06 जुलाई 2002 : हर मज़हब ने अपने भक्तों को स्वर्ग के सब्ज बाग़ दिखाए हैं, लेकिन वह स्वर्ग मरने के बाद ही मिलता है| असली सवाल यह है कि जीते-जी स्वर्ग कैसे मिले ? यदि कोई जीते-जी स्वर्ग देखना चाहता हो तो उसे अमेरिका आना चाहिए| स्वर्ग के सारे सुख यहाँ उपलब्ध हैं| इन्हें देखकर हर व्यक्ति सुखी हो जाए, यह आवश्यक नहीं, क्योंकि सुख-दुख तो मूलत: मन की अवस्थाएँ हैं, लेकिन यदि भौतिक … [Read more...] about अमेरिकी स्वर्ग के कुछ पहलू
Archives for July 2002
अराफात पर क्यों अटक गई है, सुई ?
हिन्दुस्तान, 04 जुलाई 2002: राष्ट्रपति बुश का भाषण उनके लिए नोबेल पुरस्कार का कारण बन सकता था लेकिन अब डेढ़-दो हफ्ते बाद ऐसा लगता है कि वह भाषण अरब-इस्राइली आग को भड़काने में घी का काम करेगा| भाषण का मुखड़ा इतना बढि़या था कि फलस्तीनी नेता यासर अराफात भी उस पर फिदा हो गए| उन्होंने पहले ही दिन बुश के प्रस्ताव का स्वागत कर दिया| जिस गर्मजोशी से अराफात ने स्वागत किया, किसी अन्य अरब … [Read more...] about अराफात पर क्यों अटक गई है, सुई ?
अफगान पहेली का भारतीय हल
नवभारत टाइम्स, जुलाई 2002 : अफगान लोया जिरगा (महासंसद) को लेकर लगना था कि हाथी तो निकल गया लेकिन पूँछ अटक कई याने मंत्रिमंडल को लेकर कहीं लोया जिरगा ही भंग न हो जाए, यह डर सबसे ज्यादा अमेरिका को सताने लगा था| वाशिंगटन डी0सी0 में कहा जा रहा था कि बॉन सम्मेलन तो अमेरिका ने पार लगा दिया लेकिन काबुल में उसका बेड़ा गर्क हो सकता है| अमेरिकी प्रतिनिधि को लोया जिरगा के कुछ सदस्यों … [Read more...] about अफगान पहेली का भारतीय हल