नवभारत टाइम्स, 21 अप्रैल 2002 : छत्र्पति शिवाजी ने कभी कहा था ‘गढ़ आला, सिंह गेला’ यानी किला तो पा लिया लेकिन सेनापति खो दिया| वही बात आज के जनसंघियों पर लागू होती है| वे गुजरात जीतते जा रहे हैं लेकिन रोज भारत हारते जा रहे हैं| सारा भारत कह रहा है, मुख्यमंत्र्ी को हटाओ| वह अकर्मण्य है, अहमन्य है, अनाड़ी है और गोवा से भाजपा का जवाब आता है कि तुम कौन होते हो, यह सब बकवास करने … [Read more...] about गुजरात पाइए और भारत खोइए
Archives for April 2002
गुजरात पाइए और भारत खोइए
नवभारत टाइम्स, 21 अप्रैल 2002 : छत्र्पति शिवाजी ने कभी कहा था ‘गढ़ आला, सिंह गेला’ यानी किला तो पा लिया लेकिन सेनापति खो दिया| वही बात आज के जनसंघियों पर लागू होती है| वे गुजरात जीतते जा रहे हैं लेकिन रोज भारत हारते जा रहे हैं| सारा भारत कह रहा है, मुख्यमंत्र्ी को हटाओ| वह अकर्मण्य है, अहमन्य है, अनाड़ी है और गोवा से भाजपा का जवाब आता है कि तुम कौन होते हो, यह सब बकवास करने … [Read more...] about गुजरात पाइए और भारत खोइए
मच्छर के बदले हाथी और तमंचे की जगह तोप
09 अप्रैल 2002 : ईसा को शांति का मसीहा माना जाता है| उनके जन्म-स्थान बेथलेहम का आज क्या हाल है ? दुआ के लिए उठे हाथों की बजाय आज बेथलेहम पर बंदूकें तनी हुई हैं और ‘चर्च ऑफ नेटिविटी’ पर बम बरस रहे हैं| सिर्फ ईसाइयों के गिरजे ही नहीं, यहूदियों के सिनेगॉग और मुसलमानों की मस्जिदें भी रक्त-स्नान कर रही हैं| तीसरी दुनिया के हरे तोते यासर अराफात को पिंजरे में बंद कर दिया गया है| … [Read more...] about मच्छर के बदले हाथी और तमंचे की जगह तोप
अपने ही घर में किरायेदार भारत !
हिन्दुस्तान, 1 अप्रैल 2002 : कुछ दिन पहले राष्ट्रपति बुश के सलाहकार डॉ0 जलमई खलीलजाद भारत आए थे| वे भारत के कुछ विशेषज्ञों से अफगानिस्तान पर बात कर रहे थे| बात चलते-चलते यहाँ तक पहुँच गई कि नई दिल्ली में अमेरिका के राजदूत प्रो0 ब्लेकविल ने सारे विशेषज्ञों से पूछा कि “यह बताइए, मध्य एशिया और अफगानिस्तान में भारत और अमेरिका के हित एक-जैसे हैं या नहीं ? उस इलाके में भारत और … [Read more...] about अपने ही घर में किरायेदार भारत !