहरी लकीरें खींच दी हैं कि … [Read more...] about असाधारण प्रधानमंत्री थे अटलजी
भिश्ती बादशाह की ताजपोषी!
नया इंडिया, 25 दिसंबर 2013: दिल्ली में जो नाटक हो रहा है, वह अभूतपूर्व है। ‘आप’ के नेता अरविंद केजरीवाल ऐसी परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनने को तैयार हो गए हैं, जैसी भारत में पहले किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के सामने नहीं थी। प्रयोगों में पहले भी दो-चार दिनवाले मुख्यमंत्री हुए हैं लेकिन उनके बनने और हटने के कारण काफी अलग थे। दिल्ली का मामला सबसे अजूबा है। जिस पार्टी को हम … [Read more...] about भिश्ती बादशाह की ताजपोषी!
अ-नेताओं ने गाए अ-मुद्दे
नया इंडिया, 20 दिसंबर 2013: कांग्रेस संसदीय दल को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने जो कुछ कहा, क्या उसे सुनकर किसी कांग्रेसी सांसद को संतोष हुआ होगा? उसके घावों पर मरहम लगा होगा? जितने सांसद वहां बैठे हुए थे, उनमें से तीन-चैथाई को पता है कि वे अगली संसद का मुंह नहीं देख पाएंगें लेकिन वे बेचारे क्या करें? मुंह पर पट्टी बांधकर बैठे रहना उनकी मजबूरी है। उनमें से … [Read more...] about अ-नेताओं ने गाए अ-मुद्दे
दब्बू नेता और इतनी हिम्मत?
नया इंडिया, 19 दिसंबर 2013 : हमारी बाबुओं की सरकार में इतनी हिम्मत अचानक कहां से आ गई? उसने बुलडोजर भेज दिए और चाणक्यपुरी के अमेरिकी दूतावास के आस-पास लगी सीमेंट की बाड़ गिरा दी। उसने अमेरिकी वाणिज्य-दूतावास के अधिकारियों के वे ‘पास’ भी वापस मंगा लिए, जिन्हें दिखाकर वे हवाई अड्डों पर विशेष सुविधाओं के हकदार बन जाते थे। इससे भी बड़ी बात यह कि अमेरिकी दूतावास में काम कर रहे स्थानीय … [Read more...] about दब्बू नेता और इतनी हिम्मत?
दुर्योधन की काली लंगोटी
नया इंडिया, 15 दिसंबर 2013 : काले धन के बारे में जो ताज़ा आंकड़े ‘ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी’ नामक संस्था ने जाहिर किए हैं, यदि वे प्रामाणिक हैं तो हमारी सरकार के लिए इससे बढ़कर शर्म की बात क्या हो सकती है। उसके अनुसार 2011 में लगभग 5 लाख करोड़ रुपए का काला धन स्विस बैंकों में भारतीय लोगों ने जमा किया है। 2010 के मुकाबले यह राशि सवाई हो गई है जबकि भारत का सालाना बजट सिर्फ 13 लाख … [Read more...] about दुर्योधन की काली लंगोटी
पूरे कुएं में भांग पड़ी है!
नया इंडिया, 14 दिसंबर 2013 : भारत में भ्रष्टाचार लगभग शिष्टाचार बन गया है। आप किसी को भी कुछ पैसे दीजिए और उससे कोई भी काम करा लीजिए। वह काम करते समय व्यक्ति यह नहीं सोचता है कि अमुख काम उचित है या नहीं, शुभ है या नहीं, कानूनी है या नहीं, नैतिक है या नहीं? इस मामले में हमारे नेतागण सबसे आगे हैं। स्टिंग आपरेशन करने वाली वेबसाइट ‘कोबरापोस्ट’ ने अभी-अभी इस तरह का एक भांडाफोड़ किया … [Read more...] about पूरे कुएं में भांग पड़ी है!