नया इंडिया, 26 दिसंबर 2014 : अटलजी को भारत—रत्न दिया गया। किसी ने भी उसका विरोध नहीं किया, क्योंकि जो विरोध कर सकते थे, उन्हें पता है कि अटलजी के जो लोग पासंग भर भी नहीं थे, उन्हें भी भारत रत्न मिल चुका है। ऐसे लोगों का यहां नाम लेना ठीक नहीं, क्योंकि आखिरकार वे अब भारत रत्न हो चुके हैं। वैसे भी वे सम्मानीय तो हैं ही लेकिन मैं सोचता हूं कि अटलजी को भारत रत्न नहीं मिलता तो क्या … [Read more...] about मालवीयजी को भारत—रत्न क्यों?
2014
मोदी की मौनी-मुद्रा
संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा की बैठकें हंगामे की भेंट चढ़ गईं। कई महत्वपूर्ण विधेयक अधर में लटक गए। जिस मुद्दे को लेकर हंगामा होता रहा, उस पर भी कोई सारगर्भित बहस नहीं हुई। धर्मांतरण-जैसा गंभीर मुद्दा भी राजनीति की भेंट चढ़ गया। इसका कारण सिर्फ एक है- विपक्ष की जिद। उसकी जिद यह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही इस मुद्दे पर वक्तव्य दें। उन्होंने यह जिद क्यों पकड़ी? इसलिए … [Read more...] about मोदी की मौनी-मुद्रा
आज अटलजी से बेहतर भारत रत्न कौन!
नया इंडिया, 25 दिसंबर 2014: आज के दिन भारत रत्न के लिए श्री अटलबिहारी वाजपेयी से बेहतर उम्मीदवार कौन हो सकता था और उनको यह सम्मान कॉंग्रेस सरकार देती तो उससे बेहतर क्या होता? लेकिन यह श्रेय मोदी सरकार को ही मिलना था। अब तक कॉंग्रेसी अटल बिहारी वाजपेयी को ‘गलत पार्टी में सही आदमी’कहते रहे| उन्होंने वह मौका खो दिया, कि वे इस ‘सही आदमी’ के सिर पर ताज़ रख देते| अटलजी अभी भाजपा में … [Read more...] about आज अटलजी से बेहतर भारत रत्न कौन!
पेशावर से शुरू हो सकता है नया दौर
दैनिक भास्कर, 20 दिसंबर 2014: पेशावर में हुए हत्याकांड ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है। अब तक पाकिस्तान में हजारों लोग आतंकवाद के शिकार हुए हैं लेकिन डेढ़ सौ बच्चों और अध्यापकों की निर्मम हत्या ने पाकिस्तान के हुक्मरानों को भी जगा दिया है। पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार बोला है कि आतंकवादी अच्छे और बुरे नहीं होते। वे सब बुरे ही होते हैं। सभी प्रकार के आतंकवादियों … [Read more...] about पेशावर से शुरू हो सकता है नया दौर
पेशावर में गुनाहों का गुनाह!
नया इंडिया, 18 दिसंबर 2014 : पेशावर में तालिबान ने जो किया है, वह जुर्मों का जुर्म है। गुनाहों का गुनाह है। यह इतना घृणित कर्म है कि जिन लोगों की तालिबान के प्रति गुपचुप सहानुभूति है, वे भी तालिबान के विरुद्ध हो जाएंगे। जिस स्कूल में डेढ़ सौ बच्चों और अध्यापकों के खून की होली तालिबान ने खेली है, वह स्कूल फौजी जरुर है लेकिन उसमें सिर्फ फौजियों के बच्चे ही नहीं पढ़ते हैं। उसमें … [Read more...] about पेशावर में गुनाहों का गुनाह!
आस्ट्रेलिया में आतंकवाद
नया इंडिया, 16 दिसंबर 2014 : आस्ट्रेलिया में हुए आतंकवादियों के हमले की पूरी जानकारी धीरे-धीरे सामने आ रही है लेकिन हमारा अनुमान है कि जिन 40 लोगों को बंधक बनाया गया है, उनमें कुछ दक्षिण एशियाई नागरिक जरुर होंगे। आस्ट्रेलिया का ऐसा कौनसा बड़ा शहर है, जिसमें भारतीय लोग हजारों की संख्या में नहीं रहते हैं। वहां नेपाली, पाकिस्तानी और श्रीलंकाई लोग भी हैं लेकिन नहीं लगता कि इस हमले … [Read more...] about आस्ट्रेलिया में आतंकवाद
अधर्म-परिवर्तन है, यह!
धर्म परिवर्तन को लेकर जो हंगामा संसद में हो रहा था, वह तो अब थम गया है लेकिन इस मामले पर सभी पक्ष यदि शांतिपूर्ण विचार नहीं करेंगे तो यह सारा मामला इतना तूल पकड़ सकता है कि वह नरेंद्र मोदी की सरकार को काफी बड़ी उलझन में डाल सकता है। यह उलझन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर की ही नहीं होगी, इसके अंतरराष्ट्रीय आयाम भी हैं। भारत में तथाकथित ‘घर वापसी’ का अभियान तो बहुत छोटा है। मुश्किल के कुछ … [Read more...] about अधर्म-परिवर्तन है, यह!
थोक धर्म परिवर्तन पर रोक लगे
दैनिक भास्कर, 13 दिसंबर 2014: नरेंद्र मोदी सरकार की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। संसद का यह सत्र भी फिजूल की बहसों पर बलि चढ़ रहा है। पहले रामजादा और इस शब्द में ‘ह’ उपसर्ग जोड़कर बने शब्द की बहस चली, फिर ‘घर वापसी’ का तूफान उठा और फिर नाथूराम गोडसे गूंजने लगा। संसद का काम क्या इन्हीं मुद्दों पर मुठभेड़ करते रहना है? या फिर देश के महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर नीति … [Read more...] about थोक धर्म परिवर्तन पर रोक लगे
तीतर-बटेर पत्रकारिता!
नया इंडिया, 12 दिसंबर 2014 : आज प्रहसन-पत्रकारिता और तीतर-बटेर पत्रकारिता का एक नया नमूना हमारे टीवी चैनलों ने दिखाया। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी मध्यप्रदेश के अपने हैं। वे भोपाल के निकटस्थ विदिशा के निवासी हैं लेकिन उनको लेकर भोपाल में विधायकों और मंत्रियों ने अपने ज्ञान का जैसा प्रदर्शन किया है, वह हमारे राजनीतिज्ञों की बौद्धिकता की पोल खोल देता है। एक टीवी चैनल के … [Read more...] about तीतर-बटेर पत्रकारिता!
गीता को बस गीता रहने दें
नया इंडिया, 10 दिसंबर 2014: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गीता को ‘राष्ट्रीय ग्रंथ’ घोषित करने की इच्छा व्यक्त की है। वे, क्योंकि विदेश मंत्री हैं, इसीलिए सारे विपक्षी दल उनके पीछे पड़ गए हैं। यदि वे विदेश मंत्री नहीं होतीं तो उनकी राय की कोई परवाह भी नहीं करता, क्योंकि न तो वे गीता की महान पंडिता की तौर पर जानी जाती हैं और न ही वे किसी हिंदू संप्रदाय की मुखिया हैं। इसीलिए गीता … [Read more...] about गीता को बस गीता रहने दें