बदायूं के कटरा सआदतगंज में जो वीभत्स घटना घटी, उसकी लपटें अभी बुझी भी नहीं थीं कि आजमगढ़ और नोएडा में बलात्कार की दो घटनाएं और भी हो गई। उत्तरप्रदेश में बलात्कार की लगभग दस घटनाएं रोज होती हैं और पूरे भारत में तो उनकी संख्या सैकड़ों में होती हैं। ये सैकड़ों बलात्कार वे हैँ, जिनका पता चल जाता है। जिनका पता नहीं चलता, उनकी संख्या कई गुना होती हैं। बदायूं में दो लड़कियों के साथ जो वीभत्स बरताव हुआ है, उसे पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैँ। दो बलात्कारी गुंडों ने उन लड़कियों के चाचा पर बंदूक तान ली थी, क्योंकि चाचा ने लड़कियों का शोर सुनकर उन्हें बचाने की कोशिश की थी। लड़कियां रात के अंधेरे में खेतों में शौच करने गई थीं।
निर्भया के बलात्कार के बाद देश में सैकड़ों बलात्कार और भी हो चुके हैं। लेकिन बदायूं के बलात्कार ने देश में एक बार गुस्से की जबरदस्त लहर पैदा की है। इसका कारण बदायूं की पुलिस की लापरवाही भी है। रपट लिखवाने के बावजूद पुलिस सोती रही। यदि पुलिस मौके पर पहुंच जाती तो उन लड़कियों की जान बच जाती। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिसवालों को तो मुअतिल कर ही दिया है और बलात्कारियों को भी पकड़ लिया है। किसी सरकार को जो करना चाहिए, वह उत्तरप्रदेश की सरकार ने मुस्तैदी से किया है लेकिन अखिलेश से मैं पूछता हूं कि वह क्या सिर्फ मुख्यमंत्री ही हैं या नेता भी हैं? यदि नेता हैं तो उन्हें सआदतगंज खुद जाना चाहिए था सबसे पहले जाना चाहिए था। इसलिए भी जाना चाहिए था कि पीडि़ता लड़कियां अनुसूचित जाति की थीं और बलात्कारी और पुलिसवाले उस जाति के हैँ, जिसके अखिलेश स्वयं हैं। अखिलेश को उस गांव में पहुंचकर पीडि़तों के घाव पर मरहम रखना चाहिए था।
अब यह मामला राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा। बलात्कारों को कैसे रोका जाए, इसकी तदबीर निकालने की बजाए अब सब नेता अपनी-अपनी रोटियां सेकेंगे। कोई यह नहीं कहेगा कि बलात्कारियों को ऐसी कठोर सजा तुरंत दी जाए कि किसी के मन में बलात्कार के विचार-मात्र से ही पसीने छूट जाएं। केंद्र सरकार ने भी इस मामले की रपट मांगी है।
मुझे नरेंद्र मोदी का वह बयान आज याद आ रहा है कि हमें देश में देवालय नहीं, शौचालय चाहिए। देश की 25 करोड़ से भी ज्यादा स्त्रियों को शौच के लिए अंधेरे का इंतजार करना पड़ता है। बलात्कार का एक बड़ा कारण यह भी है। इससे बढ़कर शर्म की बात क्या हो सकती है? क्या नेता इस पर ध्यान देंगे? उनके लिए तो बलात्कार भी उनकी शतरंज की एक गोटी भर है।
बलात्कार का नेताई नजरिया
nayaindia
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