डोनाल्ड ट्रंप के वक्तव्य ने यह सिद्ध कर दिया है कि वे अमेरिका क्या, मालदीव के राष्ट्रपति होने लायक भी नहीं हैं। उन्हें पेरिस के जलवायु समझौते को तोड़ना था तो वे उसे जरुर तोड़ते, लेकिन उन्हें भारत पर इतने मूर्खतापूर्ण और अश्लील आरोप लगाने की क्या जरुरत थी? उनके यह कहने का अर्थ क्या है कि पेरिस समझौते पर दस्तखत करने के लिए भारत ने समृद्ध राष्ट्रों से अरबों डाॅलर खाए हैं। अरबों … [Read more...] about ट्रंप को धिक्कारः मोदी को शाबाशी
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यूरोप में ट्रंप और मोदी
पहले डोनाल्ड ट्रंप और अब नरेंद्र मोदी यूरोप में हैं। ट्रंप और मोदी में कई समानताएं हैं लेकिन मुझे विश्वास है कि यूरोप में मोदी की भूमिका ट्रंप के मुकाबले बेहतर होगी। ट्रंप ने नाटो देशों को अपने भाषणों में हड़का दिया है। उन्होंने नाटो देशों से साफ-साफ कह दिया है कि अमेरिका आपकी सुरक्षा का बोझ कब तक ढोता रहेगा ? आप अपने सकल उत्पाद का दो प्रतिशत भी खर्च नहीं करते, अपनी सुरक्षा पर … [Read more...] about यूरोप में ट्रंप और मोदी
सीरिया में शांति के आसार
यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति के इतिहास की विलक्षण घटना है। दूसरे महायुद्ध के बाद रुस और अमेरिका हमेशा एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी बने रहे। कभी वे जर्मनी, कभी क्यूबा, कभी वियतनाम और कभी अफगानिस्तान में एक-दूसरे के विरुद्ध लड़ते रहे और जब वह शीत-युद्ध थम गया तो भी वे परस्पर-विरोधी ताकतों का समर्थन करते रहे, जैसे कि वे आजकल सीरिया में करते रहे हैं। यदि रुस सीरिया के शासक बशर अल-असद का … [Read more...] about सीरिया में शांति के आसार
भारत-अमेरिकाः उपयोगी रक्षा-सुविधा समझौता
भारत और अमेरिका के बीच परस्पर रक्षा-सुविधाओं का जो समझौता वाशिंगटन में हुआ है, उसे लेकर चीन और पाकिस्तान जितने दुखी हैं, उतने ही दुखी हमारे कॉमरेड और कांग्रेसी भाई लोग भी हैं। इस समझौते के तहत दोनों देश अपने-अपने फौजी अड्डों पर एक-दूसरे को समय-समय पर तरह-तरह के सुविधाएं प्रदान करेंगे। जैसे ईंधन भरना, जहाजों की मरम्मत करना, रसद लेना, विश्राम करना आदि। लेकिन दोनों देश एक-दूसरे के … [Read more...] about भारत-अमेरिकाः उपयोगी रक्षा-सुविधा समझौता