आज के अखबारों में दो खबरें ऐसी हैं, जो बहुत बेचैन कर देती हैं। एक तो फौज की भर्ती-परीक्षा के प्रश्न पत्र का पहले से ‘आउट’ या ‘लीक’ हो जाना और दूसरा, मप्र के कुख्यात व्यापम घोटाले के छात्रों द्वारा चोरी और सीनाजोरी करना याने जांच के दौरान यह झूठ बोलना कि उनकी जगह किसी और को परीक्षा में बिठाने वाले दलाल की मौत हो गई है। ये दोनों मामले ऐसे हैं, जिनमें सैकड़ों छात्र गिरफ्तार किए गए … [Read more...] about कठोरतम सजा की जरुरत
Archives for February 2017
पश्चिमी नेताओं का अतिवाद
अमेरिका और यूरोप के राष्ट्रों में राष्ट्रवाद के नाम पर कितना अतिवाद हो रहा है, इसके ताजा प्रमाण अभी-अभी सामने आए हैं। अमेरिका के केन्सास शहर में एक गोरे अमेरिकी ने दो भारतीयों पर गोलियां चला दीं और कहा कि तुम अमेरिका से भाग जाओ। इधर पेरिस में फ्रांस की दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी नेता श्रीमती ली पेन ने कहा है कि अगर वे राष्ट्रपति बन गईं तो वे बुर्के, सिर के दुपट्टे और यहूदी टोपी … [Read more...] about पश्चिमी नेताओं का अतिवाद
महाराष्ट्र में कौन जीताः मोदी या फड़नवीस?
महाराष्ट्र के स्थानीय चुनावों में कौन जीता, यह भी कोई सवाल है? सबको पता है कि कौन जीता? मुंबई और ठाने में शिवसेना, बाकी सभी आठों स्थानों पर भाजपा की विजय हुई है? मुंबई में भी भाजपा की ताकत तीन गुना बढ़ गई है। फिर भी यह सवाल कि कौन जीता? क्यों? इसलिए कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस अपूर्व और अद्भुत जीत का श्रेय खुद को नहीं दिया है। तो किस को दिया है? … [Read more...] about महाराष्ट्र में कौन जीताः मोदी या फड़नवीस?
भारत-चीन संवाद
विदेश सचिव सु. जयशंकर ने चीन के नेताओं और अफसरों से वहां जाकर जो संवाद कायम किया है, उससे बेहतर तरीका फिलहाल क्या हो सकता है? इस समय विवाद के तीन तात्कालिक मुद्दे हैं। पहला, जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्तराष्ट्र का प्रतिबंध और इस प्रतिबंध का चीन द्वारा विरोध, दूसरा, परमाणु आपूर्ति समूह में भारत की सदस्यता में चीन का अड़ंगा और तीसरा, पाकिस्तानी कब्जे के भारतीय कश्मीर … [Read more...] about भारत-चीन संवाद
शादियां: कश्मीर दिखा रहा रास्ता
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वह कर दिखाया है, जो देश के हर मुख्यमंत्री को करना चाहिए। शादियों में होने वाले अनाप-शनाप खर्च पर रोक लगाने का जो विधेयक संसद में आ रहा है, उस पर मुहर लगे या न लगे लेकिन हर प्रदेश की सरकार चाहे तो वह ऐसे कड़े कानून बना सकती है कि जिससे देश के गरीब और मध्यम वर्ग को जबर्दस्त राहत मिल सकती है। महबूबा सरकार ने सबसे पहले तो निमंत्रण पत्रों … [Read more...] about शादियां: कश्मीर दिखा रहा रास्ता
काले धन के लिए मोदी का शुक्रिया!
नोटबंदी किस बुरी तरह से पिट गई है, इसका पता आज के ताजा आंकड़े दे रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि नोटबंदी से काला धन समाप्त होगा, नकली नोट खत्म होंगे और आतंकवादियों की जेबें खाली हो जाएंगी। इन तीनों मुद्दों पर सरकार मात खा गई है। पांच राज्यों में हो रहे इन चुनावों में इतने ज्यादा नकद नोट पकड़े गए हैं कि केशलेस व्यवस्था की नाक कट गई है या यों कहें तो बेहतर होगा कि मोदी … [Read more...] about काले धन के लिए मोदी का शुक्रिया!
अदालतों से अंग्रेजी को भगाओ
कानून और न्याय की संसदीय कमेटी ने बड़ी हिम्मत का काम किया है। उसने अपनी रपट में सरकार से अनुरोध किया है कि वह सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषाओं के प्रयोग को शुरु करवाए। उसने यह भी कहा है कि इसके लिए उसे सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति या सहमति की जरुरत नहीं है, क्योंकि संविधान की धारा 348 में साफ-साफ लिखा है कि यदि संसद चाहे तो उसे भारतीय भाषाओं को अदालतों में चलाने का … [Read more...] about अदालतों से अंग्रेजी को भगाओ
मांसाहारी भारत?
दुनिया में सबसे ज्यादा शाकाहारी किस देश में रहते हैं? जाहिर है कि भारत में रहते हैं। दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं हैं, जिसके लाखों-करोड़ों नागरिकों ने अपने जीवन में मांस, मछली, अंडा जैसी कोई चीज़ कभी खाई ही नहीं। दुनिया का ऐसा कौन सा देश है, जिसमें इन पदार्थों को ‘अखाद्य’ (न खाने योग्य) माना गया है? भारत के अलावा कोई भी नहीं। मैं दुनिया के लगभग 80 देशों की यात्रा पिछले 50 साल … [Read more...] about मांसाहारी भारत?
सेनापति के बयान पर तू-तू–मैं-मैं
भारतीय सेनापति जनरल बिपिन रावत के बयान पर विचित्र किस्म की राजनीति हो रही है। भाजपा और कांग्रेस के छोटे-मोटे नेताओं और प्रवक्ताओं ने बयानों की झड़ी लगा दी है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे को देशद्रोही सिद्ध करने पर उतारु हो गई हैं। जनरल रावत ने यही तो कहा है कि कश्मीर के आंदोलनकारी नौजवान यदि पत्थर मारते हैं और हिंसा करते हैं तो उनके साथ सख्ती बरती जाएगी। फौज का काम क्या होता है? … [Read more...] about सेनापति के बयान पर तू-तू–मैं-मैं